भोपाल। कांग्रेस के दिग्गज नेता व एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह 77 बरस की उम्र में अपने राजनीतिक जीवन का आखिरी चुनाव लड़ रहे हैं. खबर सिर्फ इतनी नहीं, खबर ये है कि 77 साल की उम्र में दिग्विजय सिंह का राजगढ़ लोकसभा सीट पर इलेक्शन प्लान, प्रचार का अंदाज और पोल की तैयारी देश में सबसे अलग है. प्रचार से लेकर उम्मीदवारी तक किस तरह दिग्विजय सिंह की बदौलत देश में राजगढ लोकसभा सीट का चुनाव सबसे अनूठा हो गया है. यहां पढ़िए
एमपी में ईवीएम, लेकिन राजगढ़ में बैलेट से चुनाव
पूरे प्रदेश में ईवीएम से चुनाव हो रहे हैं, लेकिन लंबे समय से ईवीएम पर सवाल उठा रहे दिग्विजय सिंह की पूरी तैयारी राजगढ़ लोकसभा सीट पर बैलेट पेपर से चुनाव करवाने की है. आज से राजगढ़ में नामांकन शुरु हुआ है. दिग्विजय सिंह की तैयारी है कि इस सीट से उन्हें मिलाकर 384 कैंडिडेंट चुनाव लड़ें. दिग्विजय चाहते हैं कि राजगढ़ सीट पर बैलेट पेपर से चुनाव करवाया जाए. 384 उम्मीदवार हो जाने की सूरत में ये मुमकिन हो सकता है कि निर्वाचन आयोग को बैलेट पेपर से ही चुनाव करवाने पड़ें. लिहाजा वे अपने समर्थकों से अपील कर रहे हैं कि वे राजगढ़ आकर निर्दलीय नामांकन दाखिल करें.
दिग्विजय सिंह की अपील अगर रंग लाती है तो तय मानिए कि राजगढ़ लोकसभा सीट भारत की सबसे ज्यादा कैंडिडेट्स वाली सीट बन जाएगी. दिग्विजय सिंह की अपील असर दिखाने भी लगी है. जबलपुर की पूर्व मेयर कल्याणी पाण्डे समेत कई और दिग्विजय समर्थक अब राजगढ़ पहुंचकर निर्दलीय फार्म भरने की तैयारी में हैं.
प्रचार में दिग्गजों की सभाएं Vs दिग्विजय की पदयात्रा
राजगढ़ लोकसभा सीट पर दिग्विजय सिंह के प्रचार का अंदाज भी सबसे अलग है. दिग्विजय अपनी लोकसभा सीट पर लगातार वादा निभाओ पद यात्रा निकाल रहे हैं और जनता के बीच उनके स्थायी मुद्दों को लेकर संवाद करते हैं. ये मुद्दे उनकी पदयात्रा के भाषणों का हिस्सा होते हैं. 77 बरस की उम्र में भी वे लगातार जनता के बीच पैदल चलकर पहुंचते हैं. उनसे संवाद करते हैं और रात में ठहरते भी पार्टी के ही किसी कार्यकर्ता के घर पर हैं.
नामांकन में भीड़ मत जुटाना, बूथ पर जाना
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर अपने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से अपील की है. उन्होंने कहा कि मैं 16 अप्रैल को राजगढ़ लोकसभा सीट के लिए नामांकन भरने जा रहा हूं. ये मौका आपके लिए ताकत प्रदर्शन करने का है, लेकिन मैं निवेदन करना चाहता हूं जिस वक्त मैं अपना पर्चा दाखिल कर रहा हूं. उस समय आप मेरे बजाय मतदाताओं के बीच रहें. अपने अपने पोलिंग बूथ पर जाकर बूथ कमेटी की मीटिंग करें और उसके फोटो वीडियो बनाकर अपने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मुझे टैग करते हुए शेयर करें.
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दिग्विजय सिंह की रणनीति का तोड़ नहीं
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के मीडिया सलाहकार के के मिश्रा कहते हैं 'दिग्विजय सिंह की जो रणनीति होती है. जो उनका प्रबंधन है, उसका कोई तोड़ नहीं. कैसे कम संसाधनों में प्रभावी चुनाव लड़ा जा सकता है. राजगढ़ लोकसभा सीट इसकी मिसाल बनती जा रही है. दिग्विजय सिंह ने हमेशा ईवीएम का मुद्दा उठाया और अब देखिए वो बैलेट पेपर से चनाव के लिए आगे बढ़ चुके हैं. दूसरी तरफ उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं को निर्देशित कर दिया है कि शक्ति प्रदर्शन नहीं करना बूथ पर जाकर काम में जुटना है.