बांसवाड़ा: गढ़ी थाना पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान शुक्रवार रात्रि को करीब 1.5 करोड़ रुपए के हीरे जब्त किए हैं. ये हीरे मुंबई से चुराए गए थे. इस संबंध में मुंबई पुलिस को सूचना दे दी गई है. साथ ही जानकारी मिली है कि वहां पर भी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज है. गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों के कब्जे से 77 हजार 370 रुपए नगदी भी जब्त की गई.
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कांस्टेबल महीपाल सिंह को एक सूचना मिली थी कि 3 युवक संदिग्ध हैं और बांसवाड़ा रोडवेज बस स्टैंड पर हैं. पुलिस मौके पर पहुंचती, उससे पहले आरोपी हिम्मतनगर जाने वाली बस में सवार हो गए. बस भी यहां से रवाना हो गई. इस कारण उच्चाधिकारियों को सूचना देने के बाद पूरे रूट के थानों को इसकी जानकारी दे दी गई. इसके बाद सबसे पहले गढ़ी थाना पुलिस सक्रिय हुई. तत्काल नाकाबंदी करा दी गई.
संबंधित बस आने पर उसे रुकवाया गया और तीनों संदिग्धों को बस से उतार लिया गया. तीनों की जब तलाशी ली गई, तो उनके पास हीरे मिले. इस पर दीपक परमार पुत्र मगन भाई, नवदीप पुत्र नरसी भाई और सचिन पुत्र जसवंत भाई को डिटेन कर लिया गया. इसके बाद से 220.350 कैरेट हीरे और 77 हजार 370 रुपए जब्त किए गए. तीनों हीरे व नगदी के बारे कोई जानकारी नहीं दे पाए. ऐसे में तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया.
चोरी की भी पुष्टि: वहीं पुलिस ने अपने तरीके से पूछताछ शुरू की, तो पता चला कि हीरे चोरी के हैं. इस पर मुंबई में संपर्क किया, तो पता चला कि इस मामले में 10 दिसंबर को किरण रतिलाल रोकानी निवासी कान्दीवली पूर्व, पुलिस थाना गोरेगांव, जिला मुम्बई, महाराष्ट्र प्रकरण दर्ज है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी के कार्यालय से करीब 1 करोड़ 47 लाख 53 हजार रुपए के हीरे चोरी हुए हैं.
सीआई गढ़ी राेहित कुमार का कहना है कि उच्चाधिकारियों और मुंबई पुलिस को जानकारी दी. करीब डेढ़ करोड़ के हीरे जब्ती की कार्रवाई की है. प्राथमिक जांच में चोरी का मामला प्रतीत होता है. यह मुंबई का मामला है. इस मामले की जांच कर रही गोरेगांव पुलिस को सूचना दे दी गई है. फिलहाल तीनों आरोपी गढ़ी थाने की कस्टडी में हैं.
नौकरी करते-करते चुरा लिए: तीनों जिस कंपनी में काम करते थे, हीरे वहीं से चुराए गए थे. चोरी किए गए हीरे छोटी कागज की थैलियों में बंद थे. जानकारी सामने आने के बाद हमने मुंबई पुलिस को सूचना दे दी थी. मुंबई पुलिस ने आकर तीनों की कस्टडी ले ली है. आगे की जांच वहीं करेंगे. बांसवाड़ा इनके रूट का हिस्सा था. गढ़ी थाना पुलिस को महाराष्ट्र पुलिस रिवार्ड नहीं देगी, तो स्थानीय स्तर पर दिया जाएगा.