देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग ने वनाग्नि को लेकर जारी किए जा रहे आर्थिक नुकसान पर रोल बैक किया है. ईटीवी भारत ने प्रदेश में जंगलों की आग से हो रहे नुकसान पर अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की थी. जिसमें करोड़ों का बजट खर्च करते हुए लाखों रुपए का नुकसान दिखाए जाने के मामले में सवाल खड़े किए गए थे. खबर के बाद अब वन विभाग ने रोल बैक करते हुए आर्थिक नुकसान के आंकड़ों को सार्वजनिक करना बंद कर दिया है.
उत्त्तराखंड में जंगलों की आग के आंकड़े दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं. उधर अब वनाग्नि से मानव क्षति होने के बाद ये समस्या विकराल होती दिखने लगी है. प्रदेश में वन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अब तक कुल 1085 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है, जबकि इसमें तक 5 लोग घायल भी हो चुके हैं. इतना ही नहीं 3 लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है. राज्य में अब तक 868 आग लगने की घटना हो चुकी हैं. अकेले शुक्रवार को ही कुल 64 आग लगने की घटना हुईं. 3 लोगों की मृत्यु हुई. इसमें 1 व्यक्ति घायल भी हुआ है.
खास बात ये है कि अपनी रिपोर्ट के दौरान वन विभाग आर्थिक नुकसान का भी आंकड़ा पेश करता रहा है. पिछले 6 महीने के दौरान विभाग आर्थिक नुकसान का जो आंकड़ा देता है, वो काफी कम लगता है. कुछ इन्ही सवालों के साथ ईटीवी भारत ने खबर प्रकाशित की थी. जिस पर वन विभाग ने संज्ञान लेते हुए अब फॉरेस्ट फायर को लेकर जारी होने बुलेटिन में आर्थिक नुकसान के आंकड़े को हटा दिया है. यानी विभाग ने आर्थिक नुकसान के पैरामीटर पर खुद ही रोल बैक कर लिया है.
वन विभाग द्वारा अब तक आर्थिक नुकसान को लेकर जो आंकड़ा दिया जा रहा था, वो हकीकत से परे लगता रहा है. इसलिए एक संदेश ये भी जाता था कि लाखों के आर्थिक नुकसान से बचने के लिए करोड़ों रुपयों का बजट खर्च किया जा रहा है. अब विभाग ने अपने सार्वजनिक होने वाले रिकॉर्ड में बदलाव कर लिया है.