नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर छेड़छाड़ के अपराधों समेत यौन अपराधों में पीड़िता की पहचान उजागर न करने का निर्देश देने की मांग की गई है. याचिका बुराड़ी के रहने वाले सेंसर पाल सिंह दायर किया है. इसमें आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई घटना का हवाला देते हुए कहा गया है कि व्हाट्सऐप, फेसबुक, एक्स समेत कुछ न्यूज चैनल और अन्य सभी पक्षकारों को आदेश जारी कर पीड़िता का नाम, पता, घटना से जुड़े तथ्यों का खुलासा नहीं किए जाने का निर्देश देने की मांग की गई है.
याचिका में केंद्र सरकार और अन्य एजेंसियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म समेत कुछ निजी न्यूज चैनल्स द्वारा उस घटना की एफआईआर और पीड़िता की जानकारी प्रसारित करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. साथ ही कहा गया है कि भविष्य में इस मामले से जुड़ी जानकारी प्रसारित न करने और जब भी महिला के साथ छेड़छाड़ के अपराधों सहित यौन अपराधों की किसी घटना के मीडिया या सोशल मीडिया में प्रसारण करते समय सावधानी बरतने और पीड़िता का नाम, पता और एफआईआर जैसी चीजें प्रसारित न करने का निर्देश देने की मांग करते हुए कहा गया है कि हाईकोर्ट इसके लिए दिशा-निर्देश जारी करे.
बता दें, पीड़िता की पहचान को उजागर कर निपुण सक्सेना के केस में सुप्रीम कोर्ट ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, सोशल मीडिया इत्यादि पर पीड़िता का नाम या पहचान उजागर नहीं करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किया था. यहां तक कि अगर पीड़िता की मौत हो गई हो तब भी पीड़िता की नजदीकी रिश्तेदार या सेशंस जज की अनुमति के बिना नाम या पहचान उजागर नहीं किया जाए.
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