राजसमंद : मेवाड़ और मारवाड़ को जोड़ने वाले स्टेट हाइवे की देसूरी नाल में दुर्दशा देखकर डिप्टी सीएम दीया कुमारी तकनीकी अभियंताओं पर भड़क गईं. दरअसल, 8 दिसंबर को भीषण सड़क हादसे के बाद डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने रविवार को देसूरी नाल का निरीक्षण किया. क्षतिग्रस्त सड़क पर डिप्टी सीएम के दौरे से पहले कुछ जगह पेचवर्क किए, जिसे देखकर दीया कुमारी अफसरों पर भड़क उठीं और कहा कि क्या यह पेचवर्क का सुधार मुझे दिखाने के लिए किया गया है. वाकई काम करना है, तो जो आपके ही विभाग द्वारा देसूरी नाल में चिह्नित 14 विकट मोड़ कम क्यों नहीं हो रहे हैं और डेंजर जॉन में सुरक्षा दीवार क्यों नहीं बन पा रही है.
ये वही देसूरी नाल है, जहां 7 सितंबर, 2007 को प्रदेश का सबसे बड़ा सड़क हादसा हुआ था, जिसमें 90 लोगों की ऑन द स्पॉट और गंभीर रूप से घायल को मिलाकर कुल 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. ऐसे जोखिम भरे रास्ते के सुधार को लेकर उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए.
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साथ ही मौके पर पहुंचीं उपमुख्यमंत्री ने कहा- ''मैं आने वाली थी, तो आपने सड़क पर पेचवर्क की लीपापोती करवा दी. इस तरह का रवैया बर्दाश्त नहीं करुंगी.'' मीडिया से बातचीत में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देसूरी नाल सड़क का सुधार उनकी प्राथमिकता में है. सेफ्टी वॉल व दुर्घटनाएं रोकने के उपाय तत्काल होंगे और एनएचएआई को हैंडओवर कर एलिवेटेड रोड का कार्य भी करवाने के लिए दिल्ली जाना पड़ा, तो भी वो स्पेशली इसके लिए जाऊंगी.
उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी दो दिन से राजसमंद जिले के दौरे पर हैं. इसके तहत कुंभलगढ़ विधायक सुरेंद्रसिंह राठौड़ सहित अन्य लोगों ने देसूरी नाल सड़क के हालात से अवगत कराया. इस पर रविवार सुबह उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी खुद मौके पर पहुंच गईं. इससे पहले राजसमंद जिला कलेक्टर बालमुकुंद असावा, एसपी मनीष त्रिपाठी से चर्चा करने के बाद देसूरी नाल पहुंचीं, जहां पाली जिला कलेक्टर एनएल मंत्री, पाली एसपी चुनाराम जाट के साथ पीडब्लूडी, एनएचएआई, स्टेट हाइवे पीडब्लूडी व आरएसआरडीसी के अभियंताओं को भी बुला लिया.
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जयपुर के चीफ अभियंता से लेकर उदयपुर से जोनल अभियंता के साथ राजसमंद व पाली जिले के इंजीनियर भी पहुंच गए. कुंभलगढ़ विधायक सुरेंद्र सिंह राठौड़ के साथ उपमुख्यमंत्री ने देसूरी नाल का ढाई घंटे तक विजिट किया. उपमुख्यमंत्री ने खतरनाक मोड़, तीव्र ढलान और संकरी सड़कों को देखकर संबंधित विभागों आरएसआरडीसी, पीडब्ल्यूडी, और एनएचएआई को तत्काल सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.
राजस्थान राज्य सड़क विकास व निर्माण निगम (आरएसआरडीसी) के प्रबंध निदेशक सुनील जय सिंह, सार्वजनिक निर्माण विभाग के सचिव डीआर मेघवाल, एनएच (पीडब्ल्यूडी) के मुख्य अभियंता सतीश चंद्र अग्रवाल, पीडब्ल्यूडी उदयपुर के अतिरिक्त मुख्य अभियंता अशोक कुमार शर्मा, राजसमंद पीडब्ल्यूडी अधीक्षण अभियंता मगनीराम रेगर आदि मौजूद रहे. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि स्टेट हाइवे देसूरी नाल को एनएचएआई को हैंडओवर करने की कार्रवाई शुरू कर दी है. मगर तब तक वैकल्पिक तौर पर राज्य सरकार अपने स्तर पर जो भी संभव हो, वो सभी कार्य किए जाएंगे, ताकि तत्काल सड़क दुर्घटनाएं रूकें.
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इसके तहत विकट मोड़, खतरनाक ढलान को कम करने के लिए और सुरक्षा दीवार बनाने के लिए खास निर्देश दिए. सड़क निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को सड़क के चौड़ीकरण, क्रॉस बैरियर, रंबल स्ट्रिप लगाने और एलिवेटेड रोड की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनवाने के निर्देश दिए. इन सुधारात्मक उपायों से इस मार्ग पर होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम संभव हो सकेगी और यात्रियों को यात्रा में सुरक्षा मिल सकेगी.
अफसरों को सुनाई खरी-खोटी : देसूरी नाल के निरीक्षण के दौरान कुछ घंटों पहले हुए पेचवर्क को देखकर उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी भड़क उठीं. नाराज दीया कुमारी ने कहा कि कोई भी वीवीआईपी दौरा होता है, तो सड़क के खड्डों पर लीपापोती कर देते हो, यह कहां तक उचित और सही है. इस तरह का रवैया नहीं चलेगा. काम करो, तो ढ़ंग से करों, इस तरह की लीपापोती या रंग लगाने की प्रवृत्ति बंद कर दीजिए. सड़क का निर्माण या पेचवर्क का कार्य भी गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए. इसमें किसी भी तरह की बेपरवाही वे बर्दाश्त नहीं करेंगी. डिप्टी सीएम ने पीडब्लूडी, एनएच पीडब्लूडी व आरएसआरडीसी चीफ अभियंताओं को खास निर्देश दिए.
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देसूरी की नाल को बतया उनकी प्राथमिकता : उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देसूरी की नाल में अब तक कई जानलेवा हादसे हो चुके हैं. इस घाट सेक्शन को सुधारना मेरी और राज्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल है. आगामी एक महीने में अधिकतम सुरक्षा प्रबंध किए जाएंगे. सेफ्टी वॉल संबंधी कार्य किया जाएंगे. साथ ही स्थाई समाधान के लिए अधिकारियों के साथ चर्चा कर समाधान निकालने के प्रयास करेंगे. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि गत सरकार में भी बतौर सांसद उन्होंने इस रोड को बेहतर बनाने के लिए प्रयास किए थे, अब डबल इंजन की सरकार में इस काम को हर हाल में पूरा किया जाएगा, देसूरी की नाल को सुधारना उनकी प्राथमिकता है.
जानलेवा 14 विकट मोड़ व 5 संकरी पुलिया पर सर्वाधिक हादसे : देसूरी की नाल में सर्वाधिक हादसे 14 विकट मोड़ व 5 संकरी पुलियों पर होते हैं, जिसे पुलिस, परिवहन व आरएसआरडीसी ने ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित कर रखा है. मगर इसके सुधार के कोई प्रयास नहीं हो पाए. देसूरी की नाल अरावली पर्वतमाला के बीच से गुजरती है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ खतरनाक ढलानों और तीखे मोड़ों के कारण कुख्यात है.
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इस 10 किलोमीटर लंबे मार्ग पर पिछले दो दशक में कई बड़े हादसे हो चुके हैं. 7 सितंबर, 2007 को प्रदेश का सबसे बड़ा सड़क हादसा भी इसी जगह पंजाब मोड़ पर हुआ था, जहां 90 लोगों की मौके पर मौत हो गई थी. जबकि एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने बाद में दम तोड़ दिया था. हाल ही में 8 दिसंबर को एक स्कूल बस के पलटने से तीन छात्रों की मौत होने के बाद देसूरी की नाल फिर चर्चा में आया. इसके चलते उपमुख्यमंत्री खुद ने दौरा करते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों को सुधार के लिए खास दिशा निर्देश दिए.
पाली व राजसमंद जिले की सीमा पर है देसूरी की नाल : मेवाड़ व मारवाड़ को जोड़ने वाली यह देसूरी की नाल राजसमंद व पाली जिले की सरहद पर स्थित है. इसलिए उपमुख्यमंत्री ने दोनों ही जिलों के इंजीनियरों, जिला कलक्टरों के साथ संबंधित विभागीय अधिकारियों को मौके पर बुलाया. सड़क का निरीक्षण करने के बाद दोनों जिलों को संयुक्त रूप से भौतिक रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए और कहा कि संबंधित विभाग यह भी बताएं कि कहां-कहां कितने ब्लैक स्पॉट है. जहां आवश्यक सुधार क्या किया जा सकता है और सुझाव दें.