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दिल्ली जू में बढ़ाई जाएगी जानवरों व पक्षियों की संख्या, इंफ्रास्ट्रक्चर में होगा बदलाव - Delhi Zoo

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 12, 2024, 6:51 PM IST

दिल्ली जू के वनियुक्त डायरेक्टर डॉक्टर संजीत कुमार का कहना है कि दिल्ली जू का कायाकल्प करने के लिए रोड मैप तैयार किया जा रहा है. जू में जानवरों की संख्या को बढ़ाई जाएगी. इसके लिए दूसरे जगहों से नये जानवर लाये जाएंगे.

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डायरेक्टर डॉक्टर संजीत कुमार (ETV Bharat Reporter)
दिल्ली जू में बढ़ाई जाएगी जानवरों की संख्या (ETV Bharat Reporter)

नई दिल्ली: दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क के नवनियुक्त डायरेक्टर डॉक्टर संजीत कुमार ने जू का कायाकल्प करने के लिए रोड मैप तैयार किया है. इसके तहत अकेले रह रहे जानवरों के लिए साथी की तलाश की जाएगी. जू में कुल 28 जानवर और पक्षियां अकेले हैं. इन जानवरों के लिए अगले तीन महीने में साथी लाने का प्रयास किया जाएगा, जिससे इनका प्रजनन होगा और संख्या बढ़ेगी. इसके साथ ही यहां आने वाले लोगों की सुविधा के लिए अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर बदलाव किए जाएंगे. इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने डॉक्टर संजीत कुमार से खास बातचीत की.

सवालः आपकी नई नियुक्ति हुई है. दिल्ली जू में आपने क्या देखा और आगे का क्या रोडमैप तैयार किया है?

जवाबः दिल्ली जू पत्थर की थीम पर बना एक हरा भरा जू है. इस जू में करीब 80 प्रजाति के जानवर हैं. इनको 212 प्रजाति तक ले जाने का मास्टर प्लान है. इसके लिए दिल्ली जू में जानवरों की संख्या बढ़ाने की दिशा में काम किया जाएगा. जो जानवर नहीं हैं. वो दूसरे जू से लाए जाएंगे. जो जानवरों के बाड़े हैं वह पुराने हो चुके हैं. उनमें जगह की भी समस्या है. इस दिशा में काम करने का भी प्लान है.

सवालः जू में हरियाली बहुत अच्छी है. सुंदरता को और बढ़ाने के लिए क्या योजना है ?

जवाबः इस जू में हरियाली अभी और बढ़ाई जाएगी, जिससे जू की सुंदरता भी बढ़े. वेस्ट चीजों से सेल्फी प्वाइंट आदि तैयार करने की भी योजना पर काम चल रहा है. लोग जू घूमने के साथ शिक्षित हो सकें. इस दिशा में भी काम किया जा रहा है. एनिमल या नेचर पर रिसर्च कर रहे विद्यार्थियों को कैसे सुविधा दी जाएगी. इसके लिए काम किया जा रहा है.

सवालः ऐसे कितने जानवर हैं, जो काफी समय से जू में अकेले हैं और उनकी संख्या नहीं बढ़ पा रही है. उनकी संख्या बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

जवाबः दिल्ली जू में करीब 27 जानवर ऐसे हैं, जो अकेले हैं. इनमें अफ्रीकन हाथी जैसे कई एनिमल विदेशी हैं. कुछ देश के अंदर पाए जाने वाले एनिमल हैं, जो अकेले हैं. कुछ पक्षियां भी हैं. अकेले रह रहे इन जानवरों व पक्षियों का जोड़ा बनाने के लिए काम किया जा रहा है. हमारे पास दो गैंडे हैं. दोनों फीमेल हैं. एक मां एक बेटी है. जो मां है उसे असम के गुवाहाटी भेजा जाएगा. वहां से एक मेल गैंडा दिल्ली लाया जाना है. इसके साथ ही अन्य जानवरों के जोड़े बनाने के लिए देश के अंदर जू में बात चल रही है.

ये भी पढ़ें : दिल्ली जू में भीषण गर्मी के मद्देनजर जानवरों का रखा जा रहा विशेष ख्याल, जानिए क्या-क्या किए जा रहे उपाय ?

सवालः बड़ी संख्या में दर्शक यहां आते हैं. दर्शकों के लिए एजुकेशन प्रोग्राम चलाया जाता है. इस प्रोग्राम को वृहद और अच्छा बनाने की क्या कोई योजना है?

जवाबः जू में आने वाले लोगों को जानवरों और प्रकृति के बारे में शिक्षित किया जा सके यह जू का उद्देश्य होता है. स्पेशल डे पर विभिन्न आयोजन किए जाते हैं. स्कूली बच्चों को जागरूक किया जाता है. गर्मियों में समर इंटर्नशिप प्रोग्राम और समर कैंप का आयोजन किया जाएगा. इसके साथ ही वालेंटियर प्रोग्राम आदि किए जाएंगे. जो पहले से चले आ रहे हैं. उन्हें आगे बढ़ाया जाएगा.

जवाबः वेस्ट मैनेजमेंट जू या पब्लिक प्लेस के लिए चैलेंजिंग रहा है. लोग पानी, जूस, कोल्ड ड्रिंक आदि की बोतल को कहीं भी फेंक देते हैं. इससे पर्यावरण को नुकसान होता है. योजना है कि हमारी कैंटीन पर क्यूआर कोड बेस पानी की बोतल मिले, कुछ सिक्योरिटी मनी ली जाएगी. बोलत वापस करने पर पैसा मिल जाएगा. इसके साथ प्लास्टिक को रिसाइकिल कर उसे प्रयोग में लिया जाएगा, जिससे प्लास्टिक पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे.

ये भी पढ़ें : दिल्ली जू के 'शंकर' को साथी की आस, दुनिया भर में हो रही तला

दिल्ली जू में बढ़ाई जाएगी जानवरों की संख्या (ETV Bharat Reporter)

नई दिल्ली: दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क के नवनियुक्त डायरेक्टर डॉक्टर संजीत कुमार ने जू का कायाकल्प करने के लिए रोड मैप तैयार किया है. इसके तहत अकेले रह रहे जानवरों के लिए साथी की तलाश की जाएगी. जू में कुल 28 जानवर और पक्षियां अकेले हैं. इन जानवरों के लिए अगले तीन महीने में साथी लाने का प्रयास किया जाएगा, जिससे इनका प्रजनन होगा और संख्या बढ़ेगी. इसके साथ ही यहां आने वाले लोगों की सुविधा के लिए अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर बदलाव किए जाएंगे. इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने डॉक्टर संजीत कुमार से खास बातचीत की.

सवालः आपकी नई नियुक्ति हुई है. दिल्ली जू में आपने क्या देखा और आगे का क्या रोडमैप तैयार किया है?

जवाबः दिल्ली जू पत्थर की थीम पर बना एक हरा भरा जू है. इस जू में करीब 80 प्रजाति के जानवर हैं. इनको 212 प्रजाति तक ले जाने का मास्टर प्लान है. इसके लिए दिल्ली जू में जानवरों की संख्या बढ़ाने की दिशा में काम किया जाएगा. जो जानवर नहीं हैं. वो दूसरे जू से लाए जाएंगे. जो जानवरों के बाड़े हैं वह पुराने हो चुके हैं. उनमें जगह की भी समस्या है. इस दिशा में काम करने का भी प्लान है.

सवालः जू में हरियाली बहुत अच्छी है. सुंदरता को और बढ़ाने के लिए क्या योजना है ?

जवाबः इस जू में हरियाली अभी और बढ़ाई जाएगी, जिससे जू की सुंदरता भी बढ़े. वेस्ट चीजों से सेल्फी प्वाइंट आदि तैयार करने की भी योजना पर काम चल रहा है. लोग जू घूमने के साथ शिक्षित हो सकें. इस दिशा में भी काम किया जा रहा है. एनिमल या नेचर पर रिसर्च कर रहे विद्यार्थियों को कैसे सुविधा दी जाएगी. इसके लिए काम किया जा रहा है.

सवालः ऐसे कितने जानवर हैं, जो काफी समय से जू में अकेले हैं और उनकी संख्या नहीं बढ़ पा रही है. उनकी संख्या बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

जवाबः दिल्ली जू में करीब 27 जानवर ऐसे हैं, जो अकेले हैं. इनमें अफ्रीकन हाथी जैसे कई एनिमल विदेशी हैं. कुछ देश के अंदर पाए जाने वाले एनिमल हैं, जो अकेले हैं. कुछ पक्षियां भी हैं. अकेले रह रहे इन जानवरों व पक्षियों का जोड़ा बनाने के लिए काम किया जा रहा है. हमारे पास दो गैंडे हैं. दोनों फीमेल हैं. एक मां एक बेटी है. जो मां है उसे असम के गुवाहाटी भेजा जाएगा. वहां से एक मेल गैंडा दिल्ली लाया जाना है. इसके साथ ही अन्य जानवरों के जोड़े बनाने के लिए देश के अंदर जू में बात चल रही है.

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सवालः बड़ी संख्या में दर्शक यहां आते हैं. दर्शकों के लिए एजुकेशन प्रोग्राम चलाया जाता है. इस प्रोग्राम को वृहद और अच्छा बनाने की क्या कोई योजना है?

जवाबः जू में आने वाले लोगों को जानवरों और प्रकृति के बारे में शिक्षित किया जा सके यह जू का उद्देश्य होता है. स्पेशल डे पर विभिन्न आयोजन किए जाते हैं. स्कूली बच्चों को जागरूक किया जाता है. गर्मियों में समर इंटर्नशिप प्रोग्राम और समर कैंप का आयोजन किया जाएगा. इसके साथ ही वालेंटियर प्रोग्राम आदि किए जाएंगे. जो पहले से चले आ रहे हैं. उन्हें आगे बढ़ाया जाएगा.

जवाबः वेस्ट मैनेजमेंट जू या पब्लिक प्लेस के लिए चैलेंजिंग रहा है. लोग पानी, जूस, कोल्ड ड्रिंक आदि की बोतल को कहीं भी फेंक देते हैं. इससे पर्यावरण को नुकसान होता है. योजना है कि हमारी कैंटीन पर क्यूआर कोड बेस पानी की बोतल मिले, कुछ सिक्योरिटी मनी ली जाएगी. बोलत वापस करने पर पैसा मिल जाएगा. इसके साथ प्लास्टिक को रिसाइकिल कर उसे प्रयोग में लिया जाएगा, जिससे प्लास्टिक पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे.

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