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राहुल गांधी के खिलाफ प्रधानमंत्री पर की गई अभद्र टिप्पणी का मामला एमपी-एमएलए कोर्ट ट्रांसफर करने की मांग - DEFAMATION CASE RAHUL GANDHI - DEFAMATION CASE RAHUL GANDHI

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राहुल गांधी द्वारा कथित अभद्र टिप्पणी का मामला वादी ने विशेष अदालत में मामला स्थानांतरित किए जाने की मांग की है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 4, 2024, 9:51 PM IST


लखनऊः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कथित अभद्र टिप्पणी करने को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ दायर परिवाद को खारिज करने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली निगरानी याचिका पर अगली सुनवाई 14 मई को होगी. निगरानीकर्ता दिलीप श्रीवास्तव की ओर से अधिवक्ता राजेश श्रीवास्तव एवं प्रवीण सिंह के द्वारा वकालतनामा दाखिल किया गया, जिसे अदालत ने पत्रावली पर लिए जाने का आदेश दिया. दूसरी ओर दिलीप कुमार श्रीवास्तव की ओर से सत्र अदालत के समक्ष एक प्रार्थना पत्र देकर मामले को विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए की अदालत में स्थानांतरित किए जाने की मांग की है.

दिलीप श्रीवास्तव की ओर से अधिवक्ता राजेश श्रीवास्तव ने अदालत को बताया कि राहुल गांधी सांसद हैं. सांसद एवं विधायकों के मामलों को सुने जाने का अधिकार विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट को है। लिहाजा इस मामले को विशेष अदालत में स्थानांतरित किया जाए. जिस पर सत्र न्यायाधीश ने वर्तमान अदालत से रिपोर्ट तलब की है. निगरानी पर राहुल गांधी की ओर से अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल पहले ही वकालतनामा दाखिल कर चुके है.


पत्रावली के अनुसार वादी दिलीप श्रीवास्तव ने विशेष एसीजेएम एमपीएमएलए की कोर्ट में राहुल गांधीके ख़िलाफ़ परिवाद दायर करके आरोप लगाया था कि 18 मार्च 2018 को एआईसीसी की मीटिंग में राहुल गांधी ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री की तुलना ललित मोदी और नीरव मोदी से किया, जो भ्रष्टाचार में मामले में लिप्त थे. आरोप है कि राहुल गांधी ने यू ट्यूब के ज़रिए समाज में प्रधानमंत्री के उपनाम मोदी को लेकर मानहानि कारक टिप्पणी की है और उनके वक्तव्यों से वादी को मानसिक व शारीरिक आघात भी पहुंचा है. सुनवाई के बाद कोर्ट ने परिवाद को खारिज कर दिया था.

इसे भी पढ़ें-स्वामी प्रसाद मौर्य और बेटी संघमित्रा के खिलाफ गैर जमानती वारंट, कथित पति पर जानलेवा हमले का मामला


लखनऊः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कथित अभद्र टिप्पणी करने को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ दायर परिवाद को खारिज करने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली निगरानी याचिका पर अगली सुनवाई 14 मई को होगी. निगरानीकर्ता दिलीप श्रीवास्तव की ओर से अधिवक्ता राजेश श्रीवास्तव एवं प्रवीण सिंह के द्वारा वकालतनामा दाखिल किया गया, जिसे अदालत ने पत्रावली पर लिए जाने का आदेश दिया. दूसरी ओर दिलीप कुमार श्रीवास्तव की ओर से सत्र अदालत के समक्ष एक प्रार्थना पत्र देकर मामले को विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए की अदालत में स्थानांतरित किए जाने की मांग की है.

दिलीप श्रीवास्तव की ओर से अधिवक्ता राजेश श्रीवास्तव ने अदालत को बताया कि राहुल गांधी सांसद हैं. सांसद एवं विधायकों के मामलों को सुने जाने का अधिकार विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट को है। लिहाजा इस मामले को विशेष अदालत में स्थानांतरित किया जाए. जिस पर सत्र न्यायाधीश ने वर्तमान अदालत से रिपोर्ट तलब की है. निगरानी पर राहुल गांधी की ओर से अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल पहले ही वकालतनामा दाखिल कर चुके है.


पत्रावली के अनुसार वादी दिलीप श्रीवास्तव ने विशेष एसीजेएम एमपीएमएलए की कोर्ट में राहुल गांधीके ख़िलाफ़ परिवाद दायर करके आरोप लगाया था कि 18 मार्च 2018 को एआईसीसी की मीटिंग में राहुल गांधी ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री की तुलना ललित मोदी और नीरव मोदी से किया, जो भ्रष्टाचार में मामले में लिप्त थे. आरोप है कि राहुल गांधी ने यू ट्यूब के ज़रिए समाज में प्रधानमंत्री के उपनाम मोदी को लेकर मानहानि कारक टिप्पणी की है और उनके वक्तव्यों से वादी को मानसिक व शारीरिक आघात भी पहुंचा है. सुनवाई के बाद कोर्ट ने परिवाद को खारिज कर दिया था.

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