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सुकमा में बाढ़ के बाद डायरिया से पूरा गांव बीमार, 15 दिन में 7 की मौत

सुकमा में डायरिया से 15 दिन में 7 लोगों की मौत हो गई है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में अस्थायी अस्पताल बनाया है.

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 2 hours ago

DIARRHEA IN SUKMA
सुकमा में डायरिया (ETV Bharat Chhattisgarh)

सुकमा: बस्तर संभाग के सुकमा के छिंदगढ़ विकासखण्ड के गांव चितलनार में लगातार ग्रामीणों की मौतें हो रही हैं. मौत से गांव में दहशत का माहौल बन गया है. मौतों के बाद डरे लोग कभी सिरहा गुनिया के दरवाजे पर पहुंच रहे हैं तो कोई अस्पताल का चक्कर काट रहा है.

सुकमा में डायरिया का कहर: अगस्त-सितंबर के महीने में भारी बारिश के कारण गांव में बाढ़ की स्थिति बन गई. बाढ़ का पानी लगभग सभी घरों में घुस गया. करीब 25 से ज्यादा घर ढह गए. लोगों को आर्थिक नुकसान तो हुआ ही साथ ही अब डायरिया ने भी पैर पसार लिए. डायरिया से गांव के लगभग सभी लोग ग्रसित होने लगे.

सुकमा में डायरिया का कहर (ETV Bharat Chhattisgarh)

चिंतलनार में 15 दिन में 7 की मौत: ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 15 दिनों में अब तक गांव में 7 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से 5 मौतें तो केवल एक हफ्ते के अंदर हुई है. अस्पताल जाने से भी राहत नहीं मिल रही है. मौत के कारण भय का माहौल बना हुआ है. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा लगाए गए शिविर में ग्रामीण अपना इलाज करवा रहे हैं. लेकिन उल्टी दस्त हो रहा है. जितने भी लोगों की मौत हुई है. सभी को डायरिया हुआ था. कई ग्रामीणों को डायरिया की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

बाढ़ के बाद फैला डायरिया: ग्रामीण के मुताबिक चिंतलनार में सितंबर के महीने में आई बाढ़ के बाद डायरिया का प्रकोप फैल गया. 7 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है. ग्रामीण ने बताया कि गांव के कुछ लोग छिंदगढ़ ब्लॉक गए थे और शासन प्रशासन से गांव में शिविर लगाकर इलाज के लोग छिंदगढ़ ब्लॉक में आवेदन भी दिया गया है.

100 से ज्यादा लोगों की जांच: गांव में डायरिया से मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में शिविर लगाया. चिंतलनार और आसपास के 100 से ज्यादा लोगों की जांच की है. इनमें से 40 से ज्यादा लोगों के शरीर में दर्द है. जबकि 9 लोग डायरिया से पीड़ित हैं. कई लोगों को बुखार भी है. गांव में 63 मकान हैं. जिसमें 364 लोग रहते हैं. यह गांव सुकमा जिला मुख्यालय से करीब 45 किमी की दूरी पर स्थित है.

गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम: सुकमा जिला के CMHO कपिल कश्यप ने बताया कि चिंतलनार में डायरिया से मौत की जानकारी लगने के बाद 8 अक्टूबर को स्वास्थ्य विभाग की टीम को जांच के लिए गांव रवाना किया गया है. घर घर सर्वे किया गया. 2 से 3 लोग बीमार मिले जिन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया. 13 अक्टूबर को मेडिकल कॉलेज में एक मौत हुई. इसके अलावा 2 से 3 मौतें गांव से बाहर हुई है.

सीएमएचओ ने आगे बताया कि 13 अक्टूबर से चिंतलनार में लगातार स्वास्थ्य विभाग की टीम मौजूद है. लगातार जांच शिविर गांव में चल रहा है. लोग आकर अपना इलाज और जांच करवा रहे हैं. कुछ ग्रामीणों को अस्पताल में गांव से रेफर किया गया है. इसके अलावा BMO सहित जिला अस्पताल से 4 डॉक्टरों की टीम को शिविर में जांच के लिए भेजा गया है. मितानित घर घर जाकर लोगों का चेकअप कर रही है. लोगों को ओआरएस दिया जा रहा है. रात और दिन में टीम लगी हुई है.

गांव में डायरिया से दो की मौत, स्वास्थ्य विभाग ने लगाया शिविर - Diarrhea in bansagar
गनिया में डायरिया से 26 लोग बीमार, गांव में स्वास्थ्य विभाग ने किया कैंप - Diarrhea in Bemetara
संक्रमित पति की देखभाल करने अस्पताल गई थी पत्नी, दोनों की हुई मौत - Diarrhea in Balod

सुकमा: बस्तर संभाग के सुकमा के छिंदगढ़ विकासखण्ड के गांव चितलनार में लगातार ग्रामीणों की मौतें हो रही हैं. मौत से गांव में दहशत का माहौल बन गया है. मौतों के बाद डरे लोग कभी सिरहा गुनिया के दरवाजे पर पहुंच रहे हैं तो कोई अस्पताल का चक्कर काट रहा है.

सुकमा में डायरिया का कहर: अगस्त-सितंबर के महीने में भारी बारिश के कारण गांव में बाढ़ की स्थिति बन गई. बाढ़ का पानी लगभग सभी घरों में घुस गया. करीब 25 से ज्यादा घर ढह गए. लोगों को आर्थिक नुकसान तो हुआ ही साथ ही अब डायरिया ने भी पैर पसार लिए. डायरिया से गांव के लगभग सभी लोग ग्रसित होने लगे.

सुकमा में डायरिया का कहर (ETV Bharat Chhattisgarh)

चिंतलनार में 15 दिन में 7 की मौत: ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 15 दिनों में अब तक गांव में 7 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से 5 मौतें तो केवल एक हफ्ते के अंदर हुई है. अस्पताल जाने से भी राहत नहीं मिल रही है. मौत के कारण भय का माहौल बना हुआ है. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा लगाए गए शिविर में ग्रामीण अपना इलाज करवा रहे हैं. लेकिन उल्टी दस्त हो रहा है. जितने भी लोगों की मौत हुई है. सभी को डायरिया हुआ था. कई ग्रामीणों को डायरिया की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

बाढ़ के बाद फैला डायरिया: ग्रामीण के मुताबिक चिंतलनार में सितंबर के महीने में आई बाढ़ के बाद डायरिया का प्रकोप फैल गया. 7 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है. ग्रामीण ने बताया कि गांव के कुछ लोग छिंदगढ़ ब्लॉक गए थे और शासन प्रशासन से गांव में शिविर लगाकर इलाज के लोग छिंदगढ़ ब्लॉक में आवेदन भी दिया गया है.

100 से ज्यादा लोगों की जांच: गांव में डायरिया से मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में शिविर लगाया. चिंतलनार और आसपास के 100 से ज्यादा लोगों की जांच की है. इनमें से 40 से ज्यादा लोगों के शरीर में दर्द है. जबकि 9 लोग डायरिया से पीड़ित हैं. कई लोगों को बुखार भी है. गांव में 63 मकान हैं. जिसमें 364 लोग रहते हैं. यह गांव सुकमा जिला मुख्यालय से करीब 45 किमी की दूरी पर स्थित है.

गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम: सुकमा जिला के CMHO कपिल कश्यप ने बताया कि चिंतलनार में डायरिया से मौत की जानकारी लगने के बाद 8 अक्टूबर को स्वास्थ्य विभाग की टीम को जांच के लिए गांव रवाना किया गया है. घर घर सर्वे किया गया. 2 से 3 लोग बीमार मिले जिन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया. 13 अक्टूबर को मेडिकल कॉलेज में एक मौत हुई. इसके अलावा 2 से 3 मौतें गांव से बाहर हुई है.

सीएमएचओ ने आगे बताया कि 13 अक्टूबर से चिंतलनार में लगातार स्वास्थ्य विभाग की टीम मौजूद है. लगातार जांच शिविर गांव में चल रहा है. लोग आकर अपना इलाज और जांच करवा रहे हैं. कुछ ग्रामीणों को अस्पताल में गांव से रेफर किया गया है. इसके अलावा BMO सहित जिला अस्पताल से 4 डॉक्टरों की टीम को शिविर में जांच के लिए भेजा गया है. मितानित घर घर जाकर लोगों का चेकअप कर रही है. लोगों को ओआरएस दिया जा रहा है. रात और दिन में टीम लगी हुई है.

गांव में डायरिया से दो की मौत, स्वास्थ्य विभाग ने लगाया शिविर - Diarrhea in bansagar
गनिया में डायरिया से 26 लोग बीमार, गांव में स्वास्थ्य विभाग ने किया कैंप - Diarrhea in Bemetara
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