नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने रविवार को प्रेस वार्ता कर कहा है कि पिछले 5 साल से हम केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से प्रदूषण के मुद्दे पर मिलने का समय मांग रहे हैं, लेकिन वह समय नहीं दे रहे हैं. दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में पहुंचने पर आर्टिफिशियल रेन करने के लिए विभिन्न विभागों से अनुमति की जरूरत होती है. ऐसे में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखकर मीटिंग बुलाने की मांग की गई है.
इतना ही नहीं दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री राय ने ये भी कहा कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री उनके पत्र का जवाब भी नहीं देते हैं. इस पर दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विरोध जता रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में 31 प्रतिशत प्रदूषण दिल्ली का होता है, बाकी भाजपा शासित आसपास के राज्यों से होता है. सामूहिक प्रयास से ही प्रदूषण की समस्या से हल निकाला जा सकता है. गोपाल राय ने कहा कि 5 सितंबर को प्रदूषण की रोकथाम के लिए बैठक है. मेरी भाजपा और कांग्रेस से अपील है कि वे भी शामिल हो और बताएं कि प्रदूषण के रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए?
Artificial Rain के लिए केंद्र सरकार के कई विभागों की मंज़ूरी की ज़रूरत है। वो मंज़ूरी केंद्र सरकार ही दे सकती है, दिल्ली सरकार नहीं।
— AAP (@AamAadmiParty) September 1, 2024
दिल्ली का प्रदूषण सबके सहयोग से ही कम हो सकता है, विरोध से नहीं।
5 साल से मैं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से मिलने का समय माँग रहा हूँ लेकिन समय… pic.twitter.com/ZLc0run2wy
आर्टिफिशियल रेन के लिए लिखा पत्रः राय ने कहा कि नवंबर में प्रदूषण का स्तर दिल्ली में बढ़ जाता है. इमरजेंसी सिचुएशन दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पंजाब के अंदर पैदा होती है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी प्रदूषण नियंत्रण के लिए लगातार काम कर रही है. इसका असर दिख रहा है. दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार कम हो रहा है. नवंबर में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. इसको लेकर पिछले साल आईआईटी कानपुर ने एक प्रस्ताव रखा था कि दुनिया के कई देशों में इस तरह के प्रदूषण की स्थिति से निपटने के लिए आर्टिफिशियल रेन कराई जाती है.
दिल्ली में पिछले साल आर्टिफिशियल रेन के लिए हमने कोशिश की. आईआईटी कानपुर की तरफ से प्रेजेंटेशन भी दी गई. आर्टिफिशियल रेन के लिए आर्थिक प्रबंधन और कई तरह की अनुमति की जरूरत होती है. पिछली बार समय का अभाव था इसलिए परमिशन नहीं मिल पाई, लेकिन इस बार हम समय रहते आर्टिफिशियल रेन करने के लिए हमने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखकर सहयोग मांगा है. इसमें हमने मांग की थी कि दिल्ली सरकार की केंद्रीय एजेंसियां आईआईटी कानपुर समेत अन्य एजेंसियों के साथ बैठक करें, जिससे नवंबर में प्रदूषण बढ़ने के दौरान आर्टिफिशियल रेन कराई जा सके.
11 डिपार्टमेंट से चाहिए अनुमति : आईआईटी कानपुर ने पिछले साल प्रेजेंटेशन के दौरान बताया था कि किन-किन डिपार्टमेंट के अनुमति की जरूरत पड़ेगी. इसमें डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन, मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस, मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप, मिनिस्ट्री ऑफ़ एनवायरमेंट फॉरेस्ट एंड क्लाइमेटचेंज, गवर्नमेंट ऑफ़ दिल्ली की परमिशन चाहिए. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया की परमिशन चाहिए. गवर्नमेंट ऑफ़ उत्तर प्रदेश इंडियन मेटियोरोलिजकल डिपार्मेंट, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया, ब्यूरो ऑफ एविएशन सिविल सिक्योरिटी की परमिशन चाहिए.
दिल्ली में 69 प्रतिशत प्रदूषण दिल्ली से बाहर का : पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि मैंने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखा तो भारतीय जनता पार्टी के लोग हमारे ऊपर निशाना साधने लगे. ये लोग कह रहे हैं कि हमने कैसे केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिख दिया. मैं कहना चाहता हूं कि दिल्ली में प्रदूषण की समस्या से समाधान सभी लोगों के सहयोग से ही हो सकता है. चूंकि दिल्ली में जो कुल प्रदूषण होता है उसका 31 प्रतिशत दिल्ली का कॉन्ट्रिब्यूशन होता है. बाकी का प्रदूषण उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान से आता है. यहां पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. जुलाई में ही हमने प्रदूषण के मुद्दे पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मन से मीटिंग की थी. इसके बाद ही केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखा है. उत्तर प्रदेश हरियाणा और राजस्थान के मुख्यमंत्री से हमारा संवाद नहीं है, यहां पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, यदि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री थोड़ा सा समय निकाल लेंगे तो समस्या का समाधान हो जाएगा.
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न मिलते हैं और न ही पत्र का जवाब देते हैं: राय ने कहा कि मैं 5 साल से केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से मुलाकात का समय मांग रहा हूं. अब तो वे पत्र का भी जवाब नहीं देते हैं. वह हर साल इग्नोर करते हैं. लेकिन हम हर साल प्रयास करते हैं क्योंकि प्रदूषण की समस्या सबके सहयोग से ही हल हो सकती है. भाजपा के लोग कह रहे हैं कि कनॉट प्लेस में स्मॉग टावर बनाकर पैसा बर्बाद कर दिया. लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि सुप्रीम कोर्ट ने यह स्मोक टावर बनाने का आदेश दिया था. क्या आनंद विहार में भाजपा की तरफ से लगवाए गए स्मॉग टावर में पैसा नहीं डूबा.
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