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तहसीलदार के पद पर पदोन्नति के कोटे को यथावत रखने की मांग, कार्य बहिष्कार कर जताया विरोध - Employees Protest in Collectorate - EMPLOYEES PROTEST IN COLLECTORATE

मंत्रालयिक कर्मचारियों के तहसीलदार के पद पर पदोन्नति के कोटे से छेड़छाड़ नहीं करने की मांग को लेकर मंत्रालयिक कर्मचारियों ने शुक्रवार को आधे दिन का कार्य बहिष्कार किया. कर्मचारियों ने मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी.

Employees Protest in Collectorate
मंत्रालयिक कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 6, 2024, 4:35 PM IST

मंत्रालयिक कर्मचारियों ने आधे दिन का कार्य बहिष्कार कर की ये मांग (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: राजस्थान राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारी संघ के बैनर तले शुक्रवार को मंत्रालयिक कर्मचारियों ने आधे दिन का कार्य बहिष्कार किया. मंत्रालयिक कर्मचारियों के तहसीलदार के पद पर पदोन्नति के कोटे को यथावत रखने एवं किसी भी तरह की कोई छेड़छाड़ न करने की मांग की गई. संघ के अध्यक्ष राकेश पाराशर के नेतृत्व में कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट में नारेबाजी की और जयपुर के नए कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी को इस संबंध में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिया.

राजस्थान राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राकेश पाराशर के नेतृत्व में मंत्रालयिक कर्मचारी कलेक्ट्रेट में एकत्रित हुए और यहां तहसीलदार पद पर पदोन्नति के कोटे से छेड़छाड़ नहीं करने के लिए प्रदर्शन किया. राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारियों ने शुक्रवार को आधे दिन का कार्य बहिष्कार भी किया. कर्मचारी संघ ने चेतावनी दी कि यदि उनके कोटे से कोई छेड़छाड़ होती है, तो मंत्रालयिक कर्मचारी प्रदेश में एक बड़ा आंदोलन करेंगे.

पढ़ें: सचिवालय कूच करने वाले मंत्रालयिक कर्मचारियों को पुलिस ने रोका, जमकर हुई धक्का-मुक्की

पाराशर ने बताया कि राजस्व विभाग, भू-प्रबन्ध विभाग एवं उपनिवेशन विभाग के मंत्रालयिक सवंर्ग के कर्मचारियों के तहसीलदार पद पर पदोन्नति के लिए 25 प्रतिशत कोटा आरक्षित है, इसे यथावत रखा जाए. यदि राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारियों के तहसीलदार पदोन्नति में आरक्षित पदों को कम किया जाता है अथवा छेड़छाड़ की जाएगी तो राजस्थान राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारी संघ इसका पुरजोर विरोध करेगा.

पढ़ें: मंत्रालयिक कर्मचारियों का फूटा गुस्सा, RTDC चेयरमैन को घेरा...कल लेंगे जल समाधि

पाराशर ने बताया कि मंत्रालयिक कर्मचारियों के कोटे के कारण तहसीलदारों के पदों पर मंत्रालयिक कर्मचारियों की संख्या बढ़ रही है. इसके कारण अन्य कैडर के संगठनों को दिक्कत हो रही है. अन्य कैडर के संगठन सरकार को ज्ञापन देकर बेवजह दबाव बना रहे हैं कि तहसीलदार के पद पर पदोन्नति के कोटे में मंत्रालयिक कर्मचारियों का कोटा कम किया जाए. पाराशर ने बताया कि पिछली गहलोत सरकार में मंत्रालयिक कर्मचारियों ने महापड़ाव डाला था. उस समय हुए समझौते में यह तय किया गया था कि सरकार मंत्रालयिक कर्मचारियों के तहसीलदार के पद पर पदोन्नति के कोटे में कोई छेड़छाड़ नहीं करेगी. उसे यथावत रखा जाएगा, लेकिन जब से भजनलाल सरकार आई है, तब से अन्य कैडर के संगठन ज्ञापन व अन्य माध्यम से सरकार पर बेवजह दबाव बना रहा है कि तहसीलदारों के पदों पर पदोन्नति के कोटे में मंत्रालयिक कर्मचारियों का कोटा कम किया जाए.

पढ़ें: मंत्रालयिक कर्मचारियों का 15वें दिन भी महापड़ाव जारी, सीएम अशोक गहलोत को पोस्टकार्ड भेज दी जन्मदिन की बधाई

पाराशर ने कहा कि अनुभव रखने वाला मंत्रालयिक कर्मचारी किसी भी रूप में कमजोर नहीं है, वह एकजुट है. किसी एक कैडर को फायदा देने के लिए दूसरे कैडर के कर्मचारियोंं के साथ कुठाराघात न किया जाए. उन्होंने बताया कि 9 सितंबर को राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित होगी जिसमें जयपुर कलेक्टर भी शामिल होंगे. उसमें राजस्व विभाग, भू-प्रबन्ध विभाग एवं उपनिवेशन विभाग के मंत्रालयिक सवंर्ग के कर्मचारियों के तहसीलदार पद पर पदोन्नति के लिए आरक्षित कोटे को यथावत रखा जाना चाहिए. मंत्रालयिक कर्मचारियों के कोटे के साथ यदि कोई छेड़छाड़ की जाती है तो मंत्रालयिक कर्मचारी प्रदेशभर में एक बड़ा आंदोलन करेंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

मंत्रालयिक कर्मचारियों ने आधे दिन का कार्य बहिष्कार कर की ये मांग (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: राजस्थान राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारी संघ के बैनर तले शुक्रवार को मंत्रालयिक कर्मचारियों ने आधे दिन का कार्य बहिष्कार किया. मंत्रालयिक कर्मचारियों के तहसीलदार के पद पर पदोन्नति के कोटे को यथावत रखने एवं किसी भी तरह की कोई छेड़छाड़ न करने की मांग की गई. संघ के अध्यक्ष राकेश पाराशर के नेतृत्व में कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट में नारेबाजी की और जयपुर के नए कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी को इस संबंध में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिया.

राजस्थान राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राकेश पाराशर के नेतृत्व में मंत्रालयिक कर्मचारी कलेक्ट्रेट में एकत्रित हुए और यहां तहसीलदार पद पर पदोन्नति के कोटे से छेड़छाड़ नहीं करने के लिए प्रदर्शन किया. राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारियों ने शुक्रवार को आधे दिन का कार्य बहिष्कार भी किया. कर्मचारी संघ ने चेतावनी दी कि यदि उनके कोटे से कोई छेड़छाड़ होती है, तो मंत्रालयिक कर्मचारी प्रदेश में एक बड़ा आंदोलन करेंगे.

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पाराशर ने बताया कि राजस्व विभाग, भू-प्रबन्ध विभाग एवं उपनिवेशन विभाग के मंत्रालयिक सवंर्ग के कर्मचारियों के तहसीलदार पद पर पदोन्नति के लिए 25 प्रतिशत कोटा आरक्षित है, इसे यथावत रखा जाए. यदि राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारियों के तहसीलदार पदोन्नति में आरक्षित पदों को कम किया जाता है अथवा छेड़छाड़ की जाएगी तो राजस्थान राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारी संघ इसका पुरजोर विरोध करेगा.

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पाराशर ने बताया कि मंत्रालयिक कर्मचारियों के कोटे के कारण तहसीलदारों के पदों पर मंत्रालयिक कर्मचारियों की संख्या बढ़ रही है. इसके कारण अन्य कैडर के संगठनों को दिक्कत हो रही है. अन्य कैडर के संगठन सरकार को ज्ञापन देकर बेवजह दबाव बना रहे हैं कि तहसीलदार के पद पर पदोन्नति के कोटे में मंत्रालयिक कर्मचारियों का कोटा कम किया जाए. पाराशर ने बताया कि पिछली गहलोत सरकार में मंत्रालयिक कर्मचारियों ने महापड़ाव डाला था. उस समय हुए समझौते में यह तय किया गया था कि सरकार मंत्रालयिक कर्मचारियों के तहसीलदार के पद पर पदोन्नति के कोटे में कोई छेड़छाड़ नहीं करेगी. उसे यथावत रखा जाएगा, लेकिन जब से भजनलाल सरकार आई है, तब से अन्य कैडर के संगठन ज्ञापन व अन्य माध्यम से सरकार पर बेवजह दबाव बना रहा है कि तहसीलदारों के पदों पर पदोन्नति के कोटे में मंत्रालयिक कर्मचारियों का कोटा कम किया जाए.

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पाराशर ने कहा कि अनुभव रखने वाला मंत्रालयिक कर्मचारी किसी भी रूप में कमजोर नहीं है, वह एकजुट है. किसी एक कैडर को फायदा देने के लिए दूसरे कैडर के कर्मचारियोंं के साथ कुठाराघात न किया जाए. उन्होंने बताया कि 9 सितंबर को राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित होगी जिसमें जयपुर कलेक्टर भी शामिल होंगे. उसमें राजस्व विभाग, भू-प्रबन्ध विभाग एवं उपनिवेशन विभाग के मंत्रालयिक सवंर्ग के कर्मचारियों के तहसीलदार पद पर पदोन्नति के लिए आरक्षित कोटे को यथावत रखा जाना चाहिए. मंत्रालयिक कर्मचारियों के कोटे के साथ यदि कोई छेड़छाड़ की जाती है तो मंत्रालयिक कर्मचारी प्रदेशभर में एक बड़ा आंदोलन करेंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

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