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स्वतंत्रता दिवस पर धान वाला तिरंगा बैच की बढ़ी डिमांड, सात समंदर पार से भी आ रहे आर्डर - Independence Day 2024

Demand for tricolor batch भिलाई धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में धान की बालियों का भी अपना विशेष महत्व है. इसे देखते हुए स्व सहायता समूह की महिलाओं ने इसका इस्तेमाल तिरंगा बैच बनाने में किया है. आजादी के अमृत महोत्सव पर इन दिनों हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है. इसे लेकर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तिरंगा रैली निकाली जा रही है.Tricolor batch of paddy

Independence Day 2024
धान वाला तिरंगा बैच की बढ़ी डिमांड (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 14, 2024, 6:38 PM IST

भिलाई : भिलाई की संस्था उड़ान एक नई दिशा के सदस्य धान के तिरंगा बैच बना रहे हैं.महिला स्वसहायता समूहों की माने तो रैलियों में धान तिरंगा बैच की मांग बढ़ गई है. 15 अगस्त तक अभियान चलाया जा रहा है.अभियान के प्रति जागरूकता लाने स्कूली विद्यार्थियों, नगरीय निकायों में तिरंगा रैली भी निकाली जा रही है. हर घर तिरंगा अभियान से धान के तिरंगा बैच की मांग बढ़ गई है. करीब चार हजार तिरंगा बैच की डिमांड मिल चुकी है. लेकिन डिमांड के मुताबिक आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं.

कब हुई थी संस्था की शुरुआत : उड़ान नई दिशा समूह की अध्यक्ष निधि चन्द्राकर बताया ने बताया कि संस्था की शुरुआत चार साल पहले की गई थी. दुर्ग-भिलाई ही नहीं प्रदेश के अन्य जिलों की महिलाएं भी संस्था से जुड़ी हैं. पिछले कुछ सालों से बैच का निर्माण किया जा रहा है.अब तक 50 हजार से अधिक तिरंगा बैच समूह की महिलाएं बना चुकी है. संस्था की सदस्य शशि चंद्राकर ने बताया कि समूह से जुड़ी महिलाएं बैच के साथ ही अन्य चीजों का भी निर्माण कर रहीं हैं .इससे उन्हे आर्थिक रूप से काफी लाभ हो रहा है.

धान वाला तिरंगा बैच की बढ़ी डिमांड (ETV Bharat Chhattisgarh)

''संस्था में बैच के अलावा राखियों का भी निर्माण किया जाता है. यहां बने उत्पादों की डिमांड सात समंदर पार तक है.''- सुशीला देशमुख,सदस्य उड़ान नई दिशा समूह

अब तक कितने बैच बने ?: संस्था ने अब तक दो हजार बैच ही बनाए हैं. बैच बनाने के काम में संस्था के पांच सदस्य लगे हुए हैं. बैच को सुखाने में भी काफी समय लगता है. संस्था रक्षाबंधन के लिए राखी बनाने का काम भी करती है. वहीं अब तक 12 हजार राखियां बनाकर सप्लाई की जा चुकी हैंं. संस्था के माध्यम से सदस्यों को रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है.

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कब हुई थी संस्था की शुरुआत : उड़ान नई दिशा समूह की अध्यक्ष निधि चन्द्राकर बताया ने बताया कि संस्था की शुरुआत चार साल पहले की गई थी. दुर्ग-भिलाई ही नहीं प्रदेश के अन्य जिलों की महिलाएं भी संस्था से जुड़ी हैं. पिछले कुछ सालों से बैच का निर्माण किया जा रहा है.अब तक 50 हजार से अधिक तिरंगा बैच समूह की महिलाएं बना चुकी है. संस्था की सदस्य शशि चंद्राकर ने बताया कि समूह से जुड़ी महिलाएं बैच के साथ ही अन्य चीजों का भी निर्माण कर रहीं हैं .इससे उन्हे आर्थिक रूप से काफी लाभ हो रहा है.

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''संस्था में बैच के अलावा राखियों का भी निर्माण किया जाता है. यहां बने उत्पादों की डिमांड सात समंदर पार तक है.''- सुशीला देशमुख,सदस्य उड़ान नई दिशा समूह

अब तक कितने बैच बने ?: संस्था ने अब तक दो हजार बैच ही बनाए हैं. बैच बनाने के काम में संस्था के पांच सदस्य लगे हुए हैं. बैच को सुखाने में भी काफी समय लगता है. संस्था रक्षाबंधन के लिए राखी बनाने का काम भी करती है. वहीं अब तक 12 हजार राखियां बनाकर सप्लाई की जा चुकी हैंं. संस्था के माध्यम से सदस्यों को रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है.

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