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शाहदरा स्थित मकान में आग लगने से चार लोगों की मौत के मामले में जांच शुरू, सामने आया घटनाक्रम

Fire Incident In Shahdara: शाहदरा में एक मकान के नीचे बनी रबड़ फैक्टरी में शुक्रवार को आग लगने से हुए हादसे में, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दो लोग जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं. मामले में पूरा घटनाक्रम सामने आ गया है.

Fire Incident In Shahdara
Fire Incident In Shahdara
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 27, 2024, 1:37 PM IST

नई दिल्ली: शाहदरा जिले के मानसरोवर पार्क थाना क्षेत्र अंतर्गत रामनगर के चार मंजिला इमारत में आग लगने के मामले की शुरुआती जांच में आशंका जताई जा रही है कि आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट हो सकती है. हालांकि पुलिस का कहना है कि घटना की विस्तृत जांच की जा रही है. जिस बिल्डिंग में आग लगी उस बिल्डिंग के मकान मालिक की पहचान भारत सिंह के रूप में हुई है. आइए जानते हैं पूरा घटनाक्रम.

दरअसल भारत सिंह का चार मंजिला मकान है, जिसमें वह अपनी पत्नी के साथ पहली मंजिल पर रहते हैं. उनके दो शादीशुदा बेटे हैं जो उनसे अलग रहते हैं. इसके बेसमेंट में उन्होंने वाइपर बनाने की मशीन लगा रखी है. साथ ही वहां वाइपर बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले रबर को स्टॉक कर रखा था. बिल्डिंग की ऊपरी मंजिल को उन्होंने किराए पर दे रखा है. दूसरी मंजिल पर विनोद नामक शख्स अपने परिवार के साथ रहते हैं. उनके परिवार में पत्नी रचना और करीब एक साल की बेटी रूही थी, जबकि तीसरी मंजिल पर आशुतोष सोनी, पत्नी गौरी, बेटा प्रथम और बेटी राधिका के साथ रहते थे. इसके अलावा चौथी मंजिल पर सुनीता मिश्रा अपने पति और तीन बच्चों के साथ रहती हैं.

हादसे के वक्त चौथी मंजिल पर रहने वाला परिवार बिल्डिंग में मौजूद नहीं था. शुक्रवार शाम तकरीबन 5:22 बजे पड़ोसियों ने बिल्डिंग की बेसमेंट से धुआं और आग की लपटें निकलते हुए देखी. पड़ोसियों ने शोर मचाया तो मकान मालिक घर से बाहर आ गए. जब तक वह बिल्डिंग में मौजूद लोगों को सूचना देते, बेसमेंट में लगी आग विकराल रूप ले चुकी थी. आग और धुएं ने पूरी बिल्डिंग को अपनी चपेट में ले लिया था.

बेसमेंट के अंदर से ही ऊपर जाने की सीढ़ियां हैं. सूचना मिलते ही दमकल और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. आसपास मौजूद लोगों ने भी मदद की. इस दौरान मकान मालिक की पत्नी प्रभावती बिल्डिंग की बालकनी में आ गई थी, जिन्हें लोगों ने किसी तरीके से निकाला. वहीं बिल्डिंग की दूसरी और तीसरी मंजिल में फंसे लोगों को निकालने के लिए पड़ोस के मकान के छत से पुलिस की टीम बिल्डिंग में पहुंची. हालांकि तब तक आग काबू किया जा चुका था. बिल्डिंग की दूसरी और तीसरी मंजिल में कई लोग अचेत अवस्था में मिले, जिसके बाद सभी छह लोगों को जीटीबी अस्पताल ले जाया गया. वहां डॉक्टरों ने चार लोगों को मृत घोषित कर दिया.

यह भी पढ़ें- शाहदरा में चार मंजिला इमारत में लगी आग, दो महिलाओं सहित 4 लोगों की मौत

मृतकों की पहचान दूसरी मंजिल में रहने वाली तकरीबन एक साल की रूही, उसकी मां रचना, तीसरी मंजिल पर रहने वाली गौरी और बेटे प्रथम के रूप में हुई है. शाहदरा जिला के डीसीपी सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि पूरी घटना को लेकर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है. शव को पोस्टमार्टम के लिए जीटीबी अस्पताल की मोर्चरी में भेज दिया गया है. हादसे के बाद से मृतकों के परिवार में मातम छाया हुआ है.

यह भी पढ़ें- वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया में बर्तन बनाने वाली फैक्ट्री में लगी आग, दमकल की 8 गाड़ियों ने पाया काबू

बताया गया कि गली में रहने वाले लोगों ने बिल्डिंग में फसे लोगों को बचाने के हरसंभव कोशिश की, समर सिबल से भी पानी का छिड़काव किया गया. आग पर तो काबू कर लिया गया लेकिन धुआं पुरी बिल्डिंग में फैल चुका था. हादसे के बाद दिल्ली नगर निगम पर भी सवाल खड़ा हो रहा है, कि आखिर किसकी इजाजत से बिल्डिंग के बेसमेंट में वाइपर बनाने का कारोबार चल रहा था. हालांकि इस पूरी घटना को लेकर दिल्ली नगर निगम में सूचना विभाग के एडिशनल डायरेक्टर राकेश गुप्ता ने घटना को दुखद बताते हुए कहा कि संबंधित विभाग से जानकारी मांगी गई है.

यह भी पढ़ें- दिल्ली: करावल नगर इलाके की फैक्ट्री में लगी भीषण आग, दमकल की 12 गाड़ियों ने पाया काबू

नई दिल्ली: शाहदरा जिले के मानसरोवर पार्क थाना क्षेत्र अंतर्गत रामनगर के चार मंजिला इमारत में आग लगने के मामले की शुरुआती जांच में आशंका जताई जा रही है कि आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट हो सकती है. हालांकि पुलिस का कहना है कि घटना की विस्तृत जांच की जा रही है. जिस बिल्डिंग में आग लगी उस बिल्डिंग के मकान मालिक की पहचान भारत सिंह के रूप में हुई है. आइए जानते हैं पूरा घटनाक्रम.

दरअसल भारत सिंह का चार मंजिला मकान है, जिसमें वह अपनी पत्नी के साथ पहली मंजिल पर रहते हैं. उनके दो शादीशुदा बेटे हैं जो उनसे अलग रहते हैं. इसके बेसमेंट में उन्होंने वाइपर बनाने की मशीन लगा रखी है. साथ ही वहां वाइपर बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले रबर को स्टॉक कर रखा था. बिल्डिंग की ऊपरी मंजिल को उन्होंने किराए पर दे रखा है. दूसरी मंजिल पर विनोद नामक शख्स अपने परिवार के साथ रहते हैं. उनके परिवार में पत्नी रचना और करीब एक साल की बेटी रूही थी, जबकि तीसरी मंजिल पर आशुतोष सोनी, पत्नी गौरी, बेटा प्रथम और बेटी राधिका के साथ रहते थे. इसके अलावा चौथी मंजिल पर सुनीता मिश्रा अपने पति और तीन बच्चों के साथ रहती हैं.

हादसे के वक्त चौथी मंजिल पर रहने वाला परिवार बिल्डिंग में मौजूद नहीं था. शुक्रवार शाम तकरीबन 5:22 बजे पड़ोसियों ने बिल्डिंग की बेसमेंट से धुआं और आग की लपटें निकलते हुए देखी. पड़ोसियों ने शोर मचाया तो मकान मालिक घर से बाहर आ गए. जब तक वह बिल्डिंग में मौजूद लोगों को सूचना देते, बेसमेंट में लगी आग विकराल रूप ले चुकी थी. आग और धुएं ने पूरी बिल्डिंग को अपनी चपेट में ले लिया था.

बेसमेंट के अंदर से ही ऊपर जाने की सीढ़ियां हैं. सूचना मिलते ही दमकल और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. आसपास मौजूद लोगों ने भी मदद की. इस दौरान मकान मालिक की पत्नी प्रभावती बिल्डिंग की बालकनी में आ गई थी, जिन्हें लोगों ने किसी तरीके से निकाला. वहीं बिल्डिंग की दूसरी और तीसरी मंजिल में फंसे लोगों को निकालने के लिए पड़ोस के मकान के छत से पुलिस की टीम बिल्डिंग में पहुंची. हालांकि तब तक आग काबू किया जा चुका था. बिल्डिंग की दूसरी और तीसरी मंजिल में कई लोग अचेत अवस्था में मिले, जिसके बाद सभी छह लोगों को जीटीबी अस्पताल ले जाया गया. वहां डॉक्टरों ने चार लोगों को मृत घोषित कर दिया.

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मृतकों की पहचान दूसरी मंजिल में रहने वाली तकरीबन एक साल की रूही, उसकी मां रचना, तीसरी मंजिल पर रहने वाली गौरी और बेटे प्रथम के रूप में हुई है. शाहदरा जिला के डीसीपी सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि पूरी घटना को लेकर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है. शव को पोस्टमार्टम के लिए जीटीबी अस्पताल की मोर्चरी में भेज दिया गया है. हादसे के बाद से मृतकों के परिवार में मातम छाया हुआ है.

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बताया गया कि गली में रहने वाले लोगों ने बिल्डिंग में फसे लोगों को बचाने के हरसंभव कोशिश की, समर सिबल से भी पानी का छिड़काव किया गया. आग पर तो काबू कर लिया गया लेकिन धुआं पुरी बिल्डिंग में फैल चुका था. हादसे के बाद दिल्ली नगर निगम पर भी सवाल खड़ा हो रहा है, कि आखिर किसकी इजाजत से बिल्डिंग के बेसमेंट में वाइपर बनाने का कारोबार चल रहा था. हालांकि इस पूरी घटना को लेकर दिल्ली नगर निगम में सूचना विभाग के एडिशनल डायरेक्टर राकेश गुप्ता ने घटना को दुखद बताते हुए कहा कि संबंधित विभाग से जानकारी मांगी गई है.

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