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धार जिले के बाओबाब वृक्षों की कटाई के मामले में सरकार की जांच पूरी, हाईकोर्ट ने दी एक सप्ताह की मोहलत - dhar Baobab trees issue

मध्यप्रदेश के धार जिले में बाओबाब वृक्षों की कटाई पर हाईकोर्ट सख्त है. कोर्ट ने राज्य सरकार को कमेटी की सिफारिशों पर एक सप्ताह के अंदर अमल करने का निर्देश दिया है.

dhar Baobab trees issue
बाओबाब वृक्षों की कटाई के मामले में सरकार की जांच पूरी
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 24, 2024, 12:39 PM IST

जबलपुर। मध्यप्रपदेश के धार जिले में बाओबाब वृक्षों की कटाई, बिक्री व परिवहन के मामले को संज्ञान में लेते हाईकोर्ट न जनहित याचिका के रूप सुनवाई शुरू की. सुनवाई के दौरान सरकार ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ को बताया कि मामले की जांच के साथ ही बाओबाब पेड़ के संरक्षण के लिए कमेटी गठित की गयी है. कमेटी ने रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है. युगलपीठ ने कमेटी की अनुशंसा पर सरकार को एक सप्ताह को निर्णय लेने के निर्देश दिये हैं.

एक पेड़ की कीमत 10 लाख रुपए से अधिक

गौरतलब है कि धार जिले में बाओबाब के पेड़ को काटने का मामला एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित हुआ था. इसके अनुसार क्षेत्रीय नागरिक बाओबाब वृक्ष काटने का विरोध कर रहे हैं. बाओबाब पेड़ को अफ्रीका में द वर्ल्ड ट्री की उपाधि दी गयी है. अफ्रीका के आर्थिक विकास में इस पेड़ का बड़ा महत्व है. हैदराबाद के एक व्यापारी अपने फार्म में इन पेड़ों की खेती और आर्थिक लाभ के लिए उनकी कटाई कर बेच रहा है. इसके एक पेड़ का मूल्य 10 लाख रुपये से अधिक है. इस कारण दूसरे लोग भी अपने खेत में लगे पेड़ को बेचने के लिए काट रहे हैं.

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राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में पेश की पूरी जानकारी

हाईकोर्ट ने संज्ञान याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद धार जिले में बाओबाब के पेड़ की कटाई, बिक्री तथा परिवहन पर रोक लगाते हुए प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, वन विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त तथा सीसीएफ इंदौर, कलेक्टर व सीईओ जिला पंचायत को नोटिस कर जवाब मांगा था. याचिका पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान उक्त जानकारी सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में पेश की गयी। युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी करते हुए याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई निर्धारित की है।

जबलपुर। मध्यप्रपदेश के धार जिले में बाओबाब वृक्षों की कटाई, बिक्री व परिवहन के मामले को संज्ञान में लेते हाईकोर्ट न जनहित याचिका के रूप सुनवाई शुरू की. सुनवाई के दौरान सरकार ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ को बताया कि मामले की जांच के साथ ही बाओबाब पेड़ के संरक्षण के लिए कमेटी गठित की गयी है. कमेटी ने रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है. युगलपीठ ने कमेटी की अनुशंसा पर सरकार को एक सप्ताह को निर्णय लेने के निर्देश दिये हैं.

एक पेड़ की कीमत 10 लाख रुपए से अधिक

गौरतलब है कि धार जिले में बाओबाब के पेड़ को काटने का मामला एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित हुआ था. इसके अनुसार क्षेत्रीय नागरिक बाओबाब वृक्ष काटने का विरोध कर रहे हैं. बाओबाब पेड़ को अफ्रीका में द वर्ल्ड ट्री की उपाधि दी गयी है. अफ्रीका के आर्थिक विकास में इस पेड़ का बड़ा महत्व है. हैदराबाद के एक व्यापारी अपने फार्म में इन पेड़ों की खेती और आर्थिक लाभ के लिए उनकी कटाई कर बेच रहा है. इसके एक पेड़ का मूल्य 10 लाख रुपये से अधिक है. इस कारण दूसरे लोग भी अपने खेत में लगे पेड़ को बेचने के लिए काट रहे हैं.

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हाईकोर्ट ने संज्ञान याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद धार जिले में बाओबाब के पेड़ की कटाई, बिक्री तथा परिवहन पर रोक लगाते हुए प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, वन विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त तथा सीसीएफ इंदौर, कलेक्टर व सीईओ जिला पंचायत को नोटिस कर जवाब मांगा था. याचिका पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान उक्त जानकारी सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में पेश की गयी। युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी करते हुए याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई निर्धारित की है।

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