सराज: 3 अक्टूबर यानी गुरुवार से शारदीय नवरात्र का शुभारंभ हो गया है. देश भर के शक्तिपीठों और मंदिरों में भक्तों का सैलाब देखने को मिल रहा है. मंडी जिला में मां भगवती के एक नहीं, बल्कि अनेक रूपों के प्राचीन मंदिर स्थापित है. नवरात्र पर इन मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया है. नवरात्रि के पहले दिन ही माता शिकारी के मंदिर में विशेष रौनक देखने को मिल रही है.
माता शिकारी के जाने के लिए रायगढ़ से आगे मात्र 6 किलोमीटर के सफर के लिए छोटी गाड़ी के लिए 50 रुपये, पिकअप और बड़ी गाड़ियों के लिए 100 रुपए रोजाना वाइल्डलाइफ एंट्री शुल्क देने होते थे. जिसकी परमिशन वाइल्डलाइफ कुल्लू ने एक साल के लिए एक ठेकेदार को दी थी, लेकिन जो इसकी अवधि तीन माह पहले ही खत्म हो चुकी है. जिसके बाद पिछले साल भारी बरसात के चलते उक्त ठेकेदार को तीन माह का अतिरिक्त समय दिया गया था, जो पिछले दिनों 30 सितंबर को पूरा हो गया है. अभी टेंडर आवंटित प्रक्रिया होनी बाकी है. इसलिए वाइल्डलाइफ की ओर से इस बार माता के दर्शन करने के लिए कोई पैसा नहीं लगेगा.
डीएफओ वाइल्डलाइफ राजेश कुमार शर्मा ने कहा, "ठेकेदार का टेंडर 30 सितंबर को खत्म हो चुका है. जब तक टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक श्रद्धालुओं से कोई पैसा नहीं लिया जाएगा. अगर कोई पैसा लेता पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी".
मंदिर कमेटी के चैयरमेन एसडीएम थुनाग अमित कल्थाईक ने कहा, "टेंडर की अवधि खत्म हो चुकी है, अगर कोई शुल्क लेता पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी".
11000 फीट की ऊंचाई पर माता शिकारी का मंदिर: मंडी जिला का सबसे प्राचीन शिकारी माता का मंदिर 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है. शिकारी माता का मंदिर भी नवरात्रि के लिए सज गया है. कार्यकारी एसडीएम तहसीलदार थुनाग अमित कल्थाईक ने कहा कि नवरात्र के लिए माता का मंदिर सज चुका है. मंदिर में दर्शन करने के बाद भक्त शिकारी माता की वादियों का आनंद ले सकते हैं. भक्तों के लिए कमेटी ने दो चौकीदार तैनात कर दिए हैं. ताकि भीड़ होने पर भगदड़ की स्थिति न हो.
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