लखनऊ : हाल ही में जेल से जमानत पर बाहर आए पूर्व सांसद धनंजय सिंह की फिर से मुश्किलें बढ़ सकती हैं. पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की कंपनी से जमीन खरीदने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय के बाद अब लोकायुक्त ने भी अपनी जांच शुरू कर दी है. इस मामले को लेकर जौनपुर के कृपा शंकर यादव ने लोकयुक्त व ईडी से शिकायत की थी.
शिकायतकर्ता कृपा शंकर का आरोप है कि खनन घोटाले व रेप के मामले में जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के परिवार की एमजीए कॉलोनाइजर्स ने वर्ष 2016 में लखनऊ-सुल्तानपुर रोड स्थित अहमामऊ में 12 प्लॉट जिसका क्षेत्रफल 1784.386 स्क्वेयर मीटर था, खरीदी थी. इसकी कीमत 3.80 करोड़ रुपए थी. शिकायतकर्ता का आरोप है कि, ये जमीन वर्ष 2019 में धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को 10 लाख रुपए के लाभ में 3.90 करोड़ में बेच बेच दी गई थी.
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि गायत्री प्रसाद प्रजापति की कंपनी और धनंजय सिंह के बीच हुई इस सौदेबाजी में लेनदेन संदिग्ध है. ऐसे में उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय के साथ-साथ लोकयुक्त से भी इस मामले की शिकायत की थी. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय पहले ही जांच शुरू कर चुका है. अब लोकायुक्त ने भी जांच शुरू की है. सचिव लोकायुक्त राजेश कुमार ने वाराणसी मंडलायुक्त से समिति गठित कर इससे संबंधित शिकायतों की जांच कराने और तथ्यात्मक जांच रिपोर्ट लोकायुक्त को उपलब्ध कराने को कहा है.
अपहरण व फिरौती मामले में मिली है बेल
पूर्वांचल में धाक रखने वाले बाहुबली धनंजय सिंह हाल ही जमानत पर जेल से बाहर आए हैं. दरअसल, 2020 में नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर को किडनैप करने और उससे रंगदारी वसूलने के मामले में जौनपुर की स्थानीय अदालत धनंजय सिंह को 7 साल की सजा सुना चुकी है. इसकी वजह से वह इस बार लोकसभा इलेक्शन भी नहीं लड़ पाए. हालांकि बसपा ने उनकी पत्नी श्रीकला रेड्डी को टिकट दिया था, लेकिन बाद में किसी और ने पर्चा भरा. एमपी-एमएलए कोर्ट की सजा के खिलाफ वह इलाहबाद हाईकोर्ट गए, लेकिन वहां से भी अभी तक सजा रोकने को लेकर कोई राहत नहीं मिली है. यह जरूर है कि हाईकोर्ट ने बेल दे दी.
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