धनबाद: आगामी लोकसभा चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए धनबाद पुलिस ने अभी से ही कमर कस ली है. एसएसपी हृदीप पी जनार्दनन के निर्देश पर भयमुक्त और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए धनबाद पुलिस लगातार व्यवस्था मजबूत करने में जुटी है. इसी क्रम में धनबाद पुलिस विभाग की ओर से चुनाव संबंधी शिकायतों और निगरानी के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है.
हेल्पलाइन नंबर जारी
आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एसएसपी के निर्देश पर पुलिस विभाग ने धनबाद जिले में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने के लिए हेल्पलाइन नंबर 0326 -2311217 और मोबाइल नंबर 8210840901 जारी किया है. विभाग की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर पर चुनाव संबंधी गड़बड़ी से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी या शिकायत जनता फोन करके या व्हाट्सएप के जरिए सीधे पुलिस को भेज सकती है. हेल्पलाइन नंबर पर पुलिस को सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान गुप्त रखी जाएगी.
धनबाद पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर जारी करने के साथ ही अपनी चौकसी बढ़ा दी है. जिले के विभिन्न इलाकों में वाहन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. सड़कों, रेलवे स्टेशनों और बस स्टॉप पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्र मैथन में भी अंतरराज्यीय पुलिस चेकपोस्ट स्थापित किया गया है जहां बंगाल से आने वाले सभी वाहनों की सघन जांच की जा रही है.
सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी
इसके अलावा धनबाद पुलिस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी कड़ी निगरानी रख रही है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चुनाव से संबंधित कोई भी आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक मैसेज पोस्ट करने के साथ-साथ उसे लाइक, कमेंट और शेयर करने वालों पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
ग्रुप एडमिन भी माना जाएगा दोषी
व्हाट्सएप पर भ्रामक वीडियो, तस्वीरें, झूठी खबरें या किसी भी तरह की आपत्तिजनक और भ्रामक सामग्री साझा करने वाले व्यक्ति के साथ-साथ ग्रुप एडमिन भी दोषी माना जाएगा. धनबाद पुलिस ने जिलेवासियों से अपील की है कि किसी भी प्रकार की भ्रामक और आपत्तिजनक सूचना को फैलने से रोकने में पुलिस की मदद करें. मामले की जानकारी तुरंत हेल्पलाइन नंबर पर पुलिस को दें.
यह भी पढ़ें: खूंटी एसपी ने ली क्राइम रिव्यू मीटिंगः चुनाव से पूर्व पुलिस अफसरों को सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश
यह भी पढ़ें: सुरक्षा छोड़ गश्ती दल वसूली में थे मस्त, तभी पहुंच गए डीएसपी और फिर...
यह भी पढ़ें: पलामू की ये 30 सड़कें हैं संवेदनशील, कई बार हो चुके हैं नक्सली हमले, सुरक्षा में जुटी हैं सीआरपीएफ और पुलिस