रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में डायरिया का प्रकोप देखने को मिल रहा है. रायपुर के लाभांडी क्षेत्र में लगातार डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इस बीच जिला प्रशासन डायरिया पर रोकथाम को लेकर कई बड़े-बड़े दावे कर रही है. हालांकि रायपुर में हर दिन 2 से 4 मरीज डायरिया के मरीज मिल रहे हैं. इस बीच ईटीवी भारत ने क्षेत्र के लोगों से बातचीत कर लाभांडी के हालत को समझने की कोशिश की.
रायपुर का लाभांडी डायरिया का हॉटस्पॉट: ईटीवी भारत की टीम रायपुर के लाभांडी स्थित संकल्प सोसायटी पहुंची. ये क्षेत्र रायपुर में डायरिया का हॉटस्पॉट बना हुआ है. इस सोसाइटी में रहने वालों में डायरिया को लेकर ऐसा खौफ है कि कई लोग अपने परिवार को लेकर कहीं और चले जा रहे हैं, हालांकि जो लोग क्षेत्र में हैं उनमें डायरिया से प्रभावित लोग अस्पताल में डायरिया का इलाज करा रहे हैं. तो जो डायरिया की चपेट में नहीं है, वो लोग सावधानियां बरत रहे हैं.
सोसाइटी के 100 लोग डायरिया पीड़ित: ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान क्षेत्र के रहवासी सत्तू बनकर ने कहा कि, "अभी भी हालत ठीक नहीं है. लोग घर छोड़कर जा रहे हैं. जिसके पास रहने के लिए दूसरी जगह थी, वह चले गए. जिनके पास दूसरा घर नहीं था, वह मजबूरी में यहां रह रहे हैं. पिछले शनिवार-रविवार से यही स्थिति है. गंदे पानी की वजह से आज कॉलोनी में यह स्थिति पैदा हुई है. कॉलोनी में 232 परिवार रहते हैं. लगभग 100 के आसपास लोग डायरिया की चपेट में आ चुके हैं. इन लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि यहां पक्की नाली का निर्माण कराया जाए, जिससे गंदा पानी नालियों के जरिए पक्के बड़े नाले में चला जाए. हमारी मांग है कि जो पीने के पानी की टंकी बनाई गई है, उसके जरिए कॉलोनी में पीने के पानी की सप्लाई की जाए.
डायरिया की वजह से मेरे बच्चे की भी तबीयत खराब है. उसका उपचार अस्पताल में चल रहा है. -हरि बिसेन, स्थानीय निवासी
पानी के कारण बीमार पड़ रहे लोग: वहीं, संकल्प सोसायटी के अध्यक्ष सूरज यादव ने ईटीवी भारत को बताया कि, "कॉलोनी में जहां बोर है, उसके आसपास सेप्टिक टैंक है. साथ ही कॉलोनी के बाहर भी बस्ती का गंदा पानी जमा होता है. यह पानी बोर में जाता है. इस बोर के पानी की सप्लाई लोगों के घरों में होती है. इसी पानी की वजह से लोग बीमार हुए हैं. उनमें डायरिया फैला है. हमने प्रशासन से सोसायटी में पीने के पानी की उचित व्यवस्था करने की भी मांग की है."
संकल्प सोसायटी में बढ़ते डायरिया के प्रकोप को देखते हुए प्रशासन अलर्ट है. कॉलोनी में साफ-सफाई कराई गई है. चूने का छिड़काव किया गया है. पीने के पानी की सप्लाई टैंकरों के माध्यम से की जा रही है. कॉलोनी में ही एक अस्थाई अस्पताल भी बनाया गया है, जिसमें लगभग 5 से 6 लोगों के उपचार की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा डॉक्टरों की टीम भी सोसायटी में तैनात है. उनके पास संबंधित बीमारियों के उपचार के लिए दवाइयां भी है. इसके अलावा दो एंबुलेंस भी सोसायटी में 24 घंटे तैनात की गई है. ताकि आपातकाल में मरीजों को अस्पताल ले जाया जा सके. -विभोर सक्सेना, चिकित्सक
वीरान नजर आ रहा सोसायटी: बता दें कि प्रशासन की ओर से की गई तैयारियों के बावजूद वर्तमान में मरीज का मिलना बंद नहीं हुआ है. हालांकि डॉक्टरों का दावा है कि अब पहले से स्थिति नियंत्रण में है. इस बीच लोगों में डायरिया का इस कदर खौफ देखने को मिल रहा है कि लोग अपना-अपना फ्लैट छोड़ कर दूसरे जगह जा रहते हैं. आलम यह है कि जिस संकल्प सोसायटी में हमेशा लोगों की चहल-पहल देखने को मिलती थी. वो सोसायटी आज वीरान नजर आ रहा है.