नई दिल्ली/गाजियाबाद : भगवान भोलेनाथ का प्रिय माह सावन का आज पहला सोमवार है. राजधानी के अलग-अलग मंदिरों में शिव भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है .पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर में स्थित श्री सनातन सात मंज़िला में भी श्रद्धालुओं की भीड़ दिखी. सुबह से ही हाथों में जल और दूध लेकर जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालु मंदिर पहुंचे. इस दौरान मंदिर प्रांगण भगवान भोलेनाथ के जयकारों से गूंज उठा. मंदिर में मौजूद शिव भक्तों ने बताया कि वह पूरे वर्ष श्रावण के महीने का इंतज़ार करते हैं ताकि वह अपने भगवन को खुश कर सकें.
भोलेनाथ के एक भक्त ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी उन्होंने सात मज़िला मंदिर में मौजूद पारद शिवलिंग पर जलाभिषेक कर के श्रावण मास की शुरुआत की है. यह मंदिर काफी भव्य है. आज सावन का पहला सोमवार हैं इसलिए यहाँ सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी हुई हैं. मंदिर के प्रांगण में चारो ओर भगवन भोलेनाथ के भजन और मन्त्र गूंज रहे हैं, जिनको सुनकर मन पावन हो जाता है.
सुबह सुबह मंदिर पहुंचे भक्तों ने बताया कि आज श्रावण का पहला सोमवार है. यहां दिन सभी शिव भक्तों के लिए विशेष होता है. इसलिए वे सुबह सुबह अपने भगवन भोलेनाथ पर जल चढ़ाने आयें है .भगवन शिव का दूसरा नाम भोलेभंडारी है वह अपने भक्तों की सभी कामनाएं पूर्ण करते हैं. वह अपने भक्तों के सभी दुःख हर लेते हैं. यही वजह है कि सभी शिव भक्त पूरे वर्ष सावन के महीने का इंतज़ार करते हैं.
हर वर्ष भक्त श्रावण के माह में श्री सनातन सात मज़िला मंदिर आते हैं. यहाँ मौजूद शिवालय में भव्य पारद शिवलिंग स्थापित है. कहते हैं कि एक पारद शिवलिंग 100 शिवलिंग के बराबर होता है. इसपर जलाभिषेक करने से शिव भक्तों को विशेष फल मिलता है. आज श्रावण का पहला दिन होने के साथ साथ पहला सोमवार भी है. इस दिन की शुरूआत पारद शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से अनंत फलों की प्राप्ति होती है.
बता दें कि पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर में 120 वर्ष पुराने सात मंजिला मंदिर में एशिया का दूसरा सबसे विशालकाय पारद शिवलिंग स्थापित है. इस शिवलिंग वजन 551 किलो है. पारद शिवलिंग को पारा, चांदी और जड़ी बूटियों के मिश्रण से तैयार किया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि पारद शिवलिंग की पूजा से भक्तों को 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का पुण्य मिलता है.
शिवालय में मौजूद पुजारी सुनील शास्त्री ने बताया कि सावन के महीने में सोमवार का विशेष महत्व है।.भगवन भोलेनाथ को चन्द्रमा बहुत प्रिये है और सोम चन्द्रमा का दूसरा नाम है. यही वजह है कि शिव भगवन ने चन्द्रमा को अपने मस्तक पर धारण किया है. इस दिन भक्त भोलेनाथ पर जलार्पण के साथ साथ दूध भी चढ़ाते हैं. अन्य सोमवारों की तुलना में श्रावण के सोमवार का विशेष महत्व होता है।
पारद शिवलिंग की पूजा करने के लाभ
परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती है
नवग्रहों से जो अनिष्ट प्रभाव का भय होता है, उससे मुक्ति मिलती है
12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन के पुण्य की प्राप्ति होती है
पारद शिवलिंग के पूजन से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है
पारद शिवलिंग को घर में रखने पर भगवान शिव, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता का स्थायी वास होता है
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गौरतलब है कि तिलक नगर मार्केट और रिहायशी क्षेत्र के बीच स्थित सात मंजिला मंदिर में 12 महीने श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. इस मंदिर में पारद शिवलिंग को 16 वर्ष पहले स्थापित किया गया था. यहां पूरे साल तीन पहर का भंडारा चलता रहता है. मंदिर में 25 पुजारी कार्यरत हैं, जिनके रहने खाने का इंतजाम भी मंदिर में ही है. मंदिर का निर्माण हरिद्वार स्थित भारत माता के सात मंजिला मंदिर की तर्ज पर कराया गया था.
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