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BHU में छात्रों का धरना : बोले- साल में दो बार हो शोध प्रवेश प्रक्रिया, खाली सीटों पर एडमिशन की भी मांग

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में शोध में प्रवेश को लेकर छात्रों ने शुक्रवार की शाम (Kashi Hindu University in Varanasi) से ही धरना-प्रदर्शन शुरू किया. उनकी मांग है कि प्रतिवर्ष दो बार रिसर्च के लिए प्रवेश प्रक्रिया अपनाई जाए. पीएचडी की जो सीटें खाली हैं, विभागवार उनकी लिस्ट जारी की जाए और छात्रों को प्रवेश मिले.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 16, 2024, 5:21 PM IST

वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक बार फिर से शोध छात्रों का प्रदर्शन शुरू हो गया है. शोध में प्रवेश को लेकर छात्रों ने शुक्रवार शाम से कैंपस में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. इन छात्रों की मांग है कि हर साल दो बार शोध के लिए प्रवेश प्रक्रिया की जाए. इसके साथ ही जो सीटें पीएचडी की खाली हैं उनको लेकर विभागवार सूची जारी की जाए और उन सीटों पर छात्रों को प्रवेश दिया जाए. छात्रों का कहना है कि पिछले साल के दाखिले की प्रक्रिया को पूरा किया जाए. विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश की प्रक्रिया पूरी नहीं है. उसे पूरा किया जाए.


काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में शोध प्रवेश परीक्षा को लेकर एक बार फिर मामला उठ गया है. विश्वविद्यालय में छात्र धरने पर बैठे हुए हैं. शुक्रवार शाम को ही छात्र धरने पर बैठे थे. शनिवार सुबह ही दर्जनों छात्र विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक कार्यालय पहुंचे. इस दौरान उनके हाथों में किताबें थीं. विरोध करने वालों में बीएचयू से पीएचडी करने वाले छात्रों के अलावा परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र भी शामिल रहे. इन छात्रों ने अपनी पांच मुख्य मांगें विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने रखी हैं, जिसको लेकर वे लगातार धरने पर ही रहने की बात कर रहे हैं.

रिसर्च के लिए दो बार हो प्रवेश प्रक्रिया : परीक्षा नियंत्रक कार्यालय पहुंचे छात्रों ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया. धरने पर बैठे छात्रों का कहना है कि पिछले साल के दाखिले की प्रक्रिया को पूरा कराने की मांग हो रही है, लेकिन पूरी नहीं की जा रही. विश्वविद्यालयों में नए सत्र में दाखिले के लिए आवेदन मांगे जाने लगे हैं, लेकिन अभी तक पिछले साल के प्रवेश नहीं हो पाए हैं, जबकि दूसरे संस्थानों में प्रतिवर्ष दो बार पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया पूरी की जाती है. छात्रों की मांग है कि प्रतिवर्ष दो बार रिसर्च के लिए प्रवेश प्रक्रिया अपनाई जाए. पीएचडी की जो सीटें खाली हैं, विभागवार उनकी लिस्ट जारी की जाए और छात्रों को प्रवेश मिले.

कराई गई परीक्षा का परिणाम घोषित हो : धरने पर बैठे छात्रों का कहना है कि, जिन विभागों में शोध की सीटें खाली हैं, उनकी बुलेटिन जारी की जाए. साथ ही छात्रों को प्रवेश दिया जाए. इसके अलावा जो परीक्षा कराई गई है, उसका परिणाम घोषित किया जाए. छात्रों ने कहा कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी तब तक विरोध जारी रहेगा. उनका कहना है कि विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश की प्रक्रिया पूरी नहीं है. सभी विभागों की पीएचडी की रिक्त सीटों की सूची जारी की जाए. उन खाली सीटों पर दाखिला लिया जाए. टेस्ट B में सम्मिलित सभी अभ्यार्थियों का का रिजल्ट जारी किया जाए. साथ ही रिजल्ट को चैलेंज करने का ऑप्शन मिले.

कॉलेजों की रिक्त सीटों को प्रवेश प्रक्रिया में करें शामिल : छात्रों की मांग है कि सभी विभागों से रिक्त सीटों की सूची मंगवाकर एग्जेंप्टेड कैटेगरी में इसी सत्र में अभ्यार्थियों को प्रवेश दिया जाए. विश्वविद्यालय से सबंधित सभी कॉलेज की रिक्त सीटों की सूची मंगाकर शोध प्रवेश प्रक्रिया में शामिल किया जाए. अलाइड विषयों की सीटों को लेकर शोध प्रक्रिया कैसी हो इसको लेकर विश्वविद्यालय अपना पक्ष स्पष्ट करें. अपनी इन मांगों को लेकर धरनारत छात्र बीएचयू के कैंपस में बैठे हुए हैं. इसके साथ ही उनका कहना है जब तक उनकी मांगें मान नहीं ली जाती हैं वे धरने पर ही बैठे रहेंगे.


यह भी पढ़ें : IMS BHU Varanasi: 113 सीनियर रेजिडेंट के पद खाली, अब वैकेंसी निकालने की तैयारी

यह भी पढ़ें : अपार्टमेंट से गिरकर BHU के रिटायर्ड प्रोफेसर की मौत, मानसिक रूप से थे बीमार

वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक बार फिर से शोध छात्रों का प्रदर्शन शुरू हो गया है. शोध में प्रवेश को लेकर छात्रों ने शुक्रवार शाम से कैंपस में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. इन छात्रों की मांग है कि हर साल दो बार शोध के लिए प्रवेश प्रक्रिया की जाए. इसके साथ ही जो सीटें पीएचडी की खाली हैं उनको लेकर विभागवार सूची जारी की जाए और उन सीटों पर छात्रों को प्रवेश दिया जाए. छात्रों का कहना है कि पिछले साल के दाखिले की प्रक्रिया को पूरा किया जाए. विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश की प्रक्रिया पूरी नहीं है. उसे पूरा किया जाए.


काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में शोध प्रवेश परीक्षा को लेकर एक बार फिर मामला उठ गया है. विश्वविद्यालय में छात्र धरने पर बैठे हुए हैं. शुक्रवार शाम को ही छात्र धरने पर बैठे थे. शनिवार सुबह ही दर्जनों छात्र विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक कार्यालय पहुंचे. इस दौरान उनके हाथों में किताबें थीं. विरोध करने वालों में बीएचयू से पीएचडी करने वाले छात्रों के अलावा परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र भी शामिल रहे. इन छात्रों ने अपनी पांच मुख्य मांगें विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने रखी हैं, जिसको लेकर वे लगातार धरने पर ही रहने की बात कर रहे हैं.

रिसर्च के लिए दो बार हो प्रवेश प्रक्रिया : परीक्षा नियंत्रक कार्यालय पहुंचे छात्रों ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया. धरने पर बैठे छात्रों का कहना है कि पिछले साल के दाखिले की प्रक्रिया को पूरा कराने की मांग हो रही है, लेकिन पूरी नहीं की जा रही. विश्वविद्यालयों में नए सत्र में दाखिले के लिए आवेदन मांगे जाने लगे हैं, लेकिन अभी तक पिछले साल के प्रवेश नहीं हो पाए हैं, जबकि दूसरे संस्थानों में प्रतिवर्ष दो बार पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया पूरी की जाती है. छात्रों की मांग है कि प्रतिवर्ष दो बार रिसर्च के लिए प्रवेश प्रक्रिया अपनाई जाए. पीएचडी की जो सीटें खाली हैं, विभागवार उनकी लिस्ट जारी की जाए और छात्रों को प्रवेश मिले.

कराई गई परीक्षा का परिणाम घोषित हो : धरने पर बैठे छात्रों का कहना है कि, जिन विभागों में शोध की सीटें खाली हैं, उनकी बुलेटिन जारी की जाए. साथ ही छात्रों को प्रवेश दिया जाए. इसके अलावा जो परीक्षा कराई गई है, उसका परिणाम घोषित किया जाए. छात्रों ने कहा कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी तब तक विरोध जारी रहेगा. उनका कहना है कि विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश की प्रक्रिया पूरी नहीं है. सभी विभागों की पीएचडी की रिक्त सीटों की सूची जारी की जाए. उन खाली सीटों पर दाखिला लिया जाए. टेस्ट B में सम्मिलित सभी अभ्यार्थियों का का रिजल्ट जारी किया जाए. साथ ही रिजल्ट को चैलेंज करने का ऑप्शन मिले.

कॉलेजों की रिक्त सीटों को प्रवेश प्रक्रिया में करें शामिल : छात्रों की मांग है कि सभी विभागों से रिक्त सीटों की सूची मंगवाकर एग्जेंप्टेड कैटेगरी में इसी सत्र में अभ्यार्थियों को प्रवेश दिया जाए. विश्वविद्यालय से सबंधित सभी कॉलेज की रिक्त सीटों की सूची मंगाकर शोध प्रवेश प्रक्रिया में शामिल किया जाए. अलाइड विषयों की सीटों को लेकर शोध प्रक्रिया कैसी हो इसको लेकर विश्वविद्यालय अपना पक्ष स्पष्ट करें. अपनी इन मांगों को लेकर धरनारत छात्र बीएचयू के कैंपस में बैठे हुए हैं. इसके साथ ही उनका कहना है जब तक उनकी मांगें मान नहीं ली जाती हैं वे धरने पर ही बैठे रहेंगे.


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