खूंटीः ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर असर हुआ है. खूंटी में "खौफ के साए में पढ़ने को मजबूर मासूम! स्कूल भवन की छत से गिरता प्लास्टर और टपकता है पानी" शीर्षक से खबर प्रकाशित करने के बाद जिला शिक्षा विभाग ने त्वरित संज्ञान लेते हुए स्कूल का कायाकल्प करने का निर्देश दिया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी अभय कुमार शील ने प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के अलावा जूनियर इंजीनियर को तत्काल जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.
डीईओ ने बीईईओ से तलब की रिपोर्ट
मामले में डीईओ अभय कुमार शील ने कहा कि पदाधिकारियों से रिपोर्ट मिलने के बाद तत्काल प्राक्कलन तैयार कर नई बिल्डिंग का निर्माण कराया जाएगा. साथ ही जिले के विभिन्न प्रखंड क्षेत्रों के स्कूलों का भौतिक निरीक्षण कर जर्जर स्कूलों का कायाकल्प कराया जाएगा.
स्कूल में खौफ के साये में पढ़ते हैं बच्चे
बताते चलें कि खूंटी प्रखंड की फुदी पंचायत भवन से महज चंद कदमों की दूरी पर स्थित राजकीयकृत मध्य विद्यालय में 143 आदिवासी बच्चे खौफ के बीच पढ़ाई करने को मजबूर हैं. छात्रों के अलावा स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों में भी भय का माहौल बना रहता है. संबंधित खबर ईटीवी भारत में प्रकाशित करने के बाद जिला प्रशासन ने तत्काल संज्ञान लिया है. साथ ही जिले के अन्य जर्जर स्कूलों के भवनों की जांच कर प्राक्कलन बनाने को कहा है.
1954 में हुआ था स्कूल का निर्माण
बता दें कि फुदी पंचायत में संचालित स्कूल का निर्माण 1954 में हुआ था. बाद के दिनों में उसी स्कूल भवन के बगल में एक और स्कूल भवन बनाया गया था. खपड़ैल स्कूल में 30 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं, जबकि उसके बगल में बनी बिल्डिंग में केजी से आठवीं तक के बच्चे पढ़ते हैं. दोनो ही स्कूलों की स्तिथि अत्यंत दयनीय है और जर्जर अवस्था में है.
बारिश में स्कूल की छत से टपकता है पानी
बारिश के दिनों में स्कूल की छत से पानी टपकता है और प्लास्टर झड़ते रहता है. जर्जर बिल्डिंग में बच्चे जान हथेली पर रखकर पढ़ने को मजबूर हैं. बारिश के मौसम में छत का प्लास्टर गिरने और पानी के टपकने से बचने के लिए विद्यार्थी अपनी-अपनी कॉपी, किताबें, बैग समेत उठा लेते हैं.
ये भी पढ़ें-
खौफ के साए में नौनिहाल! जर्जर भवन में बच्चे पढ़ने को मजबूर - Government School