देवास। जिले के टोंकखुर्द के माधोपुर खेड़ा गांव में पिछले 10 दिनों में बीमारी से दो बच्चियों की मौत की खबर सामने आ रही है. बच्चियों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने क्षेत्र के लगभग 120 ग्रामीणों की जांच की है. साथ ही 16 की सैंपलिंग ली गई है. जबकि हाई रिस्क के तौर पर गर्भवती महिला को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है. ग्रामीण क्षेत्र से पानी स्त्रोतों के भी सैंपल लिए गए हैं.
स्वास्थ्य विभाग ने गांव में कैंप लगाया कैंप
मौत के कारणों को लेकर स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि 'इंदौर और उज्जैन से रिपोर्ट मंगवाई है.' दरअसल जिले के टोंकखुर्द के माधोपुर खेड़ा में पिछले दस दिनों में दो बालिकाओं की बीमारी के चलते मौत हो गई. बच्चियों को बुखार के साथ ही सिर दर्द की शिकायत थी. जिनकी इंदौर और उज्जैन में इलाज के दौरान मौत हो गई. बच्चियों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. गांव में कैंप लगाकर 120 ग्रामीणों की जांच की गई. वहीं 16 ग्रामीणों के ब्लड सैंपल लिए गए हैं. टीम ने गांव की पानी की टंकी और अन्य पेयजल स्त्रोतों के पानी के सैंपल लिए हैं.
सरपंच प्रतिनिधि मुजाहिद खां ने मुख्यखण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. माया कल्याणी को बच्ची की मौत की सूचना दी थी. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की एक टीम गांव पहुंची थी. गांव में बीमार और बुखार से पीड़ित लोगों की जांच की गई. डॉ. प्रतीक तिवारी डॉ. राजेश नागर के अंडर में स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया गया. 120 रोगियों की जांच एवं इलाज किया गया. 16 लोगों के ब्लड सैंपल लिए गए. गठित तीन दल ने गांव में लार्वा सर्वे किया. टीम के सदस्यों ने ग्रामीणों से चर्चा की.
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हाई रिस्क गर्भवती को जिला अस्पताल में करवाया भर्ती
जिला मलेरिया अधिकारी डॉक्टर रश्मि दुबे ने बताया कि 'माधोपुर खेड़ा गांव में कुछ ग्रामीणों में बुखार की सूचना मिली थी. कुछ ग्रामीणों के सैंपल मंगवाए गए थे. उनकी डेंगू रिपोर्ट निगेटिव आई है. एक हाई रिस्क गर्भवती को जिला अस्पताल भर्ती करवाया गया है. उसके प्लेटलेट्स कम हैं. उसकी जांच करवाई जा रही है. पिछले10 दिनों के भीतर दो बालिकाओं की मौत हुई थी. शिविर लगवाकर सारी गतिविधियां करवाई गई है. पेयजल स्त्रोतों के सैंपल लिए गए हैं. बच्चियों को इलाज के लिए इंदौर और उज्जैन ले जाया गया था. हमने वहां से जानकारी मंगवाई है. उनकी मौत का कारण निकलकर सामने नहीं आया है.'