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20 साल की जंग के बाद 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को मिला इंसाफ,अब यूनिफाइड पेंशन स्कीम का मिलेगा लाभ - Unified Pension Scheme

Dhanbad Railway Division employees will also get UPS. यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत केंद्रीय कर्मियों को अब सीधा लाभ मिलेगा. धनबाद रेल मंडल के कर्मियों को इसका लाभ मिलेगा. धनबाद रेल मंडल के डीआरएम ने प्रेस कांफ्रेंस कहा कि 18 हजार 449 कर्मियों को इस पेंशन का लाभ मिलेगा.

Dhanbad Railway Division employees will also get Unified Pension Scheme
धनबाद रेल मंडल के डीआरएम कमल किशोर सिन्हा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 26, 2024, 10:29 PM IST

धनबादः 20 साल की जंग के बाद आखिरकार 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को इंसाफ मिल ही गया. पुरानी पेंशन स्कीम की तर्ज पर रेलवे समेत अन्य विभागों के केंद्रीय कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम के बदले 1 अप्रैल 2025 से यूनिफाइड पेंशन स्कीम मिलेगा.

यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लेकर जानकारी देते धनबाद रेल मंडल के डीआरएम (ETV Bharat)

1 अप्रैल 2004 से केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम योजना को खत्म कर दिया था. 1 अप्रैल 2004 से बहाल होने वाले अब तक नए रेल कर्मियों को रिटायर के बाद 50 फीसदी पेंशन नहीं मिलने वाला था. रेलवे में ईसीआरकेयू और एआईआरएफ यूनियन ने 20 वर्षों तक बैठक, धरना-प्रदर्शन और अपनी मांगों को केंद्र सरकार तक पहुंचाया. कई बार यूनियन ने देशभर में हड़ताल करने की रणनीति बनाई. केंद्र सरकार के आश्वासन पर हड़ताल को स्थगित कर दिया जाता था. वहीं दूसरी ओर अन्य केंद्रीय संस्थानों के यूनियन ने भी अपने हक की लड़ाई लड़ी थी. आखिरकार यूनियन जीत गए और केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम को यूनिफाइड पेंशन स्कीम के नाम से लागू कर दिया.

धनबाद रेल मंडल के डीआरएम कमल किशोर सिन्हा ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि धनबाद रेल मंडल में एक अप्रैल 2004 के बाद बहाल हुए 18 हजार 449 कर्मियों को इस पेंशन का लाभ मिलेगा. देशभर के 23 लाख रेलकर्मियों ने इसके लिए मोदी सरकार को बधाई दी है. विधानसभा चुनाव से पहले रेलकर्मियों को बड़ी सौगात मिली है. सरकार ने अपना योगदान बढ़ाकर 18.5% किया है. 25 वर्षों तक काम करने वालों को वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा, जैसा 1 अप्रैल 2004 से पहले मिलता था जबकि 25 वर्षों से कम काम करनेवालों को आवंटन के आधार पर राशि तय होगी. केंद्र सरकार पर वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान 6250 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.

पारिवारिक पेंशन समेत कई अन्य लाभ भी मिलेंगे

जानकारी के अनुसार रिटायरमेंट से पहले अंतिम कार्य वर्ष के 12 महीनों के औसत मूल वेतन की 50 प्रतिशत राशि बतौर पेंशन दी जाएगी. अगर सेवा काल 10 से 25 वर्षों का है तो पेंशन की राशि समानुपातिक आवंटन के आधार पर तय होगी. यूपीएस में सुनिश्चित पेंशन, परिवार को पेंशन, सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन, पेंशन की राशि की महंगाई दर के साथ जोड़ने और सेवानिवृत्ति के समय ग्रेच्युटी के अलावा भी एक सुनिश्चित राशि के भुगतान की व्यवस्था की गई है.

कर्मचारियों को देना होगा 10 फीसदी का योगदान

एक तरह से यह पुरानी पेंशन स्कीम की तरह ही होगी, लेकिन अंतर सिर्फ इतना होगा कि ओपीएस में जहां कर्मचारियों को योगदान नहीं देना होता था, यूपीएस में नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) की तर्ज पर ही 10 प्रतिशत योगदान देना होगा. यूपीएस के लिए कर्मचारियों को कोई भी अतिरिक्त योगदान नहीं देना होगा, जबकि केंद्र सरकार की तरफ से पेंशन फंड में योगदान मौजूदा 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 18.5 प्रतिशत कर दिया गया है. यह साल दर साल महंगाई दर आदि के कारण बढ़ता रहेगा. इससे केंद्र पर वर्ष 2025-26 के दौरान ही 6,250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.

एक अप्रैल 2025 से होगी लागू

चुनावी माहौल में इसे सरकार की ओर से बड़ा राजनीतिक दांव माना जा रहा है. पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक शनिवार देर शाम को हुई थी, जिसमें यूनिफाइड पेंशन स्कीम के बारे में फैसला किया गया. सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह योजना एक अप्रैल, 2025 से लागू होगी. इससे सीधे तौर पर केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा.

फायदेमंद होगा यूपीएस

सरकार का आकलन है कि अभी कार्यरत 99 प्रतिशत से ज्यादा केंद्रीय कर्मियों के लिए एनपीएस से ज्यादा यूपीएस आर्थिक तौर पर फायदेमंद होगा. एनपीएस वर्ष 2004 से लागू है और तब से अभी तक जितने सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं, उनको यूपीएस के तहत पेंशन सुविधा लेने का विकल्प मिलेगा. अगर कर्मचारी ऐसा करते हैं तो उन्हें जो अतिरिक्त राशि व उसका ब्याज बनेगा, उसका भुगतान केंद्र से होगा.

राज्य सरकारें भी लागू कर सकती यूपीएस

अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि अगर राज्य सरकारें चाहें तो इसी आधार पर अपने कर्मचारियों के लिए भी पेंशन स्कीम लागू कर सकती हैं. ऐसा होता है तो राज्य सरकारों के 90 लाख कर्मचारियों को भी फायदा हो सकता है. स्पष्ट है कि चुनाव में मुद्दा बना रहे विपक्षी दलों पर अब यह जिम्मेदारी आएगी कि वे भी अपने राज्यों में तत्काल प्रभाव से इसे लागू करने की घोषणा करें.

क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम

यूपीएस में कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन मिलेगी, जबकि एनपीएस में बाजार में निवेशित राशि के हिसाब से पेंशन राशि मिलने की व्यवस्था है. सेवानिवृत्त कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके आश्रित (पति या पत्नी) को पेंशन राशि का 60 प्रतिशत सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन के तौर पर दिया जाएगा. कर्मचारी का कार्य-वर्ष चाहे जितना भी हो उसकी पेंशन की न्यूनतम राशि 10 हजार रुपये से कम नहीं होगी. आज की तारीख में जो न्यूनतम वेतन है, उसके आधार पर न्यूनतम पेंशन की राशि 15 हजार रुपये बनती है. पेंशन की राशि को महंगाई के सूचकांक से जोड़ा गया है यानी खुदरा महंगाई दर बढ़ेगी तो पेंशन की राशि भी बढ़ेगी. महंगाई भत्ता के आधार पर पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन तीनों का निर्धारण होगा. सेवा में संपन्न हर छह माह के लिए मूल वेतन की 10 प्रतिशत राशि एकमुश्त मिलेगी, जो ग्रेच्युटी के अलावा होगी. मोटे तौर पर 30 वर्ष की सेवा के लिए एक कर्मचारी को छह माह का वेतन अलग से सेवानिवृत्त होने पर मिलेगा.

इसे भी पढ़ें- क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम और क्या हैं इसके फायदे? जानें सबकुछ - UPS Scheme

इसे भी पढ़ें- मोदी सरकार का बड़ा फैसला, यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी, सभी कर्मचारियों को मिलेगी पूरी पेंशन - Unified Pension Scheme

इसे भी पढ़ें- NPS से कितना अलग है UPS? जानें 23 लाख कर्मचारियों के लिए कौन सी पेंशन स्कीम बेहतर - UPS Vs NPS

धनबादः 20 साल की जंग के बाद आखिरकार 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को इंसाफ मिल ही गया. पुरानी पेंशन स्कीम की तर्ज पर रेलवे समेत अन्य विभागों के केंद्रीय कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम के बदले 1 अप्रैल 2025 से यूनिफाइड पेंशन स्कीम मिलेगा.

यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लेकर जानकारी देते धनबाद रेल मंडल के डीआरएम (ETV Bharat)

1 अप्रैल 2004 से केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम योजना को खत्म कर दिया था. 1 अप्रैल 2004 से बहाल होने वाले अब तक नए रेल कर्मियों को रिटायर के बाद 50 फीसदी पेंशन नहीं मिलने वाला था. रेलवे में ईसीआरकेयू और एआईआरएफ यूनियन ने 20 वर्षों तक बैठक, धरना-प्रदर्शन और अपनी मांगों को केंद्र सरकार तक पहुंचाया. कई बार यूनियन ने देशभर में हड़ताल करने की रणनीति बनाई. केंद्र सरकार के आश्वासन पर हड़ताल को स्थगित कर दिया जाता था. वहीं दूसरी ओर अन्य केंद्रीय संस्थानों के यूनियन ने भी अपने हक की लड़ाई लड़ी थी. आखिरकार यूनियन जीत गए और केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम को यूनिफाइड पेंशन स्कीम के नाम से लागू कर दिया.

धनबाद रेल मंडल के डीआरएम कमल किशोर सिन्हा ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि धनबाद रेल मंडल में एक अप्रैल 2004 के बाद बहाल हुए 18 हजार 449 कर्मियों को इस पेंशन का लाभ मिलेगा. देशभर के 23 लाख रेलकर्मियों ने इसके लिए मोदी सरकार को बधाई दी है. विधानसभा चुनाव से पहले रेलकर्मियों को बड़ी सौगात मिली है. सरकार ने अपना योगदान बढ़ाकर 18.5% किया है. 25 वर्षों तक काम करने वालों को वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा, जैसा 1 अप्रैल 2004 से पहले मिलता था जबकि 25 वर्षों से कम काम करनेवालों को आवंटन के आधार पर राशि तय होगी. केंद्र सरकार पर वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान 6250 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.

पारिवारिक पेंशन समेत कई अन्य लाभ भी मिलेंगे

जानकारी के अनुसार रिटायरमेंट से पहले अंतिम कार्य वर्ष के 12 महीनों के औसत मूल वेतन की 50 प्रतिशत राशि बतौर पेंशन दी जाएगी. अगर सेवा काल 10 से 25 वर्षों का है तो पेंशन की राशि समानुपातिक आवंटन के आधार पर तय होगी. यूपीएस में सुनिश्चित पेंशन, परिवार को पेंशन, सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन, पेंशन की राशि की महंगाई दर के साथ जोड़ने और सेवानिवृत्ति के समय ग्रेच्युटी के अलावा भी एक सुनिश्चित राशि के भुगतान की व्यवस्था की गई है.

कर्मचारियों को देना होगा 10 फीसदी का योगदान

एक तरह से यह पुरानी पेंशन स्कीम की तरह ही होगी, लेकिन अंतर सिर्फ इतना होगा कि ओपीएस में जहां कर्मचारियों को योगदान नहीं देना होता था, यूपीएस में नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) की तर्ज पर ही 10 प्रतिशत योगदान देना होगा. यूपीएस के लिए कर्मचारियों को कोई भी अतिरिक्त योगदान नहीं देना होगा, जबकि केंद्र सरकार की तरफ से पेंशन फंड में योगदान मौजूदा 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 18.5 प्रतिशत कर दिया गया है. यह साल दर साल महंगाई दर आदि के कारण बढ़ता रहेगा. इससे केंद्र पर वर्ष 2025-26 के दौरान ही 6,250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.

एक अप्रैल 2025 से होगी लागू

चुनावी माहौल में इसे सरकार की ओर से बड़ा राजनीतिक दांव माना जा रहा है. पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक शनिवार देर शाम को हुई थी, जिसमें यूनिफाइड पेंशन स्कीम के बारे में फैसला किया गया. सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह योजना एक अप्रैल, 2025 से लागू होगी. इससे सीधे तौर पर केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा.

फायदेमंद होगा यूपीएस

सरकार का आकलन है कि अभी कार्यरत 99 प्रतिशत से ज्यादा केंद्रीय कर्मियों के लिए एनपीएस से ज्यादा यूपीएस आर्थिक तौर पर फायदेमंद होगा. एनपीएस वर्ष 2004 से लागू है और तब से अभी तक जितने सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं, उनको यूपीएस के तहत पेंशन सुविधा लेने का विकल्प मिलेगा. अगर कर्मचारी ऐसा करते हैं तो उन्हें जो अतिरिक्त राशि व उसका ब्याज बनेगा, उसका भुगतान केंद्र से होगा.

राज्य सरकारें भी लागू कर सकती यूपीएस

अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि अगर राज्य सरकारें चाहें तो इसी आधार पर अपने कर्मचारियों के लिए भी पेंशन स्कीम लागू कर सकती हैं. ऐसा होता है तो राज्य सरकारों के 90 लाख कर्मचारियों को भी फायदा हो सकता है. स्पष्ट है कि चुनाव में मुद्दा बना रहे विपक्षी दलों पर अब यह जिम्मेदारी आएगी कि वे भी अपने राज्यों में तत्काल प्रभाव से इसे लागू करने की घोषणा करें.

क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम

यूपीएस में कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन मिलेगी, जबकि एनपीएस में बाजार में निवेशित राशि के हिसाब से पेंशन राशि मिलने की व्यवस्था है. सेवानिवृत्त कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके आश्रित (पति या पत्नी) को पेंशन राशि का 60 प्रतिशत सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन के तौर पर दिया जाएगा. कर्मचारी का कार्य-वर्ष चाहे जितना भी हो उसकी पेंशन की न्यूनतम राशि 10 हजार रुपये से कम नहीं होगी. आज की तारीख में जो न्यूनतम वेतन है, उसके आधार पर न्यूनतम पेंशन की राशि 15 हजार रुपये बनती है. पेंशन की राशि को महंगाई के सूचकांक से जोड़ा गया है यानी खुदरा महंगाई दर बढ़ेगी तो पेंशन की राशि भी बढ़ेगी. महंगाई भत्ता के आधार पर पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन तीनों का निर्धारण होगा. सेवा में संपन्न हर छह माह के लिए मूल वेतन की 10 प्रतिशत राशि एकमुश्त मिलेगी, जो ग्रेच्युटी के अलावा होगी. मोटे तौर पर 30 वर्ष की सेवा के लिए एक कर्मचारी को छह माह का वेतन अलग से सेवानिवृत्त होने पर मिलेगा.

इसे भी पढ़ें- क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम और क्या हैं इसके फायदे? जानें सबकुछ - UPS Scheme

इसे भी पढ़ें- मोदी सरकार का बड़ा फैसला, यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी, सभी कर्मचारियों को मिलेगी पूरी पेंशन - Unified Pension Scheme

इसे भी पढ़ें- NPS से कितना अलग है UPS? जानें 23 लाख कर्मचारियों के लिए कौन सी पेंशन स्कीम बेहतर - UPS Vs NPS

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