नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में कल 9 जुलाई को एक मरीज नामक महिला की कथित तौर पर डिलीवरी होने के बाद मौत होने का मामला सामने आया था. इससे खफा उसके परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ की थी जिसकी सूचना पुलिस को पीसीआर कॉल कर दी गई. सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस बल पहुंच गया और स्थिति को नियंत्रण किया गया. इस मामले में जीटीबी अस्पताल की डॉक्टर की तरफ से एक शिकायत भी दी गई थी जिसके बाद अब जीटीबी एनक्लेव थाना पुलिस ने मामले में एक एफआईआर दर्ज कर ली है.
यह एफआईआर जीटीबी अस्पताल की डॉक्टर रचना की ओर से थाने में दी गई लिखित शिकायत के आधार पर की गई है. शिकायत में कई लोगों पर तोड़फोड़ और हमला करने का आरोप लगाया गया था. इसमें जिन लोगों पर आरोप लगाया गया है, उन सभी के खिलाफ पुलिस ने नामजद रिपोर्ट दर्ज की है. उनमें मृतक महिला के पति जुबैर, निवासी मंडोली एक्सटेंशन (दिल्ली), जुबैर का सगा भाई मोहम्मद शोएब (24) और मृतक महिला के पिता मोहम्मद नौशाद (57), निवासी पुराना मुस्तफाबा (दिल्ली) प्रमुख रूप से शामिल है. पुलिस ने इस मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू की है.
ये भी पढ़ें: जीटीबी अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने भीड़ पर लगाया हमले का आरोप, एफआईआर दर्ज करने की मांग
रेजिडेंट डॉक्टर ने भी लगाया हमला करने का आरोप: इस बीच यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज (यूसीएमएस) और गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल के स्त्री रोग विभाग के रेजिडेंट डॉक्टरों ने आरोप लगाया था कि भीड़ ने डॉक्टर पर हमला किया. रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने आरोप लगाया था कि हथियारों से लैस 50 से 70 लोगों की भीड़ ने स्त्री रोग विभाग पर धावा बोल दिया और कर्मचारियों को धमकाने के साथ वहां तोड़फोड़ की. अस्पताल के दरवाजे तोड़ दिए. डॉक्टरों ने भीड़ पर पीजी डॉक्टर के साथ भी मारपीट करने का आरोप लगाया था. इसको गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने अब मामला दर्ज किया है.
आए दिन डॉक्टर्स के साथ होती है मारपीट-बदसलूकी की घटनाएं
जीटीबी अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स अपनी सिक्योरिटी और सेफ्टी की मांग को लेकर यूसीएमएस के बाहर बैठे हैं. अस्पताल और पुलिस प्रशासन से मांग है कि कार्य के दौरान उनकी सुरक्षा सुनिश्चत की जाए. उनका आरोप है कि जिस डॉक्टर के साथ सोमवार को यह घटना घटित हुई वो उसके बाद से काफी डरी और सहमी हुई हैं. महिला डॉक्टर्स का कहना है कि आए दिन मरीजों के तीमारदार (अटेंडेंट्स) उनके साथ बदसलूकी, मारपीट और धमकी आदि की घटनाएं होती रहती हैं लेकिन उसकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जाता है. इसकी वजह से इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं.
ड्यूटी सुरक्षा सुनिश्चित करने को तैनात को गार्ड और पुलिसकर्मी
जूनियर डॉक्टर्स का यह भी कहना है कि जिस डॉक्टर पर हमला हुआ वो खुद का बंद किए हुए हैं और आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं. हमारी मांग है कि पुलिस आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने की कार्रवाई करे. उन्होंने आरोप लगाए कि जिस वक्त घटना हुई और 50 से 60 लोग हथियारों को लेकर अंदर घुस आए उस वक्त ना तो सिक्योरिटी गार्ड कुछ कर पाए और न ही पुलिस. हमने अपनी साथी डॉक्टर को किसी तरह से बचाया. इसलिए उनकी ड्यूटी सुरक्षा सुनिश्चित करने को कुछ गार्ड और पुलिसकर्मियों के इंतजाम किए जाएं. हम अपनी ड्यूटी करते हैं लेकिन इस तरह की आए दिन की घटनाओं को लेकर हमारे परिजन बेहद चिंतित रहते हैं कि उनके साथ कहीं कुछ हो ना जाए.
उधर, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज (यूसीएमएस) और गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल के डॉक्टर्स सुबह से हड़ताल किए हुए हैं. इसकी वजह से अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित चल रही हैं. पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है लेकिन अभी डॉक्टर्स की तरफ से हड़ताल की जा रही है. अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स अस्पताल प्रशासन से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग को लेकर अड़े हैं.