नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने दिल्ली दंगा मामले के आरोपी शरजील इमाम की वैधानिक जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध के नाम पर हिंसा की साजिश रची गई. दिल्ली पुलिस की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद ने हाईकोर्ट में ये बातें कही. हाईकोर्ट जमानत याचिका पर कल यानि 20 मार्च को भी सुनवाई करेगा.
सुनवाई के दौरान अमित प्रसाद ने कहा कि शरजील इमाम का भाषण लोगों को उकसाने के लिए था. उसने अपने भाषण में कहा था कि अगर आप सड़कों पर नहीं उतरोगे तो वे लोग समाप्त कर देंगे. उसके सभी भाषण एक समान थे, जिसमें चक्का जाम, बाबरी, ट्रिपल तलाक और अनुच्छेद 370 की चर्चा थी. उन्होंने कहा कि शरजील इमाम ने चिकन नेक कॉरिडोर जाम कर उत्तर-पूर्व के हिस्से को देश के बाकी हिस्सों के काटने की बात की थी.
इससे पहले हाईकोर्ट ने 11 मार्च को शरजील इमाम की वैधानिक जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. इमाम की ओर से पेश वकील ने कहा था कि उसने अधिकतम 7 साल की सजा की आधी सजा काट ली है. ऐसे में उसको तत्काल जेल से रिहा किया जाए. याचिका में कहा गया है कि शरजील इमाम 28 जनवरी 2020 से हिरासत में है. इसके पहले कड़कड़डूमा कोर्ट ने 17 फरवरी को शरजील इमाम की वैधानिक जमानत याचिका खारिज कर दिया था.
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दरअसल, 30 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने कड़कड़डूमा कोर्ट को निर्देश दिया था कि वो शरजील इमाम की वैधानिक जमानत याचिका पर 17 फरवरी तक सुनवाई पूरी करे. बता दें, दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ यूएपीए के तहत दाखिल चार्जशीट में कहा है कि इमाम ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को अखिल भारतीय स्तर पर ले जाने के लिए बेताब था और ऐसा करने की जी तोड़ कोशिश कर रहा था. दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए, 153ए, 153बी और 505(2) के तहत एफआईआर दर्ज की थी.
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