धमतरी : शहर में मवेशियों की वजह से बढ़ते दुर्घटनाओं को लेकर धमतरी नगर निगम सभा कक्ष में बड़ी बैठक हुई. इस बैठक में डेयरी संचालकों के साथ नगर निगम और पुलिस प्रशासन की मवेशियों को व्यवस्थित रूप से रखने पर बात की गई. साथ ही गोकुल नगर और मवेशियों पर टैग लगाने को लेकर चर्चा हुई.
आवारा मवेशियों की समस्या को लेकर बैठक : धमतरी नगर निगम ने अब डेयरी वालों से बैठक कर इस समस्या का हल निकालने की कोशिश शुरू की है. लेकिन डेयरी संचालकों ने रोड में घूम रहे मवेशियों को ग्रामीणों का मवेशी बताया है. गोबर को लेकर डेयरी संचालकों का कहना है कि धमतरी नगर निगम गोबर का निपटान करें, जिसके लिए धमतरी नगर निगम को पैसा देने के लिए वह तैयार हैं.
"जो मवेशी रोड पर दिखाई दे रही हैं, वह डेयरी संचालकों के नहीं हैं." उनका कहना है कि जो आम लोग मवेशी पाल रहे, वो अपने मवेशियों को खुला छोड़ देते हैं, जिसके कारण दुर्घटना बढ़ती जा रही है." - डेयरी संचालक
गोकुल नगर बसाने पर नहीं बनी सहमति : डेयरी वाले न तो यह मानने को तैयार हैं कि उनके जानवर सड़क पर रहते हैं और न ही शहर के बाहर प्रस्तावित गोकुल नगर में डेयरी शिफ्ट करने को राजी हो रहे हैं. गोकुल नगर बसाने को लेकर डेयरी संचालकों ने साफ कह दिया कि वह सोरम नहीं जाना चाहते हैं. सिटी के आसपास लगभग 15 किलोमीटर के अंतराल पर ही गोकुल नगर बसाया जाए. ऐसे में मामला वहीं का वहीं फंसा हुआ है.
मवेशी के मालिकों पर होगी चालानी कार्रवाई : धमतरी नगर निगम आयुक्त का कहा, "कलेक्टर के निर्देश का पालन करते हुए रोड पर घूम रहे मवेशी के मालिकों पर चालानी कार्रवाई की जाएगी. नाली पर गोबर बहाने वाले डेयरी संचालकों पर भी चालानी कार्रवाई की जाएगी."
जिले में होने वाले सड़क हादसों के पीछे एक बड़ी वजह सड़क पर घूमते मवेशी भी हैं. धमतरी में पिछले 4 दिनों में मवेशियों से टकरा कर दो बाइक सवारों की जान जा चुकी है. इससे पहले भी कई सड़क हादसे मवेशियों की वजह से हुई है. जिसे ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने डेयरी संचालकों के साथ बैठक कर इस समस्या पर चर्चा की है. इस बैठक में धमतरी नगर निगम आयुक्त, उपायुक्त और धमतरी एसडीओपी, यातायात डीएसपी और लगभग 74 डेयरी संचालक भी उपस्थित रहे.