नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी एसके गौतम इस माह भारतीय पुलिस सेवा में करीब 33 साल 11 महीने के लंबे कैरियर के बाद रिटायर होने जा रहे हैं. एजीएमयूटी कैडर के 1989 बैच के सीनियर आईपीएस अधिकारी दिल्ली पुलिस के अलावा गोवा, अरूणाचल प्रदेश, मिजोरम और एसएसबी के साथ-साथ एंटी करप्शन ब्रांच में डेप्युटेशन पर रहे हैं. रिटायरमेंट से पहले उन्होंने अपने लंबे समय तक के सर्विस कैरियर की कुछ खास बातों को शेयर किया है और युवा आईपीएस अधिकारियों को कुछ गुरु मंत्र भी दिए हैं.
दिल्ली पुलिस के 'डाउन द मेमोरी लेन' के स्पेशल कार्यक्रम में जनसंपर्क अधिकारी डीसीपी सुमन नलवा ने स्पेशल सीपी एसके गौतम से कई सवालों पर सीधे बातचीत की. मौजूदा समय में हृयूमन रिसोर्स डेवल्पमेंट का चार्ज संभाल रहे आईपीसी एसके गौतम दिल्ली पुलिस में जिला संभालने से लेकर ज्वाइंट सीपी सेंट्रल से होते हुए स्पेशल सीपी पद की जिम्मेदारी तक पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अपने कार्यकाल की कई खास यादों को साझा किया.
अपराधी भी खुद को करते हैं अपडेट
पुलिस सेवा में लंबे समय से कार्यरत स्पेशल सीपी एसके गौतम ने युवा आईपीएस अधिकारियों को सलाह दी कि सर्विस के दौरान सीखना जारी रखें. लगातार सीखते रहें और सीखने में कभी नहीं रहें. अपराधी भी हर रोज अपने को अपग्रेड करने/कुछ सीखने का काम करता हैं. उनको कंट्रोल करने के लिए हमें भी अपने को अपडेट करना होगा. हमें साइंस एंड टेक्नॉलोजी और दूसरे डिवाइस अपडेट करने में अपने को आगे रखना होगा.
नेशनल लॉ सेंटर से कंप्लीट की एलएलएम की डिग्री
स्पेशल सीपी गौतम ने अपने अनुभव को साझा करते हुए यह भी कहा कि मैंने सीखने की परंपरा को कभी बंद नहीं किया. मैं रिटायरमेंट की तरफ जा रहा हूं लेकिन मैंने हाल ही में दिल्ली यूनिवर्सिटी के नेशनल लॉ सेंटर से एलएलएम की डिग्री कंप्लीट की है. उन्होंने कहा कि जनता हमारे पास मदद के लिए आती है. इसलिए एक दिन में एक व्यक्ति या ज्यादा की मदद का भी संकल्प ले सकते हैं. उन्होंने अपने कैरियर के दौरान की कई खास घटनाओं का भी जिक्र किया. ज्वाइंट सीपी सेंट्रल रहने के दौरान पटेल नगर की एक घटना का जिक्र किया.
न्याय-कानून को समझने को लिखीं कई किताब
स्पेशल सीपी गौतम ने कई किताबें भी लिखीं हैं, जिनमें 'संविधान काव्य', 'हर बच्चा बन सकता है जीनियस' शामिल हैं. नई भारतीय न्याय संहिता को अच्छे समझाने के लिए सचित्र 'न्याय महाकाव्य' किताब भी लिखी है. इससे सभी नए कानूनों को समझने में काफी मदद मिल सकेगी. पुलिस महकमें में रहकर गुस्सा नहीं करने पर उनका कहना है कि गुस्से से किसी समस्या का समाधान नहीं होता है. अहंकार और गुस्सा नहीं रखेंगे तो आप अपने काम को बेहतर कर सकते हैं और अपने अधीनस्थ से उसको करवा सकते हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस भारत के दिल में हैं, दिल्ली पुलिस दिल की पुलिस है और दिल्ली पुलिस सर्वश्रेष्ठ पुलिस है.
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