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धमतरी नगर निगम में महापौर के खिलाफ महासंग्राम - धमतरी महापौर विजय देवांगन

Dhamtari mayor resignation Demand : धमतरी नगर निगम इन दिनों अखाड़ा बना हुआ है. यहां एक बार फिर विपक्ष ने महापौर के खिलाफ पैदल मार्च कर इस्तीफे की मांग की है. ​

Demand  resignation of Dhamtari mayor
धमतरी महापौर के इस्तीफे की मांग
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 4, 2024, 10:23 PM IST

धमतरी नगर निगम बना अखाड़ा

धमतरी: सभी राजनीतिक पार्टियां लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है. वहीं, दूसरी ओर धमतरी नगर निगम सियासी अखाड़ा बना हुआ है. यहां एक बार फिर भाजपा पार्षदों ने सत्तापक्ष के खिलाफ निगम से लेकर कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च निकाला. साथ ही धमतरी महापौर विजय देवांगन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए इस्तीफे की मांग की. इसके बाद शासन के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा है.

8 करोड़ के घोटाले का लगाया आरोप: दरअसल, विपक्ष ने महापौर पर 8 करोड़ रुपए घोटाले का आरोप लगाया है. निगम क्षेत्र के करीबन 8 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की वापसी राज्य सरकार को होने और सामान्य सभा की बैठक महापौर की ओर से न बुलाए जाने से विपक्ष नाराज हैं. यही कारण है कि भाजपा पार्षदों ने शहर मंडल अध्यक्ष विजय साहू के नेतृत्व में सोमवार को नगर निगम के सामने से पैदल मार्च किया. इसके बाद विपक्ष ने कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचकर महापौर के खिलाफ ज्ञापन सौंपा.

क्या है विपक्ष का आरोप: ज्ञापन में कहा गया कि, "नगर निगम के महापौर पद पर आसीन विजय देवांगन से सामान्य सभा की बैठक आयोजित करने की मांग की गई थी. चार वर्ष से अधिक कार्यकाल के दौरान अब तक केवल 4 बार बैठक हुई है, जो घोर लापरवाही को दर्शाता है. शासन से प्रेषित राशि भी विकास कार्यों में न लगते हुए वापस हो गई, इसलिए उनका पद पर बने रहना उचित नहीं है. बर्खास्तगी प्रस्ताव प्रेषित करने के लिए आवेदन पेश है. नगर निगम की ओर से विकास कार्यों में भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी से क्षेत्रवासियों को आर्थिक क्षति पहुंची है."

भाजपाई पार्षद हल्ला मचा रहे हैं कि विकास कार्यों की राशि वापस चली गई है. ये झूठ बोल रहे हैं. भाजपाई पार्षदों ने ही स्वीकृत विकास कार्यों को रद्द कराया है. इनका विकास विरोधी चेहरा किसी से छुपाने लायक नहीं है, इसलिए ऐसा कह रहे हैं. इनका शासन है तो नये काम की स्वीकृति शहरहित में दिलाना था. बहुत सारे काम का वर्कऑर्डर सप्ताह भर पहले हुआ है. कुछ कार्यों का टेंडर प्रोसेस में है. मैंने सभापति से दो बार अनुरोध किया है. जब भी सामान्य सभा की बैठक बुलाएं, मेरी पूरी सहमति है. पार्षद भी दो बार सभापति से निवेदन कर चुके हैं. शहर में 4 साल में जनहित और मूलभूत के कार्य सभी 40 वार्डों में हुए हैं. हमारा काम वार्ड में लोगों को दिख रहा है. ये हमारे कार्यों को पचा नहीं पा रहे हैं. मुद्दा नहीं होने के कारण व्यक्तिगत रूप से बदनाम करने की कोशिश करते हैं. -विजय देवांगन, महापौर

बता दें कि विपक्ष कुछ दिनों पहले भी ऐसे ही महापौर का विरोध कर चुके हैं. वहीं, सोमवार को विपक्ष ने महापौर के विरोध में पैदल मार्च निकाला. साथ ही महापौर के इस्तीफे की मांग की.

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8 करोड़ के घोटाले का लगाया आरोप: दरअसल, विपक्ष ने महापौर पर 8 करोड़ रुपए घोटाले का आरोप लगाया है. निगम क्षेत्र के करीबन 8 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की वापसी राज्य सरकार को होने और सामान्य सभा की बैठक महापौर की ओर से न बुलाए जाने से विपक्ष नाराज हैं. यही कारण है कि भाजपा पार्षदों ने शहर मंडल अध्यक्ष विजय साहू के नेतृत्व में सोमवार को नगर निगम के सामने से पैदल मार्च किया. इसके बाद विपक्ष ने कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचकर महापौर के खिलाफ ज्ञापन सौंपा.

क्या है विपक्ष का आरोप: ज्ञापन में कहा गया कि, "नगर निगम के महापौर पद पर आसीन विजय देवांगन से सामान्य सभा की बैठक आयोजित करने की मांग की गई थी. चार वर्ष से अधिक कार्यकाल के दौरान अब तक केवल 4 बार बैठक हुई है, जो घोर लापरवाही को दर्शाता है. शासन से प्रेषित राशि भी विकास कार्यों में न लगते हुए वापस हो गई, इसलिए उनका पद पर बने रहना उचित नहीं है. बर्खास्तगी प्रस्ताव प्रेषित करने के लिए आवेदन पेश है. नगर निगम की ओर से विकास कार्यों में भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी से क्षेत्रवासियों को आर्थिक क्षति पहुंची है."

भाजपाई पार्षद हल्ला मचा रहे हैं कि विकास कार्यों की राशि वापस चली गई है. ये झूठ बोल रहे हैं. भाजपाई पार्षदों ने ही स्वीकृत विकास कार्यों को रद्द कराया है. इनका विकास विरोधी चेहरा किसी से छुपाने लायक नहीं है, इसलिए ऐसा कह रहे हैं. इनका शासन है तो नये काम की स्वीकृति शहरहित में दिलाना था. बहुत सारे काम का वर्कऑर्डर सप्ताह भर पहले हुआ है. कुछ कार्यों का टेंडर प्रोसेस में है. मैंने सभापति से दो बार अनुरोध किया है. जब भी सामान्य सभा की बैठक बुलाएं, मेरी पूरी सहमति है. पार्षद भी दो बार सभापति से निवेदन कर चुके हैं. शहर में 4 साल में जनहित और मूलभूत के कार्य सभी 40 वार्डों में हुए हैं. हमारा काम वार्ड में लोगों को दिख रहा है. ये हमारे कार्यों को पचा नहीं पा रहे हैं. मुद्दा नहीं होने के कारण व्यक्तिगत रूप से बदनाम करने की कोशिश करते हैं. -विजय देवांगन, महापौर

बता दें कि विपक्ष कुछ दिनों पहले भी ऐसे ही महापौर का विरोध कर चुके हैं. वहीं, सोमवार को विपक्ष ने महापौर के विरोध में पैदल मार्च निकाला. साथ ही महापौर के इस्तीफे की मांग की.

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