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धमतरी में बसंत पंचमी पर जोड़ मेला, "सब जल गया लेकिन नहीं जल पाया गुरुग्रंथ साहिब" - बसंत पंचमी पर जोड़ मेला

Dhamtari Basant Panchami Mela धमतरी में बसंत पंचमी पर सिक्ख समाज की तरफ से हर साल मेला लगता है. इस मेले में शामिल होने पूरे छत्तीसगढ़ से लोग आते हैं.

Dhamtari Basant Panchami mela
धमतरी में बसंत पंचमी पर मेला
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 15, 2024, 1:43 PM IST

धमतरी: जिले के रावां गांव में बुधवार को बसंत पंचमी पर जोड़ मेला का आयोजन किया गया. इसमें सिख समाज सहित अन्य समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए. ग्राम रावां के गुरुद्वारा में हर साल बसंत पंचमी पर सिख समाज की तरफ से मेले का आयोजन किया जाता है.

Dhamtari Basant Panchami mela
बसंत पंचमी पर जोड़ मेला

बसंत पंचमी पर जोड़ मेला: बसंत पंचमी पर लगे जोड़ मेला में पहुंचे लोगों ने मत्था टेका. मेले में सिख समाज के लोगों के साथ ही आसपास गांवों समेत दूसरे राज्यों के लोग भी शामिल होने आते हैं. हजारों श्रद्धालुओं के लिए लंगर रखा जाता है. दिनभर कीर्तन चलता है. यहां आयोजित लंगर में हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया.

घर में आग लगी लेकिन गुरु ग्रंथ साहिब सुरक्षित: गुरुसिंह सभा प्रबंधक कमेटी के जितेन्द्र सिंह खालसा, ममता खालसा ने बताया कि "साल 1979 में रावां में तुलाराम ध्रुव नामक व्यक्ति रहता था. जिसके घर में गुरुग्रंथ साहिब रखा था. एक दिन अचानक तुलाराम के घर में आग लग गई. इस दौरान तुलाराम खेत में काम करने गया था. जब वह लौटा तो देखा कि आग ने घर को तबाह कर दिया. घर में सिर्फ गुरु ग्रंथ साहिब ही सही सलामत था. पवित्र ग्रंथ को आग की लपटें छू भी नहीं पाई थी. यह घटना धीरे-धीरे लोगों को पता चली तो लोग आस्था प्रकट करने गांव आने लगे."

दुख निवारण साहिब गुरुद्वारा: इस घटना के बाद साल 1981 में गुरुद्वारा का निर्माण शुरू हुआ. इस गुरुद्वारे में गुरुग्रंथ साहिब आज भी सुरक्षित है. गुरुद्वारा निर्माण के साथ ही बसंत पंचमी पर जोड़ मेले का आयोजन शुरू हुआ. खास बात कि इस मेले में सभी समाज के लोग उपस्थिति देते हैं. इस दौरान जोड़ मेले में छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों से भी संगत पहुंचते है. मत्था टेककर सुख समृद्धि की कामना करते है.

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धमतरी: जिले के रावां गांव में बुधवार को बसंत पंचमी पर जोड़ मेला का आयोजन किया गया. इसमें सिख समाज सहित अन्य समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए. ग्राम रावां के गुरुद्वारा में हर साल बसंत पंचमी पर सिख समाज की तरफ से मेले का आयोजन किया जाता है.

Dhamtari Basant Panchami mela
बसंत पंचमी पर जोड़ मेला

बसंत पंचमी पर जोड़ मेला: बसंत पंचमी पर लगे जोड़ मेला में पहुंचे लोगों ने मत्था टेका. मेले में सिख समाज के लोगों के साथ ही आसपास गांवों समेत दूसरे राज्यों के लोग भी शामिल होने आते हैं. हजारों श्रद्धालुओं के लिए लंगर रखा जाता है. दिनभर कीर्तन चलता है. यहां आयोजित लंगर में हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया.

घर में आग लगी लेकिन गुरु ग्रंथ साहिब सुरक्षित: गुरुसिंह सभा प्रबंधक कमेटी के जितेन्द्र सिंह खालसा, ममता खालसा ने बताया कि "साल 1979 में रावां में तुलाराम ध्रुव नामक व्यक्ति रहता था. जिसके घर में गुरुग्रंथ साहिब रखा था. एक दिन अचानक तुलाराम के घर में आग लग गई. इस दौरान तुलाराम खेत में काम करने गया था. जब वह लौटा तो देखा कि आग ने घर को तबाह कर दिया. घर में सिर्फ गुरु ग्रंथ साहिब ही सही सलामत था. पवित्र ग्रंथ को आग की लपटें छू भी नहीं पाई थी. यह घटना धीरे-धीरे लोगों को पता चली तो लोग आस्था प्रकट करने गांव आने लगे."

दुख निवारण साहिब गुरुद्वारा: इस घटना के बाद साल 1981 में गुरुद्वारा का निर्माण शुरू हुआ. इस गुरुद्वारे में गुरुग्रंथ साहिब आज भी सुरक्षित है. गुरुद्वारा निर्माण के साथ ही बसंत पंचमी पर जोड़ मेले का आयोजन शुरू हुआ. खास बात कि इस मेले में सभी समाज के लोग उपस्थिति देते हैं. इस दौरान जोड़ मेले में छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों से भी संगत पहुंचते है. मत्था टेककर सुख समृद्धि की कामना करते है.

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