मथुरा /प्रयागराज/ कानपुर: उत्तर प्रदेश के अलग अलग जिलों में अलग अलग परंपराओं के साथ होली मनाई जाती है. हर जगह की होली अपने आप में खास होती है. जिसको देखने देश विदेश के बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं. मथुरा में साधु संत और भक्तों के बीच अनोखी होली खेली जाती है. तो वहीं प्रयागराज में ऐतिहासिक कपड़ा फाड़ होली खेली जाती है. वहीं कानपुर के आनंदेश्वर धाम में केसरिया होली की तो बात ही निराली है.
मथुरा: ब्रज में होली हर्षोल्लास के साथ खेली गई. श्री कृष्ण जन्म स्थान और शहर के सभी चौराहे पर ढोल नगाड़े बैंड बाजे की धुन पर श्रद्धालु जमकर नृत्य करते हुए होली खेली. होली का अद्भुत आनंद लेने के लिए दूर-दराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु कृष्ण की नगरी पहुंचे. मंदिरों से लेकर चौराहों पर साधु -संतों से लेकर आम लोगों ने जमकर होली खेली.
धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज में मनी ऐतिहासिक कपड़ा फाड़ होली: प्रयागराज के लोकनाथ की मशहूर कपड़ा फाड़ होली में हजारों की संख्या में हुरियारे पहुंच कर होली खेली. दोपहर बाद लोकनाथ पर होलियारों का पहुंचने का सिलसिला जो शुरू हुआ वह देर रात तक जारी रहा. लोकनाथ की कपड़ा फाड़ होली देश भर में मशहूर है, यही वजह है कि यहां पर प्रयागराज ही नहीं बल्कि आस पास के जिलों से भी हुरियारे पहुंचते हैं. यहां पर कभी देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, महाकवि निराला समेत कई बड़े राजनैतिक और साहित्यिकार भी होली खेलने के लिए आया करते थे. प्रयागराज के लोकनाथ की होली मथुरा के बरसाने के बाद प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी होली खेली जाती है.
आनंदेश्वर धाम में लाखों शिव भक्तों ने बाबा संग खेली केसरिया होली: होली के इस महापर्व में कानपुर की छोटी काशी कहे जाने वाले आनंदेश्वर धाम सोमवार सुबह से ही बाबा संग होली खेलने वाले शिव भक्तों का उत्साह वाकई देखने लायक था. बाबा आनंदेश्वर धाम के गर्भ ग्रह को रंग-बिरंगे गुलाल से सजाया गया। जिसे देखने के बाद हर कोई शिवमय रंग में रंग गया। सोमवार सुबह से ही गंगा तट किनारे बने इस मंदिर के परिसर में केसरिया गुलाल उड़ता दिखाई दिया और शिव भक्त भारी संख्या में बाबा के दरबार में होली खेलने के लिए पहुंचे.