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Naresh Meena : एसडीएम को थप्पड़ मारने के प्रकरण की CBI जांच को लेकर हाईकोर्ट में याचिका - RAJASTHAN HIGH COURT

SDM Slap Row- एसडीएम को थप्पड़ मारने के प्रकरण की CBI जांच को लेकर हाईकोर्ट में याचिका. यह है पूरा मामला...

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat Rajasthan)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 3, 2024, 9:36 PM IST

जयपुर: देवली-उनियारा विधानसभा सीट के लिए 13 नवंबर को हुए उपचुनाव के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की ओर से एसडीएम के थप्पड़ मारने और इस दौरान ग्रामीणों के खिलाफ की गई कार्रवाई के मामले की सीबीआई जांच के लिए दिलखुश मीणा सहित 21 ग्रामीणों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में एसीएस होम व एसपी टोंक सहित अन्य को भी पक्षकार बनाया है. इस याचिका पर आगामी दिनों में हाईकोर्ट में सुनवाई होगी.

याचिका में कहा है कि मामले को लेकर चार एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और ऐसे में मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. याचिका में कहा कि ग्रामीणों ने उपचुनावों का बहिष्कार किया था और वे शांतिपूर्वक इसका विरोध कर रहे थे, लेकिन इस दौरान ही उन पर स्थानीय प्रशासनिक अफसरों व पुलिस अफसरों की ओर से दबाव बनाया और उन्हें धमकी दी गई. इसके अलावा निर्दोष ग्रामीणों पर अत्याचार कर उन पर पत्थर फैंके गए.

पढ़ें : समरावता हिंसा की जांच और नरेश मीणा की रिहाई को लेकर प्रदर्शन, पुलिस पर लगाए आरोप

वहीं, पुलिस की ओर से उनके खिलाफ ही झूठी एफआईआर दर्ज करवाई गई. इसलिए मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए. गौरतलब है कि उपचुनाव को लेकर मतदान के दिन पोलिंग बूथ पर तैनात एसडीएम को निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने थप्पड़ मारा था. इसके बाद मीणा के समर्थकों ने प्रदर्शन किया था. वहीं, बाद में आसपास के इलाके में पुलिस ने कार्रवाई की थी.

जयपुर: देवली-उनियारा विधानसभा सीट के लिए 13 नवंबर को हुए उपचुनाव के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की ओर से एसडीएम के थप्पड़ मारने और इस दौरान ग्रामीणों के खिलाफ की गई कार्रवाई के मामले की सीबीआई जांच के लिए दिलखुश मीणा सहित 21 ग्रामीणों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में एसीएस होम व एसपी टोंक सहित अन्य को भी पक्षकार बनाया है. इस याचिका पर आगामी दिनों में हाईकोर्ट में सुनवाई होगी.

याचिका में कहा है कि मामले को लेकर चार एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और ऐसे में मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. याचिका में कहा कि ग्रामीणों ने उपचुनावों का बहिष्कार किया था और वे शांतिपूर्वक इसका विरोध कर रहे थे, लेकिन इस दौरान ही उन पर स्थानीय प्रशासनिक अफसरों व पुलिस अफसरों की ओर से दबाव बनाया और उन्हें धमकी दी गई. इसके अलावा निर्दोष ग्रामीणों पर अत्याचार कर उन पर पत्थर फैंके गए.

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वहीं, पुलिस की ओर से उनके खिलाफ ही झूठी एफआईआर दर्ज करवाई गई. इसलिए मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए. गौरतलब है कि उपचुनाव को लेकर मतदान के दिन पोलिंग बूथ पर तैनात एसडीएम को निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने थप्पड़ मारा था. इसके बाद मीणा के समर्थकों ने प्रदर्शन किया था. वहीं, बाद में आसपास के इलाके में पुलिस ने कार्रवाई की थी.

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