देहरादून: राज्य के शहरी क्षेत्र में परिवहन व्यवस्थाओं को बेहतर किए जाने को लेकर उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण विधेयक, 2024 तैयार किया है. इस विधेयक के तहत राज्य स्तर पर एक प्राधिकरण बनाया जाएगा. प्राधिकरण के अस्तित्व में आने के बाद शहरी क्षेत्रों में होने वाले विकास कार्यों या योजनाओं को धरातल पर उतारने से पहले इसे प्राधिकरण से पास करना अनिवार्य होगा.
दरअसल, मौजूदा समय में शहरी क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों के चलते कई बार यातायात व्यवस्थाएं बाधित हो जाती हैं. जिसके चलते लोगों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इन तमाम समस्याओं को देखते हुए आवास विभाग ने राज्य के शहरी परिवहन के विकास, संचालन, रखरखाव, निगरानी और पर्यवेक्षण को व्यवस्थित करने के लिए ‘उत्तराखंड एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण विधेयक, 2024’ तैयार किया है. शनिवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान कैबिनेट ने इस विधेयक को सदन के पटल पर रखने की मंजूरी दे दी है. इस विधेयक का ड्राफ्ट मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स (MoHUA) के दिशा-निर्देशों और केरल राज्य के मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के अधिनियम, 2019 के आधार पर तैयार किया गया है.
सचिव एसएन पांडेय ने बताया शहरी क्षेत्रों में परिवहन व्यवस्था को बेहतर करने के साथ ही सुचारू रूप से संचालित किए जाने को लेकर राज्य स्तर पर एक विधेयक ‘उत्तराखण्ड एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण विधेयक, 2024’ लाने जा रहे हैं, जिसमें एक प्राधिकरण बनाने का प्रावधान है. ऐसे में शहरी क्षेत्रों में जो भी योजनाएं आएंगी, उसको इस प्राधिकरण से पास कराने के बाद ही धरातल पर उतरा जाएगा. जिससे शहरी क्षेत्रों में यातायात को सुगम बनाया जा सके.