नई दिल्ली: राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रंगमंडल की 60वीं वर्षगांठ भारतीय रंगमंच के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है. वर्ष 1964 में एनएसडी रंगमंडल नाट्य कला को स्थापित किया गया था. तब से लेकर आज तक यहां से कई दिगाज अभिनेताओं, निर्देशकों और नाटककारों को ने नाट्य कला को सिखा है. इसकी 60वीं वर्षगांठ पर एनएसडी ने रंगमंडल "रंग यात्रा" की घोषणा की है.
इस यात्रा में भारतीय रंगमंच में रेपर्टरी कंपनी के 60 वर्षों के योगदान की स्मृति में एक 'नाट्य यात्रा' की जाएगी, जो देश के अलावा विदेशों में नाटकों का मंचन करेगी. इसकी शुरुआत दिल्ली से होगी. दिल्ली में 23 अगस्त से 9 सितंबर तक हीरक जयंती नाट्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है. इसके अलावा इस वर्ष राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय 17वें 'एशिया पैसिफिक बॉन्ड थिएटर स्कूल फेस्टिवल' एवं 'डायरेक्टर्स मीट इंडिया 2024' की मेजबानी करेगा.
एनएसडी के निदेशक चितरंजन त्रिपाठी ने बताया कि एनएसडी रंगमंडल के 60 गौरवशाली वर्षों का महोत्सव मनाने के लिए "रंग रथ द जर्नी ऑफ द नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा रिपर्टरी कंपनी" पर विशेष प्रदर्शनी की जाएगी. इसका उद्देश्य एनएसडी रंगमंडल के समृद्ध इतिहास को प्रदर्शित करना है, जो 1964 में अपनी स्थापना के बाद से रंगमंच की दुनिया में अनवरत यात्रा और विकास को दर्शाता है. एनएसडी के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब दो वर्षों के लिए रंग यात्रा का आयोजन किया गया है. इस रंग यात्रा को "रंग षष्ठी" का नाम दिया गया है.
एनएसडी रंगमंडल के चीफ राजेश सिंह ने बताया कि रंग षष्ठी की शुरुआत दिल्ली से होगा, जिसको हीरक जयंती नाट्य समारोह' नाम दिया गया है. इसमें 23 अगस्त से 8 सितंबर तक 9 नाटकों का मंचन अलग-अलग समय पर किया जाएगा. इसमें बंद गली का आखिरी मकान, माई रे मन की सा कौन, बाबूजी, लैला मजनू आदि. उपरोक्त सभी नाटकों में सबसे विशेष नाटक का मंचन होगा. ताजमहल का टेंडर जिसमें रिपेट्री के कई पुरानी कलाकार रंगमंच करेंगे. 1998 में पहली बार इस नाटक का मंचन किया गया था. 1998 में जिन रंग मंच कलाकारों ने ताजमहल का टेंडर का मंचन किया था उन सभी को इस बार दोबारा मंच पर उतर जाए. इसमें एनएसजी के निदेशक चितरंजन त्रिपाठी भी किरदार निभाएंगे.
17वें एशिया पैसिफिक बॉन्ड की मेजबानी करेगा एनएसडी
इस वर्ष राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय 17वें 'एशिया पैसिफिक बॉन्ड थिएटर स्कूल फेस्टिवल' एवं 'डायरेक्टर्स मीट इंडिया 2024' की मेजबानी करेगा, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रंगमंच शिक्षा एवं प्रस्तुति के लिए एक प्रतिष्ठित कार्यक्रम है. यह महोत्सव 14 से 20 अगस्त, 2024 तक एनएसडी परिसर में आयोजित होगा. 17वें ए.पी.बी में 08 देशों के लगभग 44 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. महोत्सव की शुरुआत प्रथम वर्ष के रानावि छात्रों के नाटक "राम विजय" के प्रदर्शन से होगी, जिसका निर्देशन अध्यापक डॉ. भाबानंद बारबायन ने किया है.
- 15 अगस्त को शंघाई थिएटर अकादमी द्वारा प्रस्तुत इमर्सिव ओपेरा "दाइयू ब्यूरीज फ्लावर्स" प्रस्तुत किया जाएगा.
- 16 अगस्त को सिंगापुर के एल्विन चियाम द्वारा 'द ले ज्यू' केंद्रित कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, फिर केनजिरो ओटानी द्वारा डेविसिंग थिएटर कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा. दोपहर भोजन के बाद "डेथ ऑफ ऐश" के प्रदर्शन के बाद प्रश्नोत्तर कार्यक्रम आयोजित होगा.
- 17 अगस्त को सेज वान पून (हांगकांग) द्वारा नाट्यशास्त्र "व्यक्तिगत अनुभव से कला अनुभव तक" पर कार्यशाला तथा मंगोलिया से "द मिथ ऑफ द असुर प्रिंसेस" का प्रदर्शन और प्रश्नोत्तर कार्यक्रम रखा गया है.
- 18 अगस्त को प्रोफेसर विदुषी रीता जी कोठारी (भारत) द्वारा "रसस्वदना" पर मास्टर क्लास' के बाद पुनर्कल्पना पर कार्यशाला का आयोजन.
- 19 अगस्त को भारत से प्रोफेसर भरत गुप्त द्वारा "आज नाट्यशास्त्र का उपयोग कैसे करें?" विषय पर व्याख्यान. जापान के द्वारा "द फेस ऑफ जिजो" के प्रदर्शन के बाद प्रश्नोत्तर और एनएसडी के तीसरे वर्ष के छात्रों के द्वारा कलाईममानी डॉ. पुरीसाई कन्नप्पा संबंदन द्वारा निर्देशित नाटक "इंद्रजीत" (तेरुकुत्तु) के प्रदर्शन के साथ महोत्सव का समापन किया जाएगा.
प्रस्तुति देखने के लिए www.bookmyshow.com पर टिकेट ले सकते हैं. टिकट का मूल्य- 900, 700,500, 300 और 200 रुपये मात्र है.
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