अनूपगढ़: सिंचाई के पानी की मांग को लेकर किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में बुधवार को किसानों ने जिला कलेक्ट्रेट के सामने धरना देकर प्रदर्शन किया. इस अवसर पर किसानों ने इंदिरा गांधी नहर परियोजना के तहत प्रथम चरण में सिंचाई पानी की मांग की.
सिंचाई रेगुलेशन में संशोधन की मांग: किसान नेता श्योपत राम मेघवाल ने बताया कि किसानों की मुख्य मांग यह है कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना के तहत चार में से दो समूह को सिंचाई पानी उपलब्ध कराया जाए. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन उनकी मांगों को नजरअंदाज करता है, तो 16 अक्टूबर को अनूपगढ़ जिले के उपखंड कार्यालयों के सामने मुख्यमंत्री का विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. किसानों ने पाले से खराब हुई सरसों की फसल के लिए घोषित मुआवजे और दो साल पहले रावला क्षेत्र में राजफैड द्वारा खरीदी गई सरसों का भुगतान करने की भी मांग की है. सभा के दौरान यह निर्णय लिया गया कि अगर प्रशासन और सरकार उनकी मांग नहीं मानते हैं, तो वे अपनी आवाज उठाने से पीछे नहीं हटेंगे.
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मूंग की सरकारी खरीद की मांग: किसान नेता राजू जाट ने बताया कि मूंग की सरकारी खरीद की भी मांग की जा रही है. उन्होंने कहा कि 2021-22 में पाले से खराब हुई सरसों का मुआवजा किसानों को तुरंत मिलना चाहिए. सत्य प्रकाश सियाग ने कहा कि किसान कई बार जिला प्रशासन को अपनी समस्याओं के बारे में बता चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया.
आंदोलन को तेज करने की चेतावनी: किसानों में प्रशासन और सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है. उनका कहना है कि सिंचाई विभाग जानबूझकर उन्हें पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं करवा रहा है. किसानों ने मांग की है कि रेगुलेशन में आंशिक संशोधन किया जाए ताकि उन्हें जरूरत के अनुसार पानी मिल सके.