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10 वर्ष से बदहाल है धावाटांड़-बरियारपुर सड़क, धनरोपनी कर ग्रामीणों ने विभाग को चेताया - bad condition road in Giridih

Bad condition road in Giridih. क्षेत्र में सड़क की स्थिति अभी भी बेहतर नहीं है. गिरिडीह के कई ऐसे गांव हैं जहां आवागमन करना कठिनायों से भरा है. सड़क की हालत ये है कि कई दफा मरीजों को खाट पर ही ले जाया जाता है.

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गुस्से में सड़क पर धान रोपते प्रदर्शनकारी (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 8, 2024, 6:52 PM IST

गिरिडीह: जिले के उग्रवाद प्रभावित इलाके में विकास के लिए अरबों रुपए फूंक दिए गए. इस इस रुपए से कई इलाकों का विकास भी हुआ है. लेकिन आज भी जिले की कई ऐसे गांव हैं जहां आने जाने के लिए रास्ता तक नहीं है. क्षेत्र में ऐसी कई सड़कें हैं जो बदहाल है. ऐसी ही सड़कों में शामिल डुमरी प्रखंड की धावाटांड-बरियारपुर की सड़क है. लगभग साढ़े चार किमी लम्बी यह सड़क वर्षों से बहदाल है. सड़क कई जगह पर पुल-पुलिया का मोहताज है. इससे यहां के लोगों में काफी रोष देखा जा रहा है. इसी गुस्से के कारण रविवार को लोगों सड़क पर धानरोपनी का काम किया. भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य दीपक श्रीवास्तव के नेतृत्व में धान का बिछड़ा सड़क पर रोपकर विरोध किया.

संवादाता अमरनाथ की रिपोर्ट (ईटीवी भारत)
क्या कहते हैं लोग
दीपक श्रीवास्तव ने बताया कि वर्ष 2010 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत इस मार्ग का निर्माण किया गया था. निर्माण के बाद सड़क धीरे-धीरे बदहाल होती गई. सात-आठ वर्ष से तो सड़क पर चलना भी मुश्किल हो गया है. इस मार्ग पर बना पुलिया भी खुद को बचा नहीं पाया और पानी में बह गया. कई दफा तो लोगों को बांस की चचड़ी बनाकर आवागमन करना पड़ा. बीमार लोगों को खाट पर ले जाना पड़ा. इसकी सूचना जनप्रतिनिधि के अलावा अधिकारियों से की गई. लेकिन किसी ने सुध तक नहीं ली. ऐसे में हम लोगों ने सड़क के बीच धान रोपने का काम किया. उन्होंने आगे कहा कि अगर दो माह के अंदर रास्ता नहीं बनाया गया तो बड़ा आंदोलन किया जायेगा.

उपमुखिया बासुदेव महतो कहते हैं कि इस सड़क पर चलना काफी पीड़ादायक रहा है. सड़क पर एक पुल है, वो भी टूटा हुआ है. लोगों को रोजमर्रा की जीवन के लिए पगडंडी से गुजरना पड़ता है. हालत ये है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. वहीं वार्ड सदस्य जागेश्वर मिर्धा ने कहा कि इस सड़क के सन्दर्भ में सांसद और विधायक को भी सूचित किया गया लेकिन किसी का ध्यान इस तरफ नहीं है. ग्रामीण गोपाल महतो, जामनी देवी, अनीता देवी, सुनीता देवी, गुड़िया देवी, चमेली देवी गुलाबी देवी, चंपा देवी, सुकमा देवी, सोनिया देवी, यशोदा देवी, अशोक महतो, तुलसी तुरी, रोहन राय, मनोज तुरी, सुभाष तुरी ने कहा कि आज के प्रदर्शन से हमलोग सरकार, सांसद और विधायक के साथ साथ प्रशासन का भी ध्यान इस तरफ केन्द्रीत करवाना चाहते हैं.

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कृषि मंत्री के क्षेत्र में जर्जर रोड के खिलाफ लोगों का विरोध प्रदर्शन, सड़क पर की धान की रोपाई

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संवादाता अमरनाथ की रिपोर्ट (ईटीवी भारत)
क्या कहते हैं लोग दीपक श्रीवास्तव ने बताया कि वर्ष 2010 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत इस मार्ग का निर्माण किया गया था. निर्माण के बाद सड़क धीरे-धीरे बदहाल होती गई. सात-आठ वर्ष से तो सड़क पर चलना भी मुश्किल हो गया है. इस मार्ग पर बना पुलिया भी खुद को बचा नहीं पाया और पानी में बह गया. कई दफा तो लोगों को बांस की चचड़ी बनाकर आवागमन करना पड़ा. बीमार लोगों को खाट पर ले जाना पड़ा. इसकी सूचना जनप्रतिनिधि के अलावा अधिकारियों से की गई. लेकिन किसी ने सुध तक नहीं ली. ऐसे में हम लोगों ने सड़क के बीच धान रोपने का काम किया. उन्होंने आगे कहा कि अगर दो माह के अंदर रास्ता नहीं बनाया गया तो बड़ा आंदोलन किया जायेगा.

उपमुखिया बासुदेव महतो कहते हैं कि इस सड़क पर चलना काफी पीड़ादायक रहा है. सड़क पर एक पुल है, वो भी टूटा हुआ है. लोगों को रोजमर्रा की जीवन के लिए पगडंडी से गुजरना पड़ता है. हालत ये है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. वहीं वार्ड सदस्य जागेश्वर मिर्धा ने कहा कि इस सड़क के सन्दर्भ में सांसद और विधायक को भी सूचित किया गया लेकिन किसी का ध्यान इस तरफ नहीं है. ग्रामीण गोपाल महतो, जामनी देवी, अनीता देवी, सुनीता देवी, गुड़िया देवी, चमेली देवी गुलाबी देवी, चंपा देवी, सुकमा देवी, सोनिया देवी, यशोदा देवी, अशोक महतो, तुलसी तुरी, रोहन राय, मनोज तुरी, सुभाष तुरी ने कहा कि आज के प्रदर्शन से हमलोग सरकार, सांसद और विधायक के साथ साथ प्रशासन का भी ध्यान इस तरफ केन्द्रीत करवाना चाहते हैं.

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