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भांकरोटा अग्निकांड में 'देवदूत' बने इंसान, पुलिस ने किया सम्मान, खुद की जान पर खेलकर बचाया - BHANKOTA GAS TANKER BLAST

जयपुर के भांकरोटा ​अग्निकांड में मदद का हाथ बढ़ाने वाले लोगों का डीजीपी उत्कल रंजन साहू ने एक गरिमापूर्ण समारोह में सम्मान किया.

Bhankrota Gas Tanker Blast
भांकरोटा ​अग्निकांड में मदद का हाथ बढ़ाने वाले लोगों का पुलिस ने किया सम्मान (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 30, 2025, 6:20 PM IST

जयपुर: शहर के भांकरोटा में 20 दिसंबर को अलसुबह हुए अग्निकांड का मंजर आज भी रूह कंपा देता है. इसमें 20 लोगों की मौत हो गई थी और 40 से ज्यादा वाहन जल गए. यह हालात और भयावह हो सकते थे, यदि इंसानों की शक्ल में कुछ देवदूत वहां नहीं पहुंचते. इस भयानक मंजर के बीच वहां मौजूद कई लोग अपनी जान की परवाह किए बिना आगे बढ़े और मदद के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया. किसी ने पुलिस प्रशासन को तत्काल सूचना दी, तो किसी ने दमकल में पानी भरने में मदद की. किसी ने दमकल कर्मियों का हाथ बंटाकर आग पर काबू पाने में मदद की तो किसी ने कॉरिडोर बनाकर राहत कार्य में लगे वाहनों को आगे बढ़ने में सहायता की. इस बीच किसी ने अपने वाहनों से घायलों को अस्पताल तक पहुंचाया. इस खतरनाक माहौल में देवदूत बनकर लोगों और पुलिस प्रशासन की मदद को आगे आए 25 लोगों का आज गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में सम्मान किया गया. पुलिस प्रशासन ने इन्हें भांकरोटा वॉरियर्स का नाम दिया है.

डीजीपी उत्कल रंजन साहू ने इस मौके पर कहा कि भांकरोटा अग्निकांड में जिस तरह इन लोगों ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया और लोगों की जान बचाने में मदद की. उनका उत्साहवर्धन करना जरूरी है. इन्होंने जो काम किया है और लोगों की जान बचाई है. उसकी हम कल्पना कर सकते हैं. उस भयानक मंजर के बीच उन्होंने अपनी जान को खतरे में डालकर जो काम किया है. वो सबके लिए अनुकरणीय उदहारण है. आजकल हम देखते हैं कि हर छोटी-बड़ी घटना पर लोग रील बनाने में लगे रहते हैं. दूसरे की जान और संपत्ति की कोई परवाह नहीं करते हैं. ऐसे आयोजन का मकसद इसी उम्मीद से किया गया है कि मानवता जिंदा रहेगी. इन्हें देखकर दूसरे लोग भी उनसे प्रेरणा लेंगे.

पढ़ें: भांकरोटा अग्निकांड: टैंकर की टक्कर और गैस लीकेज से हुआ था भयावह हादसा, FSL ने सौंपी जांच रिपोर्ट

डीसीपी (पश्चिम) अमित कुमार ने बताया, भांकरोटा हादसे के समय अपनी जान को खतरे में डालकर लोगों की मदद का हाथ बढ़ाने वाले वारियर्स को आज डीजीपी उत्कल रंजन साहू ने सम्मानित किया है. इन लोगों ने झुलसे हुए लोगों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की. आग बुझाने में मदद की और लोगों की जान व संपत्ति की रक्षा के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया. ऐसे सभी लोगों को चिह्नित किया गया. डीजीपी ने इन लोगों को राज्य स्तर पर सम्मानित किया है.

सबसे पहले दी दमकल और कंट्रोल रूम को सूचना: भांकरोटा वॉरियर राजेंद्र सिंह ने बताया कि यह हादसा उनकी कंपनी के पास ही हुआ. जैसे ही हादसा हुआ. उनके पास उनके ऑफिस से स्टाफ का कॉल आया. सबसे पहले उन्होंने दमकल कार्यालय में कॉल किया और हादसे की सूचना दी. इसके बाद 20 मिनट में दमकल मौके पर पहुंच गई. इसके बाद कलेक्ट्रेट स्थित कंट्रोल रूम में कॉल कर हादसे की जानकारी दी. पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ को कॉल कर हादसे के बारे में बताया.

बस की सवारियों को सुरक्षित निकाला: रोडवेज के परिचालक हरविंद सिंह ने बताया कि वह मंजर बहुत भयानक था. ऐसा हादसा जीवन में पहले कभी नहीं देखा. वे जिस बस को लेकर आ रहे थे. वह बस दुर्घटनाग्रस्त टैंकर से महज 50 फीट की दूरी पर थी. गैस रिसाव शुरू होने पर उन्होंने बस के चालक के साथ मिलकर सभी सवारियों को बाहर निकाला और सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया. इसके बाद आग लग गई. इस दौरान जो लोग फंसे हुए थे. उन्हें बाहर निकाला. कुछ लोग जलते हुए भी आए. जिन्हें अस्पताल पहुंचाया गया. एम्बुलेंस को कॉल किया. निजी वाहनों से भी लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया.

यह भी पढ़ें: भांकरोटा अग्निकांड: मौत का आंकड़ा पहुंचा 15, नरेश बाबू और युसूफ ने तोड़ा दम, 18 मरीज अभी भी अस्पताल में भर्ती

आग बुझाने के लिए की पानी सप्लाई: भांकरोटा वॉरियर राजेश शर्मा ने बताया कि उनकी बसें वहीं खड़ी थी. किसी ने कॉल कर सूचना दी कि बसें जल रही हैं. लेकिन यह पता नहीं था कि हादसा इतना भयानक है. मौके पर पहुंचने पर भीषण आग सामने थी. आग बुझाने में लगी दमकल को पानी भरने के लिए लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा था. ऐसे में उन्होंने डीसीपी अमित कुमार से बात कर पानी का इंतजाम करवाया. वहां बने हौद से उन्होंने और उनके परिजनों ने कॉरिडोर बनवाकर पानी की सप्लाई करवाई. धमाके की आवाज सुनकर पहुंचे मौके पर राकेश शर्मा ने बताया कि जहां हादसा हुआ. उनका घर उसके पास ही था. जोरदार धमाका हुआ तो आवाज सुनकर मौके की तरफ निकले. जहां चारों तरफ आग की लपटें उठ रही थी. वहां फंसे हुए लोगों को जैसे-तैसे कर निकाला. इसके बाद सात घंटे तक मौके पर रहे और राहत कार्य में मदद की. इसके अलावा भी कई ऐसे लोग हैं. जिन्होंने अपने-अपने तरीके से आग में झुलसे हुए लोगों की मदद की. बचाव एवं राहत कार्य में हाथ बंटाया. जिससे समय रहते आग पर काबू पाया जा सका.

जान गंवाने वालों को दी श्रद्धांजलि: कार्यक्रम की शुरुआत में डीजीपी उत्कल रंजन साहू, डीजी (साइबर क्राइम) हेमंत प्रियदर्शी, एडीजी (ट्रैफिक) अनिल पालीवाल, जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ, जयपुर कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी, अतिरिक्त कमिश्नर कुंवर राष्ट्रदीप, योगेश दाधीच, डॉ. रामेश्वर सिंह, एडीजी (क्राइम) दिनेश एमएन और प्रशाखा माथुर ने भांकरोटा अग्निकांड में जान गंवाने वाले 20 लोगों को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.

परिजनों की मदद को आगे बढ़ाया हाथ: डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों की मदद के लिए कई संस्थान आगे बढ़कर मदद कर रहे हैं. सीएलसी, सीकर ने हादसे घायलों और मृतकों के परिवारों को शिक्षा संबल देने और बेटे, बेटी, भाई, बहन को इंजीनियरिंग-मेडिकल की निशुल्क कोचिंग देने का ऐलान किया है. स्प्रिंग बोर्ड एकेडमी सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले आश्रितों को निशुल्क कोचिंग देगी, जबकि राजेश मोटर्स ने मृतकों के परिजनों को 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी है.

जयपुर: शहर के भांकरोटा में 20 दिसंबर को अलसुबह हुए अग्निकांड का मंजर आज भी रूह कंपा देता है. इसमें 20 लोगों की मौत हो गई थी और 40 से ज्यादा वाहन जल गए. यह हालात और भयावह हो सकते थे, यदि इंसानों की शक्ल में कुछ देवदूत वहां नहीं पहुंचते. इस भयानक मंजर के बीच वहां मौजूद कई लोग अपनी जान की परवाह किए बिना आगे बढ़े और मदद के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया. किसी ने पुलिस प्रशासन को तत्काल सूचना दी, तो किसी ने दमकल में पानी भरने में मदद की. किसी ने दमकल कर्मियों का हाथ बंटाकर आग पर काबू पाने में मदद की तो किसी ने कॉरिडोर बनाकर राहत कार्य में लगे वाहनों को आगे बढ़ने में सहायता की. इस बीच किसी ने अपने वाहनों से घायलों को अस्पताल तक पहुंचाया. इस खतरनाक माहौल में देवदूत बनकर लोगों और पुलिस प्रशासन की मदद को आगे आए 25 लोगों का आज गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में सम्मान किया गया. पुलिस प्रशासन ने इन्हें भांकरोटा वॉरियर्स का नाम दिया है.

डीजीपी उत्कल रंजन साहू ने इस मौके पर कहा कि भांकरोटा अग्निकांड में जिस तरह इन लोगों ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया और लोगों की जान बचाने में मदद की. उनका उत्साहवर्धन करना जरूरी है. इन्होंने जो काम किया है और लोगों की जान बचाई है. उसकी हम कल्पना कर सकते हैं. उस भयानक मंजर के बीच उन्होंने अपनी जान को खतरे में डालकर जो काम किया है. वो सबके लिए अनुकरणीय उदहारण है. आजकल हम देखते हैं कि हर छोटी-बड़ी घटना पर लोग रील बनाने में लगे रहते हैं. दूसरे की जान और संपत्ति की कोई परवाह नहीं करते हैं. ऐसे आयोजन का मकसद इसी उम्मीद से किया गया है कि मानवता जिंदा रहेगी. इन्हें देखकर दूसरे लोग भी उनसे प्रेरणा लेंगे.

पढ़ें: भांकरोटा अग्निकांड: टैंकर की टक्कर और गैस लीकेज से हुआ था भयावह हादसा, FSL ने सौंपी जांच रिपोर्ट

डीसीपी (पश्चिम) अमित कुमार ने बताया, भांकरोटा हादसे के समय अपनी जान को खतरे में डालकर लोगों की मदद का हाथ बढ़ाने वाले वारियर्स को आज डीजीपी उत्कल रंजन साहू ने सम्मानित किया है. इन लोगों ने झुलसे हुए लोगों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की. आग बुझाने में मदद की और लोगों की जान व संपत्ति की रक्षा के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया. ऐसे सभी लोगों को चिह्नित किया गया. डीजीपी ने इन लोगों को राज्य स्तर पर सम्मानित किया है.

सबसे पहले दी दमकल और कंट्रोल रूम को सूचना: भांकरोटा वॉरियर राजेंद्र सिंह ने बताया कि यह हादसा उनकी कंपनी के पास ही हुआ. जैसे ही हादसा हुआ. उनके पास उनके ऑफिस से स्टाफ का कॉल आया. सबसे पहले उन्होंने दमकल कार्यालय में कॉल किया और हादसे की सूचना दी. इसके बाद 20 मिनट में दमकल मौके पर पहुंच गई. इसके बाद कलेक्ट्रेट स्थित कंट्रोल रूम में कॉल कर हादसे की जानकारी दी. पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ को कॉल कर हादसे के बारे में बताया.

बस की सवारियों को सुरक्षित निकाला: रोडवेज के परिचालक हरविंद सिंह ने बताया कि वह मंजर बहुत भयानक था. ऐसा हादसा जीवन में पहले कभी नहीं देखा. वे जिस बस को लेकर आ रहे थे. वह बस दुर्घटनाग्रस्त टैंकर से महज 50 फीट की दूरी पर थी. गैस रिसाव शुरू होने पर उन्होंने बस के चालक के साथ मिलकर सभी सवारियों को बाहर निकाला और सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया. इसके बाद आग लग गई. इस दौरान जो लोग फंसे हुए थे. उन्हें बाहर निकाला. कुछ लोग जलते हुए भी आए. जिन्हें अस्पताल पहुंचाया गया. एम्बुलेंस को कॉल किया. निजी वाहनों से भी लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया.

यह भी पढ़ें: भांकरोटा अग्निकांड: मौत का आंकड़ा पहुंचा 15, नरेश बाबू और युसूफ ने तोड़ा दम, 18 मरीज अभी भी अस्पताल में भर्ती

आग बुझाने के लिए की पानी सप्लाई: भांकरोटा वॉरियर राजेश शर्मा ने बताया कि उनकी बसें वहीं खड़ी थी. किसी ने कॉल कर सूचना दी कि बसें जल रही हैं. लेकिन यह पता नहीं था कि हादसा इतना भयानक है. मौके पर पहुंचने पर भीषण आग सामने थी. आग बुझाने में लगी दमकल को पानी भरने के लिए लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा था. ऐसे में उन्होंने डीसीपी अमित कुमार से बात कर पानी का इंतजाम करवाया. वहां बने हौद से उन्होंने और उनके परिजनों ने कॉरिडोर बनवाकर पानी की सप्लाई करवाई. धमाके की आवाज सुनकर पहुंचे मौके पर राकेश शर्मा ने बताया कि जहां हादसा हुआ. उनका घर उसके पास ही था. जोरदार धमाका हुआ तो आवाज सुनकर मौके की तरफ निकले. जहां चारों तरफ आग की लपटें उठ रही थी. वहां फंसे हुए लोगों को जैसे-तैसे कर निकाला. इसके बाद सात घंटे तक मौके पर रहे और राहत कार्य में मदद की. इसके अलावा भी कई ऐसे लोग हैं. जिन्होंने अपने-अपने तरीके से आग में झुलसे हुए लोगों की मदद की. बचाव एवं राहत कार्य में हाथ बंटाया. जिससे समय रहते आग पर काबू पाया जा सका.

जान गंवाने वालों को दी श्रद्धांजलि: कार्यक्रम की शुरुआत में डीजीपी उत्कल रंजन साहू, डीजी (साइबर क्राइम) हेमंत प्रियदर्शी, एडीजी (ट्रैफिक) अनिल पालीवाल, जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ, जयपुर कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी, अतिरिक्त कमिश्नर कुंवर राष्ट्रदीप, योगेश दाधीच, डॉ. रामेश्वर सिंह, एडीजी (क्राइम) दिनेश एमएन और प्रशाखा माथुर ने भांकरोटा अग्निकांड में जान गंवाने वाले 20 लोगों को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.

परिजनों की मदद को आगे बढ़ाया हाथ: डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों की मदद के लिए कई संस्थान आगे बढ़कर मदद कर रहे हैं. सीएलसी, सीकर ने हादसे घायलों और मृतकों के परिवारों को शिक्षा संबल देने और बेटे, बेटी, भाई, बहन को इंजीनियरिंग-मेडिकल की निशुल्क कोचिंग देने का ऐलान किया है. स्प्रिंग बोर्ड एकेडमी सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले आश्रितों को निशुल्क कोचिंग देगी, जबकि राजेश मोटर्स ने मृतकों के परिजनों को 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी है.

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