नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में जल मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि दिल्ली जल बोर्ड में जानबूझ कर वित्तीय संकट पैदा किया जा रहा है. दिल्ली वालों का जीवन नर्क में डाला जा रहा है. आतिशी ने सीवर ओवरफ्लो की समस्या पर चिंता जताते हुए मुख्य सचिव को कई निर्देश दिए हैं कि सीवर संबंधित संकट के समाधान की निगरानी करना मुख्य सचिव की जिम्मेदारी होगी. सीवर ओवरफ्लो होने के चलते कई बीमारियां पैदा हो सकती हैं, जिससे दिल्ली में गंभीर स्वास्थ्य संकट पैदा हो सकता है.
सीवर ओवरफ्लो की समस्या: उन्होंने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही से दिल्ली में सीवर संकट के कारण महामारी के कगार पर पहुंच गई है. उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि दिल्ली के सभी हिस्सों में पर्याप्त संख्या में मैन पावर और मशीनें सुनिश्चित की जाएं, जिससे सीवर ओवरफ्लो की समस्या न हो. अगले 48 घंटों के अंदर जल बोर्ड को आवंटित बजट में से पर्याप्त धन जारी किया जाए और जल बोर्ड में जानबूझ कर फंड की कमी पैदा करने के लिए जिम्मेदार सभी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है.
Yesterday I visited Mohan Garden and Nawada after receiving many complaints regarding sewer overflow. Was shocked to see how these areas have been turned into a living hell due to reduction in machines and man-power for sewer maintenance. Despite budgetary allocation by the Delhi… pic.twitter.com/Gggvr82Ezo
— Atishi (@AtishiAAP) August 22, 2024
जल बोर्ड का बजट: सीवर समस्याओं को लेकर आतिशी ने उत्तम नगर में मोहन गार्डन डी ब्लॉक, ए-एक्सटेंशन मोहन गार्डन और डीके रोड का औचक निरीक्षण किया था. इस दौरान जल मंत्री को कई गलियों में सीवर का पानी बाहर बहता हुआ मिला था. गालियां भी क्षतिग्रस्त थीं. इससे लोग परेशान हैं. लोग नारकीय स्थिति में रहने के लिए मजबूर है. गलियों में चलना फिरना भी दूभर है. इस प्रकार के सीवर ओवरफ़्लो से कई बीमारियां पैदा हो सकती हैं, जो एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बन सकती है. वहीं, लोगों ने जल मंत्री को बताया कि जब वे जलबोर्ड के फील्ड स्टाफ को अपनी शिकायतें देते हैं तो वो कहते हैं कि उनके पास मशीनों की कमी है. सीवर रखरखाव के लिए स्टाफ की कमी है और उनके पास बजट नहीं है. इसलिए सीवर लाइन नहीं बदल सकते और फंड नहीं है. इसलिए सीवर मशीनें नहीं बढ़ सकती हैं.
जल बोर्ड को 7195 करोड़ रुपये आवंटित: आतिशी ने कहा कि दिल्ली विधानसभा ने इस वित्त वर्ष में दिल्ली जल बोर्ड को 7195 करोड़ रुपये आवंटित किया है जो दिल्ली के कुल बजट का लगभग 9 फीसद से अधिक है. इस बजट को मंत्रिपरिषद, एलजी, गृह मंत्रालय और दिल्ली विधानसभा द्वारा अनुमोदित किया गया है. इसके बावजूद पूरे वित्तीय वर्ष में दिल्ली जल बोर्ड को अब तक सिर्फ़ 400 करोड़ रुपये ही जारी किए गए हैं.
आतिशी ने मुख्य सचिव को दिए ये निर्देश
- दिल्ली के हर हिस्से में पर्याप्त संख्या में लेबर और मशीनों की तैनाती की जाए, जिससे सीवर ओवरफ्लो न हो.
- अगले 48 घंटों के अंदर दिल्ली जल बोर्ड को आवंटित बजट में से धनराशि जारी किया जाए, जिससे आवश्यक भुगतान हो सकें.
- जानबूझकर वित्तीय संकट पैदा करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए. जिनके कारण दिल्ली स्वास्थ्य संकट के मुहाने पर है.
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