नई दिल्ली: कहावत है अगर हौसला बुलंद हो तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं अपने संघर्ष और जज्बे से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है. आज हम एक ऐसे ही छात्र की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने न सिर्फ अपने जिंदगी के जंग को जीता है बल्कि महीनों कोमा में रहने के बावजूद 12वीं की परीक्षा में 93% अंक हासिल किया. इस छात्रा का नाम माधव शरण है जो दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में रहता है. और पुष्प विहार के एमिटी इंटरनेशनल का छात्र है.
10वीं के बाद आया ब्रेन हेमरेज: अगस्त 2021 में 10वीं की बोर्ड परीक्षा के बाद से माधव की लाइफ में काफी उतार-चढ़ाव आए. खतरनाक हाइपर-डेंस ब्रेन हेमरेज के बाद, माधव को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा जिससे उसके लगभग एक-तिहाई दिमाग पर असर पड़ा. इससे बात करने, समझ, अरिथमेटिक और लिखने जैसे कई काम करने में मुश्किल आने लगी.
बोलना तक भूल गया था: अगले एक साल तक माधव को कई गंभीर सर्जरी से गुजरना पड़ा. उनकी खोपड़ी के एक हिस्से को निकालकर अलग कर दिया गया था. बावजूद इसके माधव ने हौसला नहीं हारा. उसने धीरे-धीरे बोलना शुरू कर दिया. इसके बाद माधव ने अपनी किताबों की तरफ रुख किया. शुरुआत में सबसे ज्यादा परेशानी भाषाओं को समझने में आई. उसके बोलने की और सोचने की क्षमता पर भी बहुत प्रभाव पड़ा था.
यह भी पढ़े- CBSE 10th के रिजल्ट में भी पिछड़ा दिल्ली रीजन, 94.35 प्रतिशत रहा रिजल्ट
खुद से की पढ़ाई: ब्रेन हेमरेज के बाद माधव के लिए पढ़ाई करना चुनौती हो गया था. माधव के पिता ने हार ना मानते हुए माधव को समय और परिस्थितियों से लड़ना सिखाया. 2022 में माधव की स्कूल में वापसी हुई. खुद पढ़ाई में जुट गए. उन्होंने अपने असीम दृढ़ संकल्प की बदौलत सफलता का वो मुकाम हासिल किया जो शायद एक समय नामुमकिन लग रहा था. उसने सीबीएससी 12वीं परीक्षा में 93% अंक हासिल किया. माधव के इस हौसले को आज हर कोई सलाम कर रहा है.
यह भी पढ़े- सरकारी स्कूलों का रिजल्ट शानदार, सीएम केजरीवाल बोले- दिल्ली के सरकारी स्कूलों पर बढ़ा पैरेंटस का भरोसा