वाराणसी : ज्ञानवापी मामले में ASI सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद लगातार तमाम लोगों के बयान आ रहे हैं. अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री दंडी स्वामी जितेंद्रनन्द सरस्वती ने कहा है कि मुस्लिम पक्ष बड़ा दिल दिखाए और बिना किसी विवाद के ज्ञानवापी हिंदुओं को सौंप दे. इसी तरह प्रयागराज में हिंदू संरक्षण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौनी महाराज ने कहा है कि जिस तरह अयोध्या में रामलला विराजे हैं, उसी तरह काशी में बाबा विश्वनाथ का मंदिर बनेगा. इसी क्रम में राज्य मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा है कि ज्ञानवापी में मंदिर होने के प्रमाण मिले हैं.
वाराणसी में स्वामी जितेंद्रनन्द सरस्वती ने कहा अखिल भारतीय संत समिति ASI रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने की प्रशंसा करती है. 839 पन्नों की रिपोर्ट वहां मंदिर होने की पुष्टि करती है. प्रसिद्ध इतिहासकार यदुनाथ सरकार ने सन 1669 में ज्ञानवापी में मंदिर को औरंगजेब द्वारा तुड़वाए जाने की बात लिखी है. इसके साथ वाराणसी के तत्कालीन डीएम की बात भी सच हो रही है और काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध इतिहासकार प्रोफेसर अल्टेकर ने जिन बातों की पुष्टि की थी, वही सब ASI सर्वे में पाई गईं. मुस्लिम समाज से इतना ही निवेदन करेंगे कि थाल में सजाकर ज्ञानवापी हिंदुओं को सौंप दें. हमारे धैर्य की परीक्षा ना लें.
राज्य मंत्री नरेंद्र कश्यप बोले- ज्ञानवापी में मिले हैं मंदिर के प्रमाण
उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा है कि ज्ञानवापी में मंदिर के प्रमाण मिले हैं, लेकिन इस संबंध में निर्णय कोर्ट को ही लेना है. वहीं उन्होंने इंडिया गठबंधन को लेकर कहा है कि अब यह गठबंधन सिर्फ एक रस्म अदायगी का ही गठबंधन बनकर रह गया है. शुक्रवार को संभल में राज्य मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि ज्ञानवापी में मंदिर होने के प्रमाण मिल रहे हैं, लेकिन इसमें न्यायालय को निर्णय लेना है. इंडिया गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा कि यह गठबंधन सिर्फ कागजी गठबंधन है, इस गठबंधन में समन्वय नहीं है, विचार नहीं है, नेतृत्व नहीं है और कार्यक्रम नहीं है. देश में अब यह स्पष्ट हो गया है.
मंत्री जयवीर सिंह बोले-हमारी सनातन संस्कृति और धरोहर पर होते रहे हमले
फिरोजाबाद में ज्ञानव्यापी मामले में सर्वे की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह ने कहा है कि हमारी सनातन संस्कृति पर हमले होते रहे हैं. यह राम मंदिर से स्पष्ट हो गया है. कोर्ट ने राम मन्दिर पर अपना निर्णय सुना दिया, उसी निर्णय के बाद वहां पर 500 वर्षों की तपस्या के बाद भगवान राम का विशाल मंदिर बना है.