जयपुर : नई उम्मीद के साथ कैलेंडर वर्ष 2025 का बुधवार को आगाज हुआ. नया साल सभी के जीवन में खुशियां लाए. हर दिल में उल्लास हो और पुराने दुख पीछे छूटे, इसी कामना को लेकर जयपुर वासी आराध्य गोविंद देव जी, मंदिर मोती डूंगरी गणेश मंदिर, ताड़केश्वर महादेव सहित विभिन्न मंदिरों में पहुंचे और यहां भगवान से मंगल कामना की. साथ ही एक दूसरे को नए साल की शुभकामनाएं भी दी.
ठाकुर जी के समक्ष राष्ट्रीय वेधशाला पंचांग का वाचन : 2024 के आखिरी दिन को सेलिब्रेट करने के बाद 2025 के पहले दिन किसी ने माता-पिता के चरण स्पर्श पर आशीर्वाद लिया तो किसी ने भगवान के दर्शन करने के साथ नए साल की शुरुआत की. जयपुर के प्रमुख मंदिरों में शामिल गोविंद देव जी में ठाकुर जी की कपाट सुबह 4:15 बजे ही खुल गए. तभी से भक्तों का अपने भगवान के दर्शन कर मंगल कामना का दौर भी शुरू हो गया. मंदिर प्रबंधन की ओर से पहले दिन झांकियों के समय में बदलाव किया गया, ताकि श्रद्धालु अपने भगवान के दर्शन आसानी से कर सकें. इस दौरान भगवान का भी विशेष शृंगार किया गया. ठाकुर जी के समक्ष राष्ट्रीय वेधशाला पंचांग का वाचन भी किया गया. पंचांग के संपादक डॉ. प्रशांत शर्मा ने बताया कि ये पंचांग सामान्य जन के लिए सरल भाषा में निकाला गया है.
बड़ी संख्या में पहुंच रहे श्रद्धालु: मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं ने बताया कि ये नया साल सभी के जीवन में खुशहाली, समृद्धि, संपन्नता लेकर आए. देश विकास की राह पर आगे बढ़े और नई उम्मीद के साथ हर कदम उज्ज्वल हो, इसी मनोकामना के साथ साल के पहले दिन भगवान के दर्शन करने के लिए पहुंचे हैं. युवाओं ने बताया कि किसी भी कार्य की शुरुआत भगवान के सानिध्य में और उनके आशीर्वाद के साथ करने से काम आसानी से संपन्न होता है, इसलिए नए साल की शुरुआत भी उन्हीं के दर्शन से की गई है. नए साल में उनकी साल भर अच्छी पढ़ाई हो, रोजगार के द्वार खुले, इसकी भी भगवान से कामना की है.
251 दीपकों से की जाएगी महा आरती : मोती डूंगरी गणेश मंदिर में प्रथम पूज्य को नवीन पोशाक और स्वर्ण मंडित मुकुट धारण कराया गया. भगवान के समक्ष 56 भोग की झांकी सजाई गई. भक्त भगवान गणपति के दर्शन आसानी से कर सकें, इसके लिए दर्शनों की भी विशेष व्यवस्था की गई. सुविधा के लिए मुख्य सड़क से पांच प्रवेश लाइन बनाई गई. इसी तरह प्राचीन नहर के गणेश मंदिर में कई धार्मिक अनुष्ठान हुए. भगवान को नवीन पोशाक और साफा धारण कराकर, मंगला आरती की गई. साथ ही श्री गणपति अथर्वशीर्ष और ऋग्वेदोक्त गणपति मात्रिका के पठन किए गए. इस दौरान श्रद्धालुओं को विघ्ननिवारक रक्षा सूत्र वितरित किए गए. शाम को मंदिर प्रांगण को गुब्बारों से सजाया जाएगा और 251 दीपकों से महा आरती की जाएगी. वहीं, ताड़केश्वर महादेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ के दर्शन और जलाभिषेक करने के लिए सुबह से भक्त कतारबद्ध होकर मंदिर प्रांगण में पहुंचे और यहां भगवान का जलाभिषेक कर मनोकामना मांगी.