जयपुर. कार्तिक महीने के प्रश्न पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में सुख, समृद्धि, वैभव और सौभाग्य का आगमन होता है. इस दिन खरीदी गई वस्तु शुभ फल देने वाली होती है. अमूमन लोग धनतेरस पर अपने सामर्थ्य के अनुसार चांदी या सोने की वस्तुएं खरीदते हैं. लेकिन चूंकि इस बार सोने- चांदी के भाव सातवें आसमान पर हैं, ऐसे में ज्योतिषाचार्य विनोद शास्त्री ने बताया कि महालक्ष्मी के पूजन से पहले धनत्रयोदशी पर क्या खरीदें, ताकि साल भर घर में बरकत रहे और जेब भी ढीली नहीं करनी पड़े.
दीपावली से पहले महालक्ष्मी के पूजन के लिए धनतेरस पर सोने-चांदी या अन्य किसी धातु के बर्तन लाने का रिवाज है. ज्योतिषाचार्य विनोद शास्त्री ने बताया कि धनतेरस से दीपावली का आगाज हो जाता है और धनतेरस को लोग कई चीजे खरीदते हैं, जो लक्ष्मी पूजन में काम लेते हैं. अपने सामर्थ्य के अनुसार व्यक्ति सोना, चांदी, लोहा, तांबा, स्टील, पीतल या फिर मिट्टी के बर्तन खरीदते हैं. ये सभी पृथ्वी के अंश है और पृथ्वी महालक्ष्मी है. ऐसे में जब महालक्ष्मी की पूजा होती है उस दिन महालक्ष्मी के ही अंशभूत जितनी भी धातु है, वो सब पूजन में रखे जाते हैं. सामर्थ्य के अनुसार किसी भी धातु के बर्तन खरीदे जा सकते हैं. इसके अलावा गहने, वस्त्र और कुछ भी नहीं तो मिट्टी के बर्तन खरीद सकते हैं. उनके अनुसार तो मिट्टी के बर्तन, कलश आदि ही सबसे अच्छे रहते हैं. लेकिन वो सहज उपलब्ध हो जाते हैं इसलिए संपन्नता दर्शाने के लिए लोगों में सोने-चांदी की वस्तुएं खरीदने की प्रथा बनी हुई है.
उधर, सोने चांदी के भाव आसमान छू रहे हैं बावजूद इसके लोग अपने समर्थ के अनुसार सोने चांदी की वस्तुएं खरीदने पहुंच रहे हैं. सराफा ट्रेडर्स कमेटी के अध्यक्ष कैलाश मित्तल ने बताया कि सोने-चांदी के दामों में काफी तेजी आई हुई है. पिछले साल की अपेक्षा अंतर जरूर आया है, फिर भी आमजन या उपभोक्ता को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा. क्योंकि दीपावली एक ऐसा त्योहार है, जिसमें चांदी और सोना खरीदना शुभ माना जाता है. हर व्यक्ति अपने बजट के हिसाब से कुछ ना कुछ सामग्री जरूर लेता है. ज्यादातर लोग चांदी के सिक्के, दीपक, थाली, गिलास, कटोरी, चम्मच, भगवान की मूर्तियां और सिंहासन ले लेता है और यदि किसी को हेवी आइटम लेना है तो चांदी का ड्राई फ्रूट बॉक्स, डिनर सेट, 6 ग्लास का सेट ले रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया की चांदी के बर्तनों में वजन हल्का नहीं किया जा सकता. ये बर्तन के गेज के हिसाब से ही बनता है. हां, ये जरूर है कि कस्टमर का यदि बजट 10 का है तो पहले डेढ़ सौ ग्राम चांदी ले जाया करते थे, वो अब 100 ग्राम चांदी आ रही है.
वहीं सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी के उपाध्यक्ष मनीष खूंटेटा ने बताया कि ये पब्लिक समझ गई है कि सोना-चांदी के दाम और बढ़ेंगे और धनतेरस पर शगुन के तौर पर सोना-चांदी खरीदने का सिस्टम पुराने समय से चला आ रहा है. ऐसे में अब चांदी का सिक्का 1000 का हो या 1200 का व्यक्ति जरूर खरीदेगा. लोग इसे इन्वेस्टमेंट के रूप में भी देखते हैं. क्योंकि इसके दाम बढ़ेंगे जरूर इसलिए अभी भी चांदी और सोने की सेल बहुत अच्छी चल रही है.
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उन्होंने बताया कि इस बार गोल्ड में लाइटवेट ज्वेलरी बाजार में खूब आई है और जिनका फाइनेंशियल स्टेटस ठीक है वो हैवी सेट भी खरीद रहे हैं और चांदी में पहले की तरह ही सभी चीज बिक रही हैं. फिर चाहे वो चांदी के सिक्के हों, सुपारी दान, बर्तन या कोई और आर्टिकल. सभी की तरफ लोगों का अच्छा रुझान है. उन्होंने बताया कि पूरे विश्व का जो सिनेरियो है उसके अनुसार सोना-चांदी और तेज होगा ऐसे में जिन लोगों की शादियां डिसाइड हो चुकी हैं, वो लोग भी अभी ही खरीददारी कर रहे हैं.