गिरिडीह: जिले के उग्रवाद प्रभावित इलाके में विकास के लिए अरबों रुपए फूंक दिए गए. इस इस रुपए से कई इलाकों का विकास भी हुआ है. लेकिन आज भी जिले की कई ऐसे गांव हैं जहां आने जाने के लिए रास्ता तक नहीं है. क्षेत्र में ऐसी कई सड़कें हैं जो बदहाल है. ऐसी ही सड़कों में शामिल डुमरी प्रखंड की धावाटांड-बरियारपुर की सड़क है. लगभग साढ़े चार किमी लम्बी यह सड़क वर्षों से बहदाल है. सड़क कई जगह पर पुल-पुलिया का मोहताज है. इससे यहां के लोगों में काफी रोष देखा जा रहा है. इसी गुस्से के कारण रविवार को लोगों सड़क पर धानरोपनी का काम किया. भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य दीपक श्रीवास्तव के नेतृत्व में धान का बिछड़ा सड़क पर रोपकर विरोध किया.
उपमुखिया बासुदेव महतो कहते हैं कि इस सड़क पर चलना काफी पीड़ादायक रहा है. सड़क पर एक पुल है, वो भी टूटा हुआ है. लोगों को रोजमर्रा की जीवन के लिए पगडंडी से गुजरना पड़ता है. हालत ये है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. वहीं वार्ड सदस्य जागेश्वर मिर्धा ने कहा कि इस सड़क के सन्दर्भ में सांसद और विधायक को भी सूचित किया गया लेकिन किसी का ध्यान इस तरफ नहीं है. ग्रामीण गोपाल महतो, जामनी देवी, अनीता देवी, सुनीता देवी, गुड़िया देवी, चमेली देवी गुलाबी देवी, चंपा देवी, सुकमा देवी, सोनिया देवी, यशोदा देवी, अशोक महतो, तुलसी तुरी, रोहन राय, मनोज तुरी, सुभाष तुरी ने कहा कि आज के प्रदर्शन से हमलोग सरकार, सांसद और विधायक के साथ साथ प्रशासन का भी ध्यान इस तरफ केन्द्रीत करवाना चाहते हैं.
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