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सबका साथ, सबका विकास को मिली मजबूती, धामी सरकार ने विधायकों के 235 प्रस्तावों पर किया काम, विपक्ष को भी दी तवज्जो - Development proposals of MLAs

Work on proposals of MLAs in Uttarakhand प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास नारा दिया था. उत्तराखंड की धामी सरकार पीएम मोदी के इस नारे को राज्य में साकार करती नजर आ रही है. दरअसल सीएम धामी ने राज्य के सभी विधायकों से उनके विधानसभा क्षेत्रों के लिए विकास कार्यों के प्रस्ताव मांगे थे. पक्ष और विपक्ष के सभी 70 विधायकों ने कुल 700 प्रस्ताव सरकार को दिए थे. अच्छी बात ये है कि सरकार ने सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्षी विधायकों के प्रस्तावों को भी पूरी तवज्जो दी है.

MLAs in Uttarakhand
प्रस्तावों पर एक्शन (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 20, 2024, 6:53 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में धामी सरकार ने विधायकों के प्रस्तावों पर तेजी से काम किया है. विधानसभा स्तर पर विकास कार्यों के लिए विधायकों से मांगे गए 235 प्रस्तावों को अब तक अमलीजामा पहना दिया गया है. बाकी प्रस्तावों पर भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जल्द से जल्द कार्य पूरे करने के निर्देश दिए हैं. खास बात यह है कि विपक्षी दल कांग्रेस और बसपा के साथ ही निर्दलीय विधायकों के प्रस्तावों को भी धामी सरकार ने हाथों हाथ लिया है. यानी विरोधी दलों के विधायकों की विधानसभा सीटों में भी धामी सरकार विकास कार्यों के इन प्रस्तावों को अमलीजामा पहना रही है.

200 से ज्यादा प्रस्तावों को पहनाया अमलीजामा: उत्तराखंड में हर विधानसभा सीट के लिए सरकार को मिले विकास कार्यों से जुड़े प्रस्ताव अब धरातल पर उतर रहे हैं. मौजूदा आंकड़े बताते हैं कि एक तरफ जहां विधायकों ने बड़ी संख्या में अपनी विधानसभा क्षेत्रों के लिए धामी सरकार को प्रस्ताव दिए हुए हैं, तो वहीं सरकार भी विकास कार्यों से जुड़े इन प्रस्तावों को धरातल पर उतार रही है. दरअसल प्रत्येक विधायक से अपनी विधानसभा सीट के लिए 10 प्रस्ताव सरकार ने मांगे थे. इन पर काम कराए जाने का भी भरोसा दिया गया था. विधायकों के लिए खुशी की बात यह है कि धामी सरकार ने इन प्रस्ताव पर काम करते हुए अब तक कई प्रस्तावों को धरातल पर भी उतार दिया है.

भाजपा ही नहीं विरोधी दलों के विधायकों को भी तवज्जो: धामी सरकार ने भाजपा विधायकों के साथ ही राज्य भर के बाकी सभी विरोधी दलों के विधायकों से भी प्रस्ताव मांगे थे. खास बात यह है कि जिन प्रस्तावों पर अब तक काम पूरा कर लिया गया है, उनमें भाजपा विधायकों के साथ ही बड़ी संख्या में विरोधी दलों के विधायकों के प्रस्ताव भी शामिल हैं. यानी भाजपा विधायकों के साथ विरोधी दलों के विधायकों से जुड़ी विधानसभा सीटों में भी विकास कार्यों को प्रस्ताव के आधार पर पूरा किया गया है.

सरकार को मिले 700 प्रस्ताव: प्रदेश में राज्य सरकार को 70 विधानसभा सीटों के विधायकों के कुल 700 प्रस्ताव मिले थे. इनमें से 235 विकास कार्यों से जुड़े इन प्रस्तावों पर सरकार काम करवा रही है. इन कामों के शासनादेश भी हो चुके हैं. इन 235 कार्यों में से 75 काम कांग्रेस, बसपा या निर्दलीय विधायकों की विधानसभा सीटों से जुड़े हैं. धामी सरकार ने पिछले 1 साल में इन प्रस्तावों पर काम करना शुरू किया है. इतने समय में अब तक करीब 34% प्रस्ताव आगे बढ़ चुके हैं. उधर बाकी प्रस्तावों पर भी अधिकारियों को तय समय सीमा के भीतर काम पूरा करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.

ये हैं ज्यादातर प्रस्ताव: राज्य सरकार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 10 सबसे महत्वपूर्ण कामों को जल्द से जल्द पूरा करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ी है. क्षेत्रीय विधायकों ने भी इसमें अधिकतर सड़क निर्माण, स्वास्थ्य, शिक्षा और मूलभूत सुविधाओं से जुड़े कामों को तवज्जो दी है.
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200 से ज्यादा प्रस्तावों को पहनाया अमलीजामा: उत्तराखंड में हर विधानसभा सीट के लिए सरकार को मिले विकास कार्यों से जुड़े प्रस्ताव अब धरातल पर उतर रहे हैं. मौजूदा आंकड़े बताते हैं कि एक तरफ जहां विधायकों ने बड़ी संख्या में अपनी विधानसभा क्षेत्रों के लिए धामी सरकार को प्रस्ताव दिए हुए हैं, तो वहीं सरकार भी विकास कार्यों से जुड़े इन प्रस्तावों को धरातल पर उतार रही है. दरअसल प्रत्येक विधायक से अपनी विधानसभा सीट के लिए 10 प्रस्ताव सरकार ने मांगे थे. इन पर काम कराए जाने का भी भरोसा दिया गया था. विधायकों के लिए खुशी की बात यह है कि धामी सरकार ने इन प्रस्ताव पर काम करते हुए अब तक कई प्रस्तावों को धरातल पर भी उतार दिया है.

भाजपा ही नहीं विरोधी दलों के विधायकों को भी तवज्जो: धामी सरकार ने भाजपा विधायकों के साथ ही राज्य भर के बाकी सभी विरोधी दलों के विधायकों से भी प्रस्ताव मांगे थे. खास बात यह है कि जिन प्रस्तावों पर अब तक काम पूरा कर लिया गया है, उनमें भाजपा विधायकों के साथ ही बड़ी संख्या में विरोधी दलों के विधायकों के प्रस्ताव भी शामिल हैं. यानी भाजपा विधायकों के साथ विरोधी दलों के विधायकों से जुड़ी विधानसभा सीटों में भी विकास कार्यों को प्रस्ताव के आधार पर पूरा किया गया है.

सरकार को मिले 700 प्रस्ताव: प्रदेश में राज्य सरकार को 70 विधानसभा सीटों के विधायकों के कुल 700 प्रस्ताव मिले थे. इनमें से 235 विकास कार्यों से जुड़े इन प्रस्तावों पर सरकार काम करवा रही है. इन कामों के शासनादेश भी हो चुके हैं. इन 235 कार्यों में से 75 काम कांग्रेस, बसपा या निर्दलीय विधायकों की विधानसभा सीटों से जुड़े हैं. धामी सरकार ने पिछले 1 साल में इन प्रस्तावों पर काम करना शुरू किया है. इतने समय में अब तक करीब 34% प्रस्ताव आगे बढ़ चुके हैं. उधर बाकी प्रस्तावों पर भी अधिकारियों को तय समय सीमा के भीतर काम पूरा करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.

ये हैं ज्यादातर प्रस्ताव: राज्य सरकार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 10 सबसे महत्वपूर्ण कामों को जल्द से जल्द पूरा करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ी है. क्षेत्रीय विधायकों ने भी इसमें अधिकतर सड़क निर्माण, स्वास्थ्य, शिक्षा और मूलभूत सुविधाओं से जुड़े कामों को तवज्जो दी है.
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