लखनऊ: बीस लाख रुपए की जीएसटी रिफ़ंड करने के एवज में दो लाख रुपए घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार डिप्टी कमिश्नर वाणिज्य धनेंद्र कुमार पांडेय की जमानत अर्जी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश अजय श्रीवास्तव ने खारिज कर दिया है. अभियुक्त को विजिलेन्स टीम ने पिछले माह रिश्वत की रकम लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था.
अदालत के समक्ष सरकारी वकील महेश कुमार त्रिपाठी एवं कमल अवस्थी ने बताया कि आरोपी धनेंद्र कुमार पांडेय एक्सपोर्ट कंपनी आर्डेम डाटा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि से बीस लाख रुपए का जीएसटी लौटने की एवज में दो लाख रुपए की घूस मांग रहा था. अदालत को बताया गया कि कंपनी के अधिकारियों ने आरोपी की शिकायत विजिलेंस के एसपी डॉ अरविंद चतुर्वेदी से की थी जिस पर आरोपों की जांच करने के बाद विजिलेंस टीम ने मीराबाई मार्ग स्थित वाणिज्य कर कार्यालय से आरोपी को दो लाख रुपए घूस लेते हुए गिरफ्तार किया था.
आरोपी की गिरफ्तारी के बाद उसके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण के निरीक्षक भानु प्रताप सिंह ने थाना लखनऊ सेक्टर में आरोपी के विरुद्ध रिश्वत लेने का मुकदमा दर्ज कराया था. अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि कंपनी द्वारा जीएसटी रिफ़ंड के लिए जो आवेदन दिया गया था उसमें त्रुटि थी जिसकी वजह से उसका रिफ़ंड नहीं हो पा रहा था, इससे कुपित होकर कंपनी के लोगों ने अभियुक्त को रिश्वत के मामले में फंसा दिया.
हालांकि अदालत अभियुक्त की ओर से दी गई दलील से संतुष्ट नहीं हुई. आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि आरोपी को मौके पर स्वतंत्र गवाहों के सामने गिरफ्तार किया गया है तथा उसके विरुद्ध गंभीर आरोप है. इसके अलावा मामले की विवेचना अभी चल रही है ऐसी स्थिति में अभियुक्त को जमानत पर रिहा किए जाने का कोई पर्याप्त आधार नहीं है.