अयोध्या: 17 अप्रैल को रामनवमी भव्यता के साथ मनाए जाने की तैयारी की जा रही है. अनुमान है कि 25 से 30 लाख श्रद्धालु पहुंचेंगे. लेकिन रामलला का सूर्य तिलक देखने की उनकी आकांक्षा पूरी नहीं हो सकेगी. इसके लिए उन्हें एक साल और इंतजार करना होगा. मंदिर निर्माण अधूरा होने के कारण रामलला के मस्तक को सूर्य की किरणें सुशोभित नहीं कर सकेंगी. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने बताया कि रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक तब होगा, जब शिखर बनकर तैयार हो जाएगा. सूर्य अभिषेक की जो तकनीक है, वह तब काम आएगी जब शिखर का निर्माण पूरा हो जाएगा.
18 माह में तैयार हो जाएगा राम जन्मभूमि परिसर
राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार को संपन्न हुई. जिसमें बताया गया कि निर्माणधीन मंदिर के प्रथम तल, द्वितीय तल, शिखर, परकोटा, शेषावतार मंदिर, सप्त ऋषि मंदिर व तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र को 18 महीने में पूरा कर लिया जाएगा. राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि रामनवमी में 25 से 30 लाख श्रद्धालु अयोध्या पहुंचेंगे. सारे श्रद्धालु एक साथ अयोध्या नहीं पहुंचेंगे बल्कि 14, 15, 16 व 17 अप्रैल तक अयोध्या पहुंचेंगे. 17 अप्रैल को राम जन्मोत्सव मनाया जाएगा. एक हफ्ते इतनी बड़ी राम भक्तों की भीड़ अयोध्या में होगी तो उनके भोजन, रहने के साधन और आने-जाने के लिए ट्रैफिक कंट्रोल क्या होंगे, इसको लेकर दो दिवसीय बैठक चर्चा की गई. मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में चली बैठक में आर्किटेक्ट आशीष सोनपुरा, एलएंडटी, टाटा कंसल्टेंसी के इंजीनियर भी शामिल रहे.
ट्रस्ट की अपील, वीआईपी दर्शन से बचें
रामनवमी पर श्रद्धालुओं के ठगी का शिकार होने की आशंका व्यक्त करते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जिला प्रशासन से धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. साथ ही लोगों से अपील की है कि सुगम दर्शन व वीआइपी दर्शन से बचें. वीआईपी दर्शन कराने के नाम पर वसूली को लेकर ट्रस्ट ने नाराजगी जताई है. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि उनकी पहचान के एक विदेशी नागरिक ने 2 हजार रुपये देकर रामलला के दर्शन किए. जबकि अयोध्या में पैसा लेकर दर्शन कराने की कोई परंपरा नहीं है.