धमतरी: जल संरक्षण की दिशा में धमतरी कलेक्टर ने बेहतर कार्य कर देश में धमतरी का नाम रोशन किया है. धमतरी जिले में जीआईएस आधारित जल संरक्षण योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर नम्रता गांधी को नवाचार-जिला श्रेणी के तहत लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है.
जल संरक्षण योजना को पुरस्कार: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में जिले में पिछले वर्षों के दौरान हुए जल संरक्षण के कार्यों की सराहना अब राष्ट्रीय स्तर पर होने लगी है. यही वजह है कि धमतरी जिले की जीआईएस आधारित जल संरक्षण योजना को प्रधानमंत्री पुरस्कार 2023 के लिए चयनित किया गया है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी कलेक्टर नम्रता गांधी को बधाई दी है.
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कलेक्टर श्रीमती नम्रता गांधी को धमतरी जिले में जल संरक्षण के उत्कृष्ट प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार, 2023 से सम्मानित होने के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) January 15, 2025
उल्लेखनीय है कि जिले में जीआईएस-आधारित जल संरक्षण योजना के सफल क्रियान्वयन के… https://t.co/TY997X0RU3
धमतरी कलेक्टर को प्रधानमंत्री पुरस्कार: कलेक्टर नम्रता गांधी ने जल संरक्षण में अपनी भूमिका निभाने वाले सामाजिक संगठनों, एनजीओ व्यापारी एवं मिलर्स सहित जिले वासियों को धन्यवाद दिया है. धमतरी कलेक्टर ने कहा है कि जल संरक्षण की दिशा में यह पहला कदम है. हम सभी को मिलकर बहुत आगे जाना है. इसमें आप सभी का सहयोग अपेक्षित है.
धमतरी में जल संरक्षण को लेकर बेहतरीन काम: धमतरी जिले में पिछले वर्षों के दौरान विभिन्न विभागों, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वन, सिंचाई, कृषि, पीएचई, उद्योग, शहरी विकास सहित ग्राउंड वाटर बोर्ड, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जिले के एनजीओ, प्रदान, खोज, प्रथम और चेम्बर ऑफ कॉमर्स, मिलर्स एसोसिएशन, साथी सहित अन्य सहयोगी संस्थाओं और जिले वासियों ने जल संरक्षण के लिए काम किया है.
जल संसाधनों को संरक्षित करने और कृषि कार्यों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से धमतरी जिले के परंपरागत जल स्रोतों के संरक्षण, संवर्धन और नवीनीकरण के लिये जिला प्रशासन ने जलशक्ति अभियान के तहत यह योजना तैयार की थी. इसके अलावा जल स्रोतों की गणना और उनकी जियो टैगिंग का काम किया गया है.
जीआईएस भौगोलिक सूचना तंत्र या भौगोलिक सूचना प्रणाली है, जिसे कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को भौगोलिक सूचना के साथ एकीकृत कर इनके लिए डाटा कलेक्शन, प्रबंधन, विश्लेषण, संरक्षण और निरूपण(formulation) की व्यवस्था करता है. यह एक तरह से भूज्ञान की सूचना प्रणाली होती है.