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Delhi Zoo में अब इस खास पक्षी की होगी एंट्री, गुवाहाटी से लाए जाएंगे टाइगर और गैंडा - Delhi Zoo Rhinoceros And Tiger - DELHI ZOO RHINOCEROS AND TIGER

Delhi Zoo Rhinoceros And Tiger: दिल्ली चिड़ियाघर में गुवाहाटी से नर गैंडा और धनेश पंक्षी लाए जा रहे हैं. इससे गैंडे के प्रजनन की उम्मीदें बढ़ गई हैं. टाइगर भी लाया जा रहा है. वहीं दिल्ली ज़ू से मादा टाइगर और मादा गैंडे को गुवाहाटी भेजा जाएगा.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 11, 2024, 12:56 PM IST

नई दिल्ली: वाइल्ड लाइफ एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत दिल्ली के चिड़ियाघर में गुवाहाटी चिड़ियाघर से विलुप्तप्राय प्रजाति का नर गैंडा लाया जा रहा है. इससे दिल्ली चिड़ियाघर में गैंडे के प्रजनन की उम्मीदें बढ़ गई हैं. ज़ू में आज तक किसी गैंडे का जन्म नहीं हुआ है. यहां अभी दो गैंडे हैं और दोनों मादा हैं. इसके अलावा विलुप्तप्राय प्रजाति का हॉर्नबिल (धनेश पक्षी) भी लाया जा रहा है. यह पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा.

गुवाहाटी चिड़ियाघर से बंगाल टाइगर भी लाया जा रहा है. विलुप्तप्राय प्रजाति के वन्यजीवों के प्रजनन को महत्व देते हुए चिड़ियाघर में विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं. गुवाहाटी चिड़ियाघर में भी सभी बंगाल टाइगर नर हैं. ऐसे में अब दिल्ली से मादा टाइगर के जाने से वहां भी प्रजनन की उम्मीदें बढ़ गई हैं.

दिल्ली ज़ू से इन जानवरों को भेजा गया गुवाहाटी: दिल्ली ज़ू के डायरेक्टर डॉ. संजीत कुमार ने बताया कि दिल्ली ज़ू से एक फीमेल गैंडा जिसका कान माहेश्वरी, वर्षा नाम की एक फीमेल बंगाल टाइगर, एक जोड़ा नीला पीला मकाऊ, तीन जोड़ी पेंटेड स्टार्क, एक-एक जोड़ी काला मृग व सफेद मृग दिल्ली ज़ू से असम के गुवाहाटी ज़ू में भेजा गया है.

यह भी पढ़ें- एक महीने में एक बार Delhi Zoo घूमने के लिए कर सकते हैं टिकट बुक, जानिए- क्यों की गई ये व्यवस्था?

21 दिन तक चिकित्सकों की निगरानी में रहेंगे जानवर: संजीत कुमार के अनुसार, असम ज़ू से लाने के बाद इन जानवरों और पक्षियों को क्वारंटाइन में रखा जाएगा, 21 दिन तक चिकित्सकों की निगरानी में रहेंगे. इसके बाद उन्हें ज़ू के जानवरों के साथ रखा जाएगा. 176 एकड़ में फैले दिल्ली के नेशनल ज़ूलॉजिकल पार्क (दिल्ली जू) में 84 प्रजाति के जानवर व पक्षियां हैं. पशु पक्षियों के संरक्षण करने वाले ज़ू में दिल्ली ज़ू का नाम है. यहां पर विभिन्न दुर्लभ प्रजाति की पक्षियों को संरक्षित किया गया है.

लेकिन 29 पशु पक्षी दिल्ली जू में ऐसे हैं. जो अकेले हैं या सेम सेक्स के हैं. ऐसे में उनकी संख्या नहीं बढ़ रही है. ऐसे जानवरों व पक्षियों का जोड़ा बनाने की दिशा में काम हो रहा है. इसके तहत दिल्ली जू और असम के गुवाहाटी स्थित ज़ू से एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत जानवरों व पक्षियों की अदला बदली की जा रही है.

यह भी पढ़ें- अगर आप भी बाघों और चिड़ियों पर करना चाहते हैं रिसर्च, तो आइए दिल्ली चिड़ियाघर - Delhi Zoo For Students

नई दिल्ली: वाइल्ड लाइफ एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत दिल्ली के चिड़ियाघर में गुवाहाटी चिड़ियाघर से विलुप्तप्राय प्रजाति का नर गैंडा लाया जा रहा है. इससे दिल्ली चिड़ियाघर में गैंडे के प्रजनन की उम्मीदें बढ़ गई हैं. ज़ू में आज तक किसी गैंडे का जन्म नहीं हुआ है. यहां अभी दो गैंडे हैं और दोनों मादा हैं. इसके अलावा विलुप्तप्राय प्रजाति का हॉर्नबिल (धनेश पक्षी) भी लाया जा रहा है. यह पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा.

गुवाहाटी चिड़ियाघर से बंगाल टाइगर भी लाया जा रहा है. विलुप्तप्राय प्रजाति के वन्यजीवों के प्रजनन को महत्व देते हुए चिड़ियाघर में विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं. गुवाहाटी चिड़ियाघर में भी सभी बंगाल टाइगर नर हैं. ऐसे में अब दिल्ली से मादा टाइगर के जाने से वहां भी प्रजनन की उम्मीदें बढ़ गई हैं.

दिल्ली ज़ू से इन जानवरों को भेजा गया गुवाहाटी: दिल्ली ज़ू के डायरेक्टर डॉ. संजीत कुमार ने बताया कि दिल्ली ज़ू से एक फीमेल गैंडा जिसका कान माहेश्वरी, वर्षा नाम की एक फीमेल बंगाल टाइगर, एक जोड़ा नीला पीला मकाऊ, तीन जोड़ी पेंटेड स्टार्क, एक-एक जोड़ी काला मृग व सफेद मृग दिल्ली ज़ू से असम के गुवाहाटी ज़ू में भेजा गया है.

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21 दिन तक चिकित्सकों की निगरानी में रहेंगे जानवर: संजीत कुमार के अनुसार, असम ज़ू से लाने के बाद इन जानवरों और पक्षियों को क्वारंटाइन में रखा जाएगा, 21 दिन तक चिकित्सकों की निगरानी में रहेंगे. इसके बाद उन्हें ज़ू के जानवरों के साथ रखा जाएगा. 176 एकड़ में फैले दिल्ली के नेशनल ज़ूलॉजिकल पार्क (दिल्ली जू) में 84 प्रजाति के जानवर व पक्षियां हैं. पशु पक्षियों के संरक्षण करने वाले ज़ू में दिल्ली ज़ू का नाम है. यहां पर विभिन्न दुर्लभ प्रजाति की पक्षियों को संरक्षित किया गया है.

लेकिन 29 पशु पक्षी दिल्ली जू में ऐसे हैं. जो अकेले हैं या सेम सेक्स के हैं. ऐसे में उनकी संख्या नहीं बढ़ रही है. ऐसे जानवरों व पक्षियों का जोड़ा बनाने की दिशा में काम हो रहा है. इसके तहत दिल्ली जू और असम के गुवाहाटी स्थित ज़ू से एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत जानवरों व पक्षियों की अदला बदली की जा रही है.

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