लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद लगातार अलग-अलग मंडलों के विधायकों सांसदों के साथ बैठक करके हार के कारणों पर चर्चा कर रहे हैं. बैठक में विधायकों और सांसदों की तरफ से चुनाव में हार के कारण भी गिनाए जा रहे हैं. अफसरों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं.
कार्यकर्ताओं और जनता की समस्याओं के निस्तारण में अफसरों की लापरवाही का मुद्दा भी लगातार गरमाया हुआ है. एक दिन पहले भी प्रयागराज मंडल की बैठक में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य नहीं पहुंचे थे. जिसको लेकर कई तरह के सवाल खड़े हुए कि सरकार से लेकर संगठन तक बीजेपी के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.
अब आज लखनऊ मंडल की हुई बैठक में दूसरे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के नहीं पहुंचने को लेकर भी एक बार फिर कई तरह के सवाल सामने आ रहे हैं. ब्रजेश पाठक लखनऊ कैंट से विधायक हैं और सरकार में डिप्टी सीएम हैं. हालांकि वह बैठक में शामिल नहीं हुए.
इसी तरह केशव प्रसाद मौर्य प्रयागराज मंडल के अंतर्गत कौशांबी से आते हैं लेकिन, सीएम योगी की समीक्षा बैठक में वह उपस्थित नहीं हुए, जिसको लेकर एक बार फिर यह सवाल खड़े होने लगे कि अभी भाजपा में सब कुछ सामान्य नहीं हो पाया है. भारतीय जनता पार्टी में हर स्तर पर खींचतान मची हुई है.
बता दें कि केशव प्रसाद मौर्य भले ही मुख्यमंत्री आवास पर हुई प्रयागराज मंडल की बैठक में शामिल नहीं हुए लेकिन, अपने आवास पर पार्टी के तमाम विधायक, सांसदों व अन्य नेताओं से मुलाकात करते हुए नजर आए.
बैठक में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के शामिल नहीं होने से कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. कैबिनेट बैठक से लेकर प्रयागराज में ही केशव मौर्य की उपस्थिति के बावजूद कुंभ की तैयारी को लेकर आयोजित बैठक में भी वह शामिल नहीं हुए थे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की समीक्षा बैठक में विधायक और सांसदों ने अपने-अपने हिसाब से लोकसभा चुनाव में हारके कारण गिनाए तो अफसरों की मनमानी और निचले स्तर पर जनता की समस्याओं से लेकर कार्यकर्ताओं के छोटे बड़े कामकाज का निस्तारण न होने का मुद्दा भी उठाया.
सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में 25-25 जिलों की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक के पास है लेकिन मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठकों में उपमुख्यमंत्रियों को बुलाया नहीं जा रहा है. इस वजह से यह लोग बैठक में नहीं पहुंचे हैं.
इससे पहले मुरादाबाद मंडल की बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नहीं पहुंचे थे. कुल मिलाकर कहा जा रहा है कि प्रदेश संगठन से लेकर सरकार तक उच्च स्तर पर बड़े नेताओं के बीच दूरियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.
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