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दिल्ली के सात मंजिला मंदिर में 'देवी ब्रह्मचारिणी' की पूजा - shardiya navratri 2024 - SHARDIYA NAVRATRI 2024

Shardiya Navratri 2024: दिल्ली के प्रसिद्ध सात मंजिला मंदिर में व्यापक तैयारियां की गई हैं. पूरे मंदिर परिसर को फूलों से सजाया गया है.

नवरात्र के दूसरे दिन 'देवी ब्रह्मचारिणी' की पूजा
नवरात्र के दूसरे दिन 'देवी ब्रह्मचारिणी' की पूजा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 4, 2024, 6:06 AM IST

Updated : Oct 4, 2024, 6:24 AM IST

नई दिल्ली: आज नवरात्र का दूसरा दिन है. नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के 'देवी ब्रह्मचारिणी' स्वरूप की पूजा करने का विधान है. मां भगवती की इस शक्ति की पूजा अर्चना करने से मनुष्य कभी अपने लक्ष्य से विचलित नहीं होता. नवरात्रि के इस पावन मौके पर राजधानी के तमाम मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है. पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर में स्थित सात मंजिले मंदिर में नवरात्रि पर विशेष इंतज़ाम किए गए हैं. मंदिर के पुजारी सुनील शास्त्री ने बताया कि शारदीय नवरात्रों के दौरान मंदिर में माता रानी की आलौकिक पूजा होती है.

8 दिन जलती है ज्वाला देवी की ज्योत: मंदिर के पुजारी ने बताया कि मंदिर परिसर में माता रानी के सम्मुख अखंड ज्योत जलती है. यह ज्योत प्रतिवर्ष ज्वाला देवी मंदिर से लाई जाती है. नौ दिन माता रानी का दो बार जलाभिषेक किया जाता है. शाम के समय चौकी पूजन से पहले मां का अभिषेक केसर, दूध, पंचामृत, गंगाजल और गुलाब जल से किया जाता है. इसके बाद माता रानी का श्रृंगार किया जाता है. फिर चौकी पूजन के समय भजन कीर्तन का आयोजन किया जाता है.

मंदिर के पुजारी सुनील शास्त्री ने दी जानकारी (ETV Bharat)

भक्तों के लिए तीन पहर के भंडारे का इंतजाम: पुजारी ने बताया कि मंदिर में साल के 365 दिन भक्तों के लिए तीन पहर के भंडारे का इंतजाम होता है. नवरात्रि के दिनों में भक्तों के लिए देसी घी से बने भंडारे को तैयार किया जाता है. सुबह के समय भक्तों के लिए चाय नाश्ता, दोपहर में देसी घी से बनी आलू की टिक्की, कुट्टू के आटे की पूड़ी और आलू की सब्जी बनाई जाती है. रात्रि में विशेष तौर पर स्वादिष्ट भंडारा तैयार किया जाता है. मंदिर में आने वाले भक्त भंडारे को खाने के साथ घर भी ले जाते हैं. इसके अलावा मंदिर में 25 पुजारी कार्यरत हैं, जिनके रहने खाने का इंतजाम भी मंदिर में ही है.

रात्रि के समय विश्राम करती हैं माता: पुजारी सुनील शास्त्री ने बताया कि रात्रि में 9 बजे की आरती के बाद मंदिर का पट बंद कर दिया जाता है. ताकि वह विश्राम कर सकें. माता रानी के शयन कक्ष में एक लोटा पानी और दातून ज़रूर रखा जाता है. इसके बाद सुबह मंदिर की घंटियां बज़ा कर माता को जगाया जाता है. फिर उनका अभिषेक और श्रृंगार किया जाता है.

यह भी पढ़ें- नोएडाः मंदिरों और पांडालों में किए गए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम, माहौल खराब करने वालों की खैर नहीं!

मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया है: पुजारी ने बताया कि नवरात्रि में पूरे मंदिर परिसर को दुल्हन की तरह सजाया गया है. मंदिर के चारों ओर मौजूद बाजार और सड़कों को 2 किलोमीटर की दूरी तक लाइट से सजाया गया है. नवरात्रि पर हर रोज हजारों भक्त मता के दर्शन करने के लिए आते हैं. इसे देखते हुए सुरक्षा के तौर पर मंदिर कमेटी द्वारा बाउंसर्स और पुलिस तैनात की गई है.

मंदिर का इतिहास: 1968 के दौरान तिलक नगर में इस सात मंजिला मंदिर का निर्माण सनातन धर्म सभा ने कराया था. इस मंदिर का उद्घाटन भारत साधु समाज के अध्यक्ष गुरुचरण दास महामंडलेश्वर ने किया था. चूंकि, हरिद्वार में एक सात मंजिला मंदिर भारत माता का है, उसी मंदिर के तर्ज पर सनातन धर्म सभा ने तिलक नगर में इस सात मंजिला मंदिर का निर्माण कराया.

यह भी पढ़ें- दिल्ली के मंदिरों में लगा देवी भक्तों का तांता, देखें मां कालकाजी की भव्य आरती

नई दिल्ली: आज नवरात्र का दूसरा दिन है. नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के 'देवी ब्रह्मचारिणी' स्वरूप की पूजा करने का विधान है. मां भगवती की इस शक्ति की पूजा अर्चना करने से मनुष्य कभी अपने लक्ष्य से विचलित नहीं होता. नवरात्रि के इस पावन मौके पर राजधानी के तमाम मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है. पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर में स्थित सात मंजिले मंदिर में नवरात्रि पर विशेष इंतज़ाम किए गए हैं. मंदिर के पुजारी सुनील शास्त्री ने बताया कि शारदीय नवरात्रों के दौरान मंदिर में माता रानी की आलौकिक पूजा होती है.

8 दिन जलती है ज्वाला देवी की ज्योत: मंदिर के पुजारी ने बताया कि मंदिर परिसर में माता रानी के सम्मुख अखंड ज्योत जलती है. यह ज्योत प्रतिवर्ष ज्वाला देवी मंदिर से लाई जाती है. नौ दिन माता रानी का दो बार जलाभिषेक किया जाता है. शाम के समय चौकी पूजन से पहले मां का अभिषेक केसर, दूध, पंचामृत, गंगाजल और गुलाब जल से किया जाता है. इसके बाद माता रानी का श्रृंगार किया जाता है. फिर चौकी पूजन के समय भजन कीर्तन का आयोजन किया जाता है.

मंदिर के पुजारी सुनील शास्त्री ने दी जानकारी (ETV Bharat)

भक्तों के लिए तीन पहर के भंडारे का इंतजाम: पुजारी ने बताया कि मंदिर में साल के 365 दिन भक्तों के लिए तीन पहर के भंडारे का इंतजाम होता है. नवरात्रि के दिनों में भक्तों के लिए देसी घी से बने भंडारे को तैयार किया जाता है. सुबह के समय भक्तों के लिए चाय नाश्ता, दोपहर में देसी घी से बनी आलू की टिक्की, कुट्टू के आटे की पूड़ी और आलू की सब्जी बनाई जाती है. रात्रि में विशेष तौर पर स्वादिष्ट भंडारा तैयार किया जाता है. मंदिर में आने वाले भक्त भंडारे को खाने के साथ घर भी ले जाते हैं. इसके अलावा मंदिर में 25 पुजारी कार्यरत हैं, जिनके रहने खाने का इंतजाम भी मंदिर में ही है.

रात्रि के समय विश्राम करती हैं माता: पुजारी सुनील शास्त्री ने बताया कि रात्रि में 9 बजे की आरती के बाद मंदिर का पट बंद कर दिया जाता है. ताकि वह विश्राम कर सकें. माता रानी के शयन कक्ष में एक लोटा पानी और दातून ज़रूर रखा जाता है. इसके बाद सुबह मंदिर की घंटियां बज़ा कर माता को जगाया जाता है. फिर उनका अभिषेक और श्रृंगार किया जाता है.

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मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया है: पुजारी ने बताया कि नवरात्रि में पूरे मंदिर परिसर को दुल्हन की तरह सजाया गया है. मंदिर के चारों ओर मौजूद बाजार और सड़कों को 2 किलोमीटर की दूरी तक लाइट से सजाया गया है. नवरात्रि पर हर रोज हजारों भक्त मता के दर्शन करने के लिए आते हैं. इसे देखते हुए सुरक्षा के तौर पर मंदिर कमेटी द्वारा बाउंसर्स और पुलिस तैनात की गई है.

मंदिर का इतिहास: 1968 के दौरान तिलक नगर में इस सात मंजिला मंदिर का निर्माण सनातन धर्म सभा ने कराया था. इस मंदिर का उद्घाटन भारत साधु समाज के अध्यक्ष गुरुचरण दास महामंडलेश्वर ने किया था. चूंकि, हरिद्वार में एक सात मंजिला मंदिर भारत माता का है, उसी मंदिर के तर्ज पर सनातन धर्म सभा ने तिलक नगर में इस सात मंजिला मंदिर का निर्माण कराया.

यह भी पढ़ें- दिल्ली के मंदिरों में लगा देवी भक्तों का तांता, देखें मां कालकाजी की भव्य आरती

Last Updated : Oct 4, 2024, 6:24 AM IST
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