ETV Bharat / state

इन गांवों को आज भी बिजली की दरकार, अंधेरे में रहने को मजबूर ग्रामीण, यहां समझिए पूरा माजरा - NO ELECTRICITY

धौलपुर के डांग क्षेत्र में पांच गांवों को आज भी बिजली की दरकार. बच्चे तकनीकी शिक्षा से रह रहे वंचित. जानिए पूरा मामला...

Development in Dholpur
आज भी बिजली की दरकार (ETV Bharat Dholpur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 30, 2025, 5:28 PM IST

धौलपुर: शासन और सरकारें बुनियादी ढांचे को कितनी ही मजबूत करने का दावा करें, लेकिन धरातल पर हालात कुछ और ही नजर आते हैं. ऐसा ही एक मामला धौलपुर जिले के बाड़ी उपखंड क्षेत्र की कुदिन्ना पंचायत में देखने को मिला है. पंचायत के पांच गांव आज भी विकास की बाट जोह रहे हैं. बिजली और सड़क ग्रामीणों की प्रमुख समस्या है. आजादी से लेकर अब तक इन गांवों में बिजली और सड़कें नहीं पहुंच सकी हैं. नेताओं की चौखटों पर सालों से ग्रामीण धोक लगा रहे हैं, लेकिन हर जगह से ग्रामीणों को निराशा हाथ लग रही है.

केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा गांवों के विकास के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं. प्रधानमंत्री सहज बिजली योजना एवं प्रधानमंत्री सूर्य योजना देश और प्रदेश में जोरदार तरीसे से चल रही है, लेकिन इन योजनाओं से कुदिन्ना पंचायत के गांव मगजीपुरा, लेसपुरा, सिघररो, पछेड़िया पुरा और उटुआ पुरा आज भी वंचित हैं. आजादी से लेकर अब तक ग्रामीणों को बिजली नसीब नहीं हो पाई है. इन पांचों गांवों में शाम होते ही अंधेरा छा जाता है. उजाले के लिए लोग आज भी मोमबत्ती एवं अन्य संसाधनों का उपयोग करते हैं.

किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Dholpur)

सबसे अधिक समस्या पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए हो रही है. गांव में स्कूल है, लेकिन बिजली नहीं होने की वजह से बच्चे तकनीकी शिक्षा से वंचित रह रहे हैं. कंप्यूटर शिक्षा का बच्चों को ज्ञान नहीं मिल रहा है. तकनीकी शिक्षा के उपकरण स्कूलों में शोपीस बनकर रह गए हैं. स्थानीय महिला लीला देवी ने बताया कि 60 वर्ष की उम्र हो गई है. करीब 45 साल पहले गांव में ब्याह होकर आई थी, तभी से लेकर आज तक इन पांच गांवों को बिजली नहीं मिल पाई है. गर्मियों के मौसम में घुट घुट कर ग्रामीणों को मारना पड़ता है.

डांग क्षेत्र में तापमान अधिक होने की वजह से ग्रामीणों को पलायन भी करना पड़ता है. इसके अलावा सबसे अधिक समस्या युवक एवं युवतियों के लिए खड़ी हो गई है. बुनियादी समस्याओं का अंबार होने के कारण लोग युवाओं की शादी करने से कतराते हैं. ऐसे में गांव के अंदर कुंवारों की संख्या बढ़ती जा रही है. स्थानीय ग्रामीण देवीराम ने बताया कि नेता और प्रशासन के अधिकारियों की चौखटों पर सालों से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन हर बार ग्रामीणों को निराशा हाथ लगती है.

पढ़ें : बजट 2025 से भरतपुर संभाग को विकास की उम्मीदें, जानिए आमजन को क्या-क्या है आस - BUDGET 2025

विधायक, सांसद और कलेक्टर द्वारा शिकायत पत्र ले लिए जाते हैं, लेकिन समस्या से निजात दिलाने की किसी भी जिम्मेदार ने जहमत नहीं उठाई है. ग्रामीणों द्वारा डिस्कॉम में बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन भी जमा कर दिए हैं, लेकिन निगम द्वारा भारी भरकम डिमांड नोटिस जारी किया गया है. भारी लागत होने की वजह से ग्रामीण बिजली कनेक्शन लेने में असमर्थ हो रहे हैं.

मोबाइल टावर भी नहीं : बिजली नहीं होने के कारण किसी भी कंपनी द्वारा मोबाइल टावर भी नहीं लगाए गए हैं. मध्य प्रदेश का मुरैना जिला नजदीक होने के कारण कभी-कभी एमपी के सिग्नल मिल जाते हैं, जिसके माध्यम से ग्रामीण मोबाइल पर बात कर लेते हैं.

जनरेटर का कर रहे हो उपयोग : सबमर्सिबल आदि चलाने के लिए ग्रामीणों ने निजी जनरेटर खरीदे हैं. जनरेटर के माध्यम से पानी की आपूर्ति ग्रामीण कर रहे हैं. जनरेटर का खर्च अधिक होने की वजह से सिर्फ पानी के लिए ही इसका उपयोग किया जाता है. मोबाइल चार्ज करने के लिए पड़ोसी गांव में जाना पड़ता है.

डिमांड नोटिस जमा होते ही कर देंगे सप्लाई शुरू : डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता राजेश वर्मा ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा बिजली कनेक्शन की फाइलें जमा कराई है. कुदिन्ना पंचायत के पांच गांव बिजली की सुविधा से वंचित हैं. बिजली कनेक्शन के लिए ग्रामीणों को डिमांड नोटिस भेजा गया है. डिमांड नोटिस जमा होने के बाद सर्वे कराया जाएगा. इसके बाद ग्रामीणों को विद्युत आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी.

धौलपुर: शासन और सरकारें बुनियादी ढांचे को कितनी ही मजबूत करने का दावा करें, लेकिन धरातल पर हालात कुछ और ही नजर आते हैं. ऐसा ही एक मामला धौलपुर जिले के बाड़ी उपखंड क्षेत्र की कुदिन्ना पंचायत में देखने को मिला है. पंचायत के पांच गांव आज भी विकास की बाट जोह रहे हैं. बिजली और सड़क ग्रामीणों की प्रमुख समस्या है. आजादी से लेकर अब तक इन गांवों में बिजली और सड़कें नहीं पहुंच सकी हैं. नेताओं की चौखटों पर सालों से ग्रामीण धोक लगा रहे हैं, लेकिन हर जगह से ग्रामीणों को निराशा हाथ लग रही है.

केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा गांवों के विकास के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं. प्रधानमंत्री सहज बिजली योजना एवं प्रधानमंत्री सूर्य योजना देश और प्रदेश में जोरदार तरीसे से चल रही है, लेकिन इन योजनाओं से कुदिन्ना पंचायत के गांव मगजीपुरा, लेसपुरा, सिघररो, पछेड़िया पुरा और उटुआ पुरा आज भी वंचित हैं. आजादी से लेकर अब तक ग्रामीणों को बिजली नसीब नहीं हो पाई है. इन पांचों गांवों में शाम होते ही अंधेरा छा जाता है. उजाले के लिए लोग आज भी मोमबत्ती एवं अन्य संसाधनों का उपयोग करते हैं.

किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Dholpur)

सबसे अधिक समस्या पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए हो रही है. गांव में स्कूल है, लेकिन बिजली नहीं होने की वजह से बच्चे तकनीकी शिक्षा से वंचित रह रहे हैं. कंप्यूटर शिक्षा का बच्चों को ज्ञान नहीं मिल रहा है. तकनीकी शिक्षा के उपकरण स्कूलों में शोपीस बनकर रह गए हैं. स्थानीय महिला लीला देवी ने बताया कि 60 वर्ष की उम्र हो गई है. करीब 45 साल पहले गांव में ब्याह होकर आई थी, तभी से लेकर आज तक इन पांच गांवों को बिजली नहीं मिल पाई है. गर्मियों के मौसम में घुट घुट कर ग्रामीणों को मारना पड़ता है.

डांग क्षेत्र में तापमान अधिक होने की वजह से ग्रामीणों को पलायन भी करना पड़ता है. इसके अलावा सबसे अधिक समस्या युवक एवं युवतियों के लिए खड़ी हो गई है. बुनियादी समस्याओं का अंबार होने के कारण लोग युवाओं की शादी करने से कतराते हैं. ऐसे में गांव के अंदर कुंवारों की संख्या बढ़ती जा रही है. स्थानीय ग्रामीण देवीराम ने बताया कि नेता और प्रशासन के अधिकारियों की चौखटों पर सालों से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन हर बार ग्रामीणों को निराशा हाथ लगती है.

पढ़ें : बजट 2025 से भरतपुर संभाग को विकास की उम्मीदें, जानिए आमजन को क्या-क्या है आस - BUDGET 2025

विधायक, सांसद और कलेक्टर द्वारा शिकायत पत्र ले लिए जाते हैं, लेकिन समस्या से निजात दिलाने की किसी भी जिम्मेदार ने जहमत नहीं उठाई है. ग्रामीणों द्वारा डिस्कॉम में बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन भी जमा कर दिए हैं, लेकिन निगम द्वारा भारी भरकम डिमांड नोटिस जारी किया गया है. भारी लागत होने की वजह से ग्रामीण बिजली कनेक्शन लेने में असमर्थ हो रहे हैं.

मोबाइल टावर भी नहीं : बिजली नहीं होने के कारण किसी भी कंपनी द्वारा मोबाइल टावर भी नहीं लगाए गए हैं. मध्य प्रदेश का मुरैना जिला नजदीक होने के कारण कभी-कभी एमपी के सिग्नल मिल जाते हैं, जिसके माध्यम से ग्रामीण मोबाइल पर बात कर लेते हैं.

जनरेटर का कर रहे हो उपयोग : सबमर्सिबल आदि चलाने के लिए ग्रामीणों ने निजी जनरेटर खरीदे हैं. जनरेटर के माध्यम से पानी की आपूर्ति ग्रामीण कर रहे हैं. जनरेटर का खर्च अधिक होने की वजह से सिर्फ पानी के लिए ही इसका उपयोग किया जाता है. मोबाइल चार्ज करने के लिए पड़ोसी गांव में जाना पड़ता है.

डिमांड नोटिस जमा होते ही कर देंगे सप्लाई शुरू : डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता राजेश वर्मा ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा बिजली कनेक्शन की फाइलें जमा कराई है. कुदिन्ना पंचायत के पांच गांव बिजली की सुविधा से वंचित हैं. बिजली कनेक्शन के लिए ग्रामीणों को डिमांड नोटिस भेजा गया है. डिमांड नोटिस जमा होने के बाद सर्वे कराया जाएगा. इसके बाद ग्रामीणों को विद्युत आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.