कुचामनसिटी: उप जिला चिकित्सालय में इन दिनों लगातार मौसमी बीमारियों के मरीज आ रहे हैं. अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ उमड़ रही है. इन दिनों डेंगू और वायरल सहित अन्य मौसमी बीमारियां फैल रही है. आमजन को सतर्क रहने की जरूरत है.
इस बारे में उप जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. अश्वनी लोमरोड ने बताया कि डेंगू बुखार एक जानलेवा, मच्छरों के संक्रमण से होने वाली बीमारियां है, इसलिए बचाव जरूरी है. उन्होंने इसके लक्षणों और सावधानी के बारे में बताया.
डेंगू का लक्षण: अचानक तेज बुखार, सिर दर्द, जी का मचलना, उल्टी होना, मांसपेशियों, हड्डियों और जोडो में दर्द, तेज सांस, मसूडो या नाक से खून आना, थकान और बैचेनी, आँखों की पीछे दर्द और त्वचा पर लाल चकत्ते.
फैलता कैसे है: डॉ. अश्वनी लोमरोड ने बताया कि एडिज मच्छर जमा पानी में पनपते हैं, 16 से 32 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में पनपते हैं. 200 मीटर के दायरे में उडान भर सकते हैं. डेंगू में आमतौर पर 2-7 दिनों तक बुखार रहता है. तीसरे से सातवें दिन के आसपास प्लेटलेट्स घटने लगते हैं. यह एक महत्वपूर्ण चरण होता है. जब डेंगू के गंभीर लक्षणों की निगरानी जरूरी होती है.
नवजात और छोटे बच्चों को खतरा ज्यादा: डॉ. अश्वनी लोमरोड ने बताया कि लम्बे समय से किसी बीमारी से ग्रसित लोग यानि जिन्हें पहले से हार्ट, अस्थमा और डायबिटिज की बिमारी हो. बच्चों और युवकों को दोबारा इन्फेक्शन होने का ज्यादा खतरा होता है. गर्भावस्था के दौरान डेंगू संक्रमण बच्चे के लिए जटिलताएं पैदा कर सकता है, जैसे समय से पहले जन्म, जन्म के समय कम वजन, कम विकास और मृत्यु.
आराम ज्यादा जरूरी, पानी पीएं: डॉ. लोमरोड ने बताया कि गंभीर लक्षण होने पर तुरंत अस्पताल में फीजीशियन चिकित्सक की सलाह लेना चाहिए. ठीक होने के पश्चात कम से कम 1-2 सप्ताह आराम करें तथा पूरी तरह ठीक होने तक श्रम साध्य गतिविधियों से बचाव करें. रिकवरी के दौरान आसानी से पचने वाला भोजन खाना महत्वपूर्ण है. जैसे संतरे, सेव और पपीता आदि. हाइड्रेडेट रहने के लिए नारियल पानी और दाले लेना उपयोगी रहेगा.
डेंगू बुखार की रोकथाम: मच्छर नियंत्रण अपने घर के आस पास स्थिर पानी और संक्रमित प्रजनन स्थलों को हटा दें. खिड़कियों और दरवाजों पर मच्छरदानी और जाली का प्रयोग करें. घर में रखे टायर व कूलर आदि सामानों में पानी को जमा नहीं होने दें. बाहर जाते समय लंबी बाजू के कपडे, पैंट और मोजे पहनें.