अलवर : श्राद्ध पक्ष के 15 दिन पितरों को प्रसन्न करने वाले होते हैं. पितरों को प्रसन्न करने के लिए यजमानों की ओर से मनपसंद भोजन और पकवान का भोग लगाया जाता है. इन दिनों श्राद्ध पक्ष में हलवाइयों को तरह-तरह के व्यंजन तैयार करने के ऑर्डर मिल रहे हैं. इनमें मालपुए और इमरती पितरों की डिमांड ज्यादा है. यही कारण है कि अलवर में इन दिनों हर रोज हलवाइयों को 30 किलोग्राम मालपुए और इमरती तैयार करने का ऑर्डर मिल रहा है.
मालपुए तैयार करना होता है आसान : मालपुए तैयार करना घरों में मुश्किल होता है, लेकिन लोग हलवाइयों को ऑर्डर देकर मालपुए तैयार करा रहे हैं. हलवाइयों का कहना है कि जब से श्राद्ध पक्ष शुरू हुए हैं, तभी से बाजार में हर दिन हलवाइयों को करीब 30 किलोग्राम मालपुए तैयार करने के ऑर्डर मिल रहे हैं. श्राद्ध पक्ष के अलावा मालपुए का ऑर्डर कभी कभार ही मिल पाता है. मालपुए की ज्यादा डिमांड होने का कारण है कि यह आसानी से तैयार हो जाते हैं. इन्हें तैयार करने में विशेष सामग्री की जरूरत भी नहीं होती और कीमत भी ज्यादा नहीं होती. लक्ष्मी मिष्ठान भंडार के ओनर हितेश ठाकुर ने बताया कि इन दिनों अलवर में वनस्पति घी से तैयार मालपुए की कीमत 180 रुपए प्रति किलोग्राम और देशी घी के मालपुए के भाव 380 रुपए प्रति किलोग्राम हैं. इमरती के भाव भी 240 रुपए प्रति किलोग्राम चल रहे हैं.
इसे भी पढ़ें. Pitra Paksha 2024: कौवे के बिना अधूरा होता है श्राद्ध, जाने कारण और मान्यता - Pitra Paksha 2024
ऑर्डर पर बनाए जाते हैं मालपुए : हितेश ठाकुर ने बताया कि श्राद्ध पक्ष में मालपुए की डिमांड इतनी ज्यादा है कि लोगों को पहले ही ऑर्डर देना होता है. ऑर्डर के आधार पर ही हलवाई मालपुए तैयार करते हैं. यही कारण है कि श्राद्ध पक्ष में हलवाइयों की दुकानों पर सुबह ही भट्टी शुरू हो जाती है और करीब दो घंटे में मालपुए के ऑर्डर तैयार कर दिए जाते हैं. हितेश ठाकुर ने बताया कि मालपुए व इमरती के अलावा बाजार में कुछ दुकानों पर श्राद्ध का पूरा खाना उपलब्ध रहता है. लोग समय की व्यस्तता के चलते बाजार से पूरा खाना ले जाकर जजमानों को खिलाकर पितरों को प्रसन्न कर रहे हैं.